मंत्रोच्चार के बीच श्री मारूति महायज्ञ के यजमान का कराया विभिन्न संस्कार
महासमुंद। श्री मारुति महायज्ञ के यजमान विनोद सेवनलाल चंद्राकर व उनके परिवार का महामाया मंदिर में प्रायश्चित संस्कार यज्ञाचार्य पंडित पंकज तिवारी ने विधिविधान से पूर्ण कराया। इस दौरान मंत्रोच्चार के बीच यजमान व उनके परिवार का मुंडन व जनेउ संस्कार के साथ ही दसविध स्नान की प्रक्रिया पूर्ण कराई गई। उत्साहवर्धन के लिए ढोल नगाड़े बजते रहे। बाद इसके महामाया मंदिर में पूजा अर्चना की गई। कल गुरूवार को भव्य कलश यात्रा के साथ श्री मारूति महायज्ञ का आगाज होगा।
छह अप्रैल से दादाबाड़ा में पंच दिवसीय श्री मारूति महायज्ञ आयोजित है। जिसके लिए आज बुधवार को यज्ञाचार्य पं पंकज तिवारी ने यजमान विनोद सेवनलाल चंद्राकर व उनके परिवार का विधि विधानपूर्वक विभिन्न संस्कार कराया। बाद इसके यज्ञ स्थल दादाबाडा से यजमान विनोद सेवनलाल चंद्राकर सपरिवार तथा श्री मारूति महायज्ञ आयोजन समिति के सदस्य साकरकर निवास पहुंचे जहां साकरकर परिवार के भूमिस्थल दादाबाडा में यज्ञ के लिए श्रीमती प्रभा भुवनेश्वर राव साकरकर, दीपक राव साकरकर व प्रकाश राव साकरकर से अनुमति की प्रक्रिया पूर्ण की। इस दौरान आयोजन समिति के संजय शर्मा, बाबूलाल साहू, राजेश नायक, दिलीप जैन, मूलचंद लड्ढा, बद्री लड्ढा, अजय थवाईत आदि मौजूद थे। गौरतलब है कि 6 अप्रैल को श्री हनुमान जी के जन्म उत्सव के अवसर पर भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसे लेकर भी तैयारियां पूरी कर ली गई है। कलश यात्रा दादाबाड़ा से निकलकर मुख्य मार्ग से होते यज्ञस्थल पर समाप्त होगी। इस दौरान जगह-जगह स्वागत की भी तैयारी है। कलश जल यात्रा में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। आज बुधवार को माताओं व बहनों द्वारा कलश श्रृंगार किया गया। समिति के सदस्यों ने बताया कि तीन हजार से अधिक कलश की व्यवस्था की गई है।
सात अप्रैल को पहुंचेंगे मुख्य प्रवर्चनकर्ता
श्री मारूति महायज्ञ में मप्र जावरा के बालयोगी श्री विष्णु अरोड़ा मुख्य प्रवचनकर्ता होंगे। बालयोगी श्री अरोड़ा सात अप्रैल की सुबह महासमुंद पहुंचेंगे। प्रतिदिन सुबह सात से 9 बजे तक पूजन, दस बजे से 12 बजे तक यज्ञ, दोपहर 12 बजे मध्यान्ह आरती, दोपहर दो बजे से चार बजे तक भजन कीर्तन, शाम चार बजे से साढ़े छह बजे तक प्रवचन व शाम सात बजे आरती का कार्यक्रम होगा। समिति के सदस्यों ने बताया कि श्री मारुती महायज्ञ के समापन के दिन विश्राम यात्रा निकाली जाएगी।