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छत्तीसगढ़

स्वच्छता के प्रति जागरूकता आने पर कम खर्च में होती है सफाई

राजेश अग्रवाल
पत्थलगांव । स्वच्छ शहर के प्रति लोगो मे अब भी जागरूकता का आभाव है,लंबा समय व्यतीत होने के बाद भी लोग स्वच्छता की ओर ध्यान नही दे रहे है,यही कारण है कि शहर मे एक दर्जन से भी अधिक जगहो पर खुले मे कचरे का ढेर लगा आसानी से देखा जा सकता है। सफाई कर्मचारी दिन रात मेहनत करने के बाद भी स्वच्छता के प्रति शहर के लोगो मे जागरूकता नही ला पाये। नगर पंचायत के नवपदस्थ सी.एम.ओ प्रभाकर शुक्ला ने स्वच्छता के प्रति ध्यानाकर्षित कर जल्द ही कचरे के ढेरो की सफाई के अलावा खुले में कचरा फैलाने वाले लोगों पर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिये है। नगर पंचायत में इन दिनो 19 हजार 600सौ रूपये प्रतिदिन खर्चा करने के बाद भी शहर के एक दर्जन से भी अधिक जगहों पर कचरा डंपिंग स्थल बना हुआ है,जो शहर की स्वच्छ तस्वीर के लिए बेहद घातक है,स्वच्छता को मुंह चिढाने वाली ऐसी जगह स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर डालने का काम कर रही है,कचरों के ढेर में लगी आग एवं उसमें से आने वाली रासायनिक गंध अनेक बार लोगो को सांस लेने मे भी तकलीफ पहुंचा रही है। नगर पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिदिन 19 हजार 600 रूपये की लागत लगाकर स्वच्छ शहर बनाने की कोशिश की जाती है,इस हिसाब से महिने का खर्च जोड़ा जाये तो लगभग 5 लाख 88 हजार रूपये स्वच्छता के प्रति नगर पंचायत खर्च कर रही है,इसे लोगो मे जागरूकता का आभाव ही कहा जा सकता है कि प्रति रोज हजारो रूपये खर्च करने के बाद भी लोग घर एवं दुकानो से निकलने वाले कचरे को खुले मे फेंक कर अपनी जिम्मेदारीयों से मुंह मोड रहे है। दुकानदारो की बात करें तो वे अपना कचरा डस्टबिन में ना डालकर उसे सड़क किनारे फेंक देते है।।
सामने आयी सच्चाई-:नगर पंचायत में की गयी पड़ताल के अनुसार वर्तमान में यहा 24 सफाई कर्मचारी मौजूद है,जिनमें 12 महिलाओं के अलावा 12 पुरूष कार्यरत है,इनमें 4 नियमित सफाई कर्मचारी है,जिनकी महिने की पगार लगभग 1 लाख 20 हजार रूपये नगर पंचायत हर माह वहन कर रही है। उसके अलावा 20 सफाई कर्मचारियों की महिने की पगार 9 हजार रूपये है,जिसकी कुल लागत 1 लाख 80 हजार रूपये है। उनके अलावा नगर पंचायत मे 10 कमांडों तैनात है,नगर पंचायत प्रति कमांडो 9 हजार के हिसाब से दस लोगो को 90 हजार रूपये पगार दे रही है। दो स्वच्छता चालक भी यहा मौजूद है,जिनकी पगार 6 हजार रूपये के हिसाब से नगर पंचायत को 12 हजार रूपये देने पडते है। यहा कार्यरत स्वच्छता महिलायें 31 है,जिन्हे नगर पंचायत 6 हजार रूपये के हिसाब से 1 लाख 86 हजार रूपये प्रति माह दे रही है,इस तरह शहर को स्वच्छ बनाने के लिए नगर पंचायत कुल 67 लोगों को काम पर लगा रखी है,जिनके महिने का वेतन जोडा जाये तो लगभग 5 लाख 88 हजार रूपये खर्च आ रहा है।।
बिगड़ा नगर पंचायत का बजट-शहर के लोग खुले में कचरा ना फेंककर उसे डस्टबिन में एकत्रित करते तो कम लागत के साथ कम समय में शहर को बेहतर ढंग से स्वच्छ एवं व्यवस्थित रखा जा सकता था,परंतु कचरा डस्टबिन मे एकत्रित कर उसे नगर पंचायत की वाहन तक देने मे लगने वाला मामूली सा शुल्क को बचाने के लिए लोग घर या दुकान से निकला कचरा सुबह या शाम के दौरान सड़क किनारे लाकर इकट्ठा कर दे रहे है,ऐसा करने से नगर पंचायत का बजट भी बिगड़ा हुआ है। लोगों की जरा सी जागरूकता से सफाई कर्मचारीयों को देने वाले रूपये एवं कार्य करने मे लगने वाला समय को बचाया जा सकता था।

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