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छत्तीसगढ़

ग्राम सुरेशपुर में भागवत कथा की हुई शुरुआत

पत्थलगांव । यहां के करीब ग्राम सुरेशपुर में 5 मई से जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाने वाली कथा भागवत कथा का आयोजन किया गया है। भागवत कथा की शुरुआत 108 कलश कलश यात्रा के साथ की गई। 7 दिनों की संगीतमय भागवत कथा का आयोजन स्व गंगा राम डनसेना, रूपलाल डनसेना,ओम नारायण डनसेना की पुण्य स्मृति में पुत्र एवम पौत्र के द्वारा कराया जा है,इस भागवत कथा का वाचन चित्रोत्पला गंगा किनारे आचार्य मनोज प्रसाद तिवारी द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान का वह भंडार है जो आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार कराकर उसके बैकुंठ ले जाने का मार्ग का प्रशस्त करता है भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, पंडित सुदामा जी महाराज का प्रासंगिक चित्रण बहुत ही सुंदर किया गया है। उन्होंने मौजूद लोगों से कहा जिसे ज्ञात हो जाए मैं कौन हूं यह दुनिया क्या है,उनकी सत्ता क्या है। इन तीनो चीजों को जो आत्मसात कर ले उसके जीवन का उद्धार हो जाता है। उन्होंने बताया इनके पिता ने जो शिक्षा दी उसे सुनकर आत्मदेव परम धाम पधारे। एवं भक्ति ज्ञान की विवेचना 7 दिन ही क्यों की जाती है उसकी विस्तृत रूप से व्याख्या की गई। भागवत कथा के प्रथम दिवस से ही स्थानीय ग्रामीणों के अलावा आसपास के क्षेत्रों के लोगों में भागवत कथा को लेकर काफी उत्साह का माहौल है जहां भागवत कथा के आयोजक द्वारा भागवत कथा के लिए पर्याप्त बैठक व्यवस्था की गई है आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों द्वारा भागवत कथा का रसपान करने के लिए सुबह से सी काफी उत्सुकता देखी जा रही है।

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