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छत्तीसगढ़

सामूहिक भोज में हर साल जुटते हैं 60 से ज्यादा गांवों के 12 हजार लोग

देवभोग । देवभोग ब्लॉक के सीनापाली गॉव की सुखी होली आज क्षेत्रवासियों के बीच पिछले 33 साल से चर्चा का विषय बना हुआ है..सीनापाली की सुखी होली में पानी का बिल्कुल उपयोग नहीं किया जाता.. यहां के ग्रामीण सिर्फ रंग-ग़ुलाल लगाकर भाई चारे और शांति के बीच होली मनाते है.. यहां बताना लाजमी होगा कि गॉव में दस दिन पहले से ही मांस-मदिरा का सेवन बंद कर दिया जाता है। तीन दिन पहले से यज्ञ शुरू होता है और फिर होली के दिन सामूहिक भोज। खास बात यह है कि देवभोग के सीनापाली की इस होली में अब 60 गांवों के 12 हजार से ज्यादा लोग हर साल जुटते हैं।
गॉव के सुधीर अग्रवाल ने बताया कि इस परंपरा की शुरुआत साल 1989 के हुड़दंग से हुई थीं। होलिका दहन के दिन शराब के नशे में डूबे कुछ लोगों ने मारपीट कर दी। इसके बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया। इसके बाद अगले साल 1990 में होली को सादगीपूर्ण मनाने ग्राम पटेल डमरूधर मांझी और तत्कालीन सरपंच बालूराम अग्रवाल समेत गांव के अन्य प्रमुखों ने प्रस्ताव रखा। सुधीर ने बताया कि 33 साल पहले लिए गए निर्णय का समर्थन करते हुए ग्रामीण हर साल सूखी होली खेलकर विवादों से दूर रहकर शांतिपूर्ण तरीके से होली मनाते है..
माता और बहनों की पहली पसंद यहां की सूखी होली: इस बार गॉव 34 वीं सूखी होली खेली जायेगी । सीनापाली की होली की ख्याति अब ब्लॉक ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य ओडिशा तक फैल चुकी है। सीनापाली की सरपंच बिंदिया अग्रवाल बताती हैं कि भयमुक्त होकर यहां महिलाएं होली खेलती हैं। कोई किसी से जोर-जबरदस्ती नहीं करता। सब मिलजुल कर त्योहार मनाते हैं। होली के दिन दूर-दूर से लोग यहां होली खेलने आते हैं। 33 साल में बिना किसी हुड़दंग के सीनापाली में होली खेली जा रही है।
होली के दिन विशेष भंडारे का आयोजन: होली के दिन सीनापाली गॉव में विशेष भंडारे का आयोजन होता है। इस भंडारे में करीब 10 से 12 हजार लोग शामिल होते है..ग्राम पंचायत, स्थानीय लोग व श्रद्धालुओं के सहयोग से भंडारे का सफल संचालन होता है। ग्राम के सारे युवा भोजन, पानी, पार्किंग से लेकर सूखी होली को सफल बनाने जिम्मेदारी संभालते हैं। नाम यज्ञ की पूर्णाहुति होलिका दहन के दिन होती है। अगली सुबह होली के दिन यज्ञ पंडाल में कृष्णजी के रूप में मौजूद शख्स दही-हांडी फोड़ता है। फिर केवल गुलाल से होली खेलने की शुरुआात होती है।
तीन दिनों तक गॉव में नहीं जलता चूल्हा: सीनापाली गॉव में होली के तीन दिन पहले गॉव के सभी लोग एक ही जगह पंडाल में बैठकर भोजन ग्रहण करते है.. पुरे गॉव में तीन दिन तक किसी भी ग्रामीण के यहां चूल्हा नहीं जलता.. ग्रामीण एक ही पंडाल में भोजन कर भाईचारा और एकता की जबरदस्त मिशाल भी पेश करते है.. इतना ही नहीं होलिका दहन से 10 दिन पहले ग्राम में कोई भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करेगा। नियम का पालन हो, उसके लिए गांव के मुख्य चौराहे पर 16 प्रहर यानी तीन दिन पहले से राम नाम जाप यज्ञ कराया जाता है । एकजुटता बनी रहे इसलिए होली तक एक जगह भोजन बनाकर खाने का भी निर्णय लिया जाता है ।

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