बिना काम के ही कर दिया लाखों रुपए का भुगतान
नारायणपुर । नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ की संस्कृति , सभ्यता और परंपरा को सहेजने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार अबूझमाड़ में देवगुडी और घोटूल निर्माण कार्य कराने को योजना बनाई लेकिन अधिकारी और ठेकेदार सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए सरकार की मंशा को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाते नजर आ रहे है । ताजा मामला अबूझमाड़ के कोहकामेटा में सामने आया जहा सालो पुराना लकड़ी और खद्दर से बना घोटूल अपने जीर्णोधार का इंतजार करता नजर आ रहा है । हाई मास्क लाइट लगे होने के बाउजूद जीर्णोधार के नाम पर सोलर लाइट , रनिग वाटर का कार्य कर लाखो रुपए का भ्रष्टाचार किया गया । ग्रामीणों का कहना है कि घोटूल निर्माण के नाम पर हर बार उन्हें सिर्फ ठगा जा रहा है , जरूरत की जो सामग्री है उन्हे नहीं लगाया जाता है । वही आदिवासी भाजपा नेता सरकार पर संस्कृति , संभ्यता और परंपरा के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल खेलने का आरोप लगा रही है । जनपद पंचायत ओरछा के सीईओ घोटूल निर्माण का कार्य तत्कालीन सीईओ के समय होनें की बात कहकर हुए भ्रष्टाचार पर परदा डालते नजर आए और 36 कार्य में से 28 कार्य निर्माण संवेदनशील इलाका होने के नाम पर निरस्त करने की बात कही । जब 28 कार्य निरस्त हो गए तो फिर इन जगहों पर सोलर लाइट और रनिंग वाटर का निर्माण कार्य कहा कराया गया और भुगतान ठेकदार को कैसे कर दिया गया ये बड़ा सवाल है । ज्ञात हो कि नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के 36 ग्राम पंचायतों में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोटूल भवन और पानी , लाइट की व्यवस्था के लिए सोलर लाइट के साथ रनिंग वाटर का कार्य करवाके इसे सहेजने की योजना बनाई थी ताकि अबूझमाड़ की संस्कृति , सभ्यता और परंपरा बदलते परिवेश में कही खो ना जाए । अबूझमाड़ नक्सली में दहशत के चलते 28 जगहों पर निर्माण कार्य निरस्त कर दिया गया बाऊजुद इसके निरस्त जगह पर सोलर लाइट और रनिंग वाटर के नाम पर लाखो रुपए का भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया । उक्त मामला कोहकामेटा के घोटूल निर्माण कार्य में गढ़बड़ी किए जाने के मामले के बाद में प्रकाश में आया । जहा पर घोटूल का निर्माण कार्य कोहकामेटा ग्राम पंचायत में ना कराके आश्रित ग्राम किहकाड़ में शेड निर्माण कार्य किया गया और सोलर लाइट और रनिंग वाटर का कार्य कोहकामेटा के पुराने घोटूल में किया गया जहा पर पहले से ही सोलर हाई मास्क लाइट और पानी की व्यवस्था थी । राज्य सरकार आदिवासी संस्कृति , सभ्यता और परंपरा को सहेजने के उद्देश्य से योजना बना रही है लेकिन जमीनी अमला योजनाओं को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा कर फलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है , ऐसे में कैसे आदिवासी संस्कृति को सहेजा जायेगा ये एक बड़ा सवाल है ?ग्रामीणों का कहना है कि सालो पहले घोटूल निर्माण कार्य शुरू तो किया गया लेकिन प्लिंथ लेबल आने के बाद आज तक आगे नहीं बढ़ा । जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोटूल को सहेजने की घोषणा की तो ग्रामीणों में फिर आस जगी लेकिन उस आस को भ्रष्टाचार की भेंट ठेकेदार और अधिकारी ने चढ़ा दिया । अब नई सरकार घोटूल का निर्माण कराएगी बोले कलेक्टर भी घोटूल देखकर निर्माण कराने को बात कही लेकिन अब तक घोटूल बना ही नहीं । इसलिए हम खुद ही घोटूल की मरम्मत करके अपनी पहचान और अपनी संस्कृति , परंपरा को बचाने में लगे है ।इस पूरे मामले को लेकर भाजपा राज्य सरकार पर संस्कृति , सभ्यता और परंपरा के नाम पर भ्रष्टाचार करने का तरीका इजाद करने का आरोप लगा रही है । उनका कहना है जब निर्माण कार्य हुआ ही नहीं तो भुगतान कैसे कर दिया गया । कोहकामेटा के सबसे पुराने घोटूल का जीर्णोधार करने के बजाय दूसरे जगह पर टीन शेड बनाया जा रहा है और पहले से सोलर हाई मास्क लाइट लगा होने के बाद फिर सोलर लाइट रनिंग वाटर किया जा रहा है । वही इस पूरे मामले पर जनपद पंचायत ओरछा के सीईओ अभिजीत मंडावी ने कहा कि कोहकामेटा के ग्रामीणों द्वारा दूसरी जगह पर घोटूल निर्माण कार्य करने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत में देने की बात कही तो आश्रित ग्राम किहकाड़ में घोटूल का निर्माण कराया गया है ।
और सोलर लाइट रनिंग वाटर का कार्य तत्कालीन सीईओ द्वारा किया गया है ।