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छत्तीसगढ़

चैत्र नवरात्रि का शुभारम्भ, बही श्रद्धा एवं भक्ति की बयार

भिलार्ई। चैत्र नवरात्रि का महापर्व आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि बुधवार 22 मार्च से प्रारम्भ हो गया है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व को लेकर भक्तों एवं श्रद्धालुओं में उत्साह एवं उल्लास का वातावरण को देखने को मिल रहा है। माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप हिमालय की बेटी माँ शैलपुत्री की पूजा कि साथ प्रथम दिवस समस्त शक्तियों का आह्वान किया गया। मंदिरों एवं घरों में आज गजकेसरी, बुधादित्य और सिद्ध मुहूर्त में कलश स्थापना के साथ ही देवी स्थापना कर माँ भगवती का स्वागत किया गया। अब पूरे नौ दिनों तक मां का अपने भक्तों के घर में वास रहेगा। कलश स्थापना के साथ ही Óवारे भी लगाए गए हैं। ये जवारे समृद्धि, शांति, उन्नति और खुशहाली के प्रतीक हैं। कलश विसर्जन के समय नौवें दिन ये Óवारे भी विधि-विधान से विसर्जित कर दिए जाते हैं। चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। पूरे नौ दिनों तक व्रतोपवास कर भक्त एवं श्रद्धालुगण माँ की उपासना कर सुख-शांति की मंगल कामना करते हैं और माँ की आराधना में लीन रहते हैं। आज सुबह से ही शहर में माहौल भक्तिमय हो गया एवं मंदिरों घंटे-घडिय़ाल के बाजे के बीच माँ की स्तुति में जाकर लगते रहे और आरती गान के साथ माँ स्वागत सत्कार किया गया। दुर्गा सप्तशती के पाठ की अनुगूंज भी सुनायी दे रहे है।
डोंगरगढ़ पदयात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रैफिक रूट तैयार
पुलिस अधीक्षक निर्देश तथा उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) के नेतृत्व में यातायात पुलिस द्वारा डोंगरगढ़ दर्शन के लिए जाने वाले पैदल यात्रियों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रूट तैयार किया गया है। रायपुर की ओर से आने वाले पदयात्रियों के लिये कुम्हारी, चरोदा, डबरापारा से खुर्सीपार रेल्वे फाटक होते, सेक्टर की ओर से मुर्गा चौक, ग्लोब चौक, सेक्टर 09 चौक, एम. डी बांग्ला चौक, जेल तिराहा होते महाराजा चौक, पुलगांव से अंजोरा होते राजनांदगांव जा सकेंगे तथा दुर्ग भिलाई के पदयात्री वाय सेफ ब्रिज होते हुए मालवीय नगर, पटेल चौक से पुलगांव होते हुए अंजोरा से राजनांदगांव तक पहुंच सकेंगे। दुर्ग पुलिस ने पदयात्रियों एवं वाहन चालको से अपील की है कि पदयात्री अपने पीठ पर या बैग में रेडियम स्टीकर लगाकर चलें एवं रिफ्लेक्टिव कपडे पहनें, डार्क कलर का कपडा ना पहनें ताकि वाहन चालक को आप आसानी से दिखाई दे सकें। सड़क के एकदम किनारे बायीं ओर चलें, वाहन चलने वाले सडक पर ना चलें ताकि दुर्घटना से बच सकें। देर रात यात्रा प्रारंभ करने से बचें। प्रशासन द्वारा निर्धारित पदयात्रा मार्ग पर ही चलें । पदयात्रा के दौरान सड़क पर विश्राम ना करे अन्यथा एक गंभीर दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं।
हर्षोल्लास से मनाया जा रहा गुड़ी पड़वा
हिन्दू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक गुड़ी पड़वा का त्यौहार भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह महाराष्ट्र प्रदेश में मनाये जाने वाले वसंत ऋतु का पर्व है जिसे बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। महाराष्ट्र मंडल से जुड़े समाजसेवी राजाराम जाधव ने तरुण छत्तीसगढ़ को बताया कि इस दिन गुड़ी को पूरे विधि-विधान से घर पर फहराया जाता है। यह मंगल और समृद्धि का सूचक है साथ ही नयी फसल की खुशी का भी प्रतीक है। युवा कार्यकर्त्ता विवेक जाधव ने बताया कि उन्होंने गुड़ी पड़वा को देखते हुए गुड़ी (पताका) को फहराने के लिए परिवार के साथ तैयारी कर ली है। महाराष्ट्र मंडल द्वारा इस अवसर पर फड़के की मोटिवेशनल स्पीच भी रखी गयी है।

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