खेल – मनोरंजन

खेल प्रतिभाओं को विजयी बनाने चाहिए गहन कोचिंग

ग्रीष्मकालीन खेलकूद प्रशिक्षण शिविर मई-जून 2023, कब होगा आरंभ?

जीवन का कोई भी क्षेत्र हो अगर सफलता प्राप्त करना है तो उसमें निरंतर लगे रहना अर्थात् प्रयासरत होना, जुड़े रहना, कोशिश करते रहना आवश्यक है। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए शैक्षिक मार्ग-दर्शन, उद्योग व्यापार में सफलता के लिए उच्च शिक्षा के साथ व्यवसाय से जुडऩा अत्यंत आवश्यक होता है। ठीक इसी तरह खेलकूद में कामयाबी हासिल करने के लिए प्रशिक्षण शिविर में शामिल होकर संबंधित खेल की तकनीक व रणनीति की जानकारी प्राप्त की जाती है। मुकाबले में विजय पाना साथ ही खेल में ऊंचाईयों को प्राप्त करना प्रत्येक खिलाड़ी का लक्ष्य होता है। खेल क्षेत्र में अपनी उपयोगिता और सिद्धता को प्रदर्शित करने के लिए अपने प्रिय खेल से प्रतिदिन जुड़े रहना आवश्यक होता है। 20वीं सदी में एक ऐसा भी दौर था जब हमारे देश के युवा प्रतिभागी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं के अंतिम समय में पिछड़ जाते थे। प्रमुख रूप से इसकी वजह प्रशिक्षण में कमी को माना जाता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 1860 के सोसायटी एक्ट के अंतर्गत एक अध्यादेश क्रमांक 1-1/83/एस.ए.आई दिनांक 25 जनवरी 1984 के माध्यम से भारत सरकार के खेल विभाग के अंतर्गत द स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया (एस.ए.आई.) का गठन किया। साई के अस्तित्व में आते ही भारत में खेलकूद की दुनिया में क्रांतिकारी परिवर्तन आये। खेलकूद के लिए नये खेल परिसर, स्टेडियम, मैदान का निर्माण, खिलाडिय़ों को संबंधित खेल में प्रशिक्षण के लिए आवास, भोजन, परिवहन, शिक्षा, खेल संबंधी संपूर्ण जानकारी, उच्च प्रशिक्षण प्राप्त कोच से अभ्यास हेतु व्यवस्था करने का शुभारंभ हुआ। इसके साथ ही 20वीं सदी के अंतिम दो दशक से भारत में खेलकूद, खिलाडिय़ों की दशा व दिशा बदलने लगी। भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में शामिल खेलकूद के साथ भारत के प्राचीन खेलों में सफलता प्राप्त करने के लिए ठोस कदम उठाये गये। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ नई दिल्ली के माध्यम से राष्ट्रीय तथा राज्य के मान्यता प्राप्त खेल संघों को खिलाडिय़ों के हित में कार्य करने के लिए बड़ी राशि आबंटित किया। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खेलकूद के बजट को 2014-15 से लेकर 2023-24 तक करीब 700 करोड़ से 2100 अर्थात् तीन गुना बढ़ा दिया है। उल्लेखनीय है कि खेल व खिलाडिय़ों के प्रशिक्षण, सुविधा आदि के लिए इस दौरान अनेक निजी संस्थान, सार्वजनिक उपक्रम, औद्योगिक घरानों के साथ हमारे देश के राज्य सरकारों ने भी यथासंभव कदम उठाए हैं। अब 2023 में ग्रीष्मकालीन अवकाश शिक्षण संस्थाओं में लग चुकी है। कुछ में लगने जा रही है। ऐसी परिस्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार के खेल विभाग तथा राज्य ओलंपिक संघ की ओर से इस दौरान खिलाडिय़ों के लिए ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर लगाये जाने के निर्णय के बारे में अब तक कोई जानकारी व्यापक नहीं हुई है। आज की परिस्थिति में इस दिशा में खेलकूद से जुड़े राज्य सरकार के खेल विभाग, राज्य ओलंपिक संघ और निजी संस्थाओं को खेलकूद प्रशिक्षण के आयोजन संबंधी निर्णय को मीडिया के द्वारा सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इससे प्रशिक्षक, अभिभावक, खेलप्रेमी अधिक से अधिक प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को मैदान में भेजने की मंशा बनाएंगे और छत्तीसगढ़ में खेलकूद संस्कृति को मजबूती मिलेगी। इस वर्ष वैसे भी प्रशिक्षण शिविर का विशेष महत्व है क्योंकि अक्टूबर-नवम्बर 2023 में 37वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन गोवा में होना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं राज्य ओलंपिक संघ के अध्यक्ष हैं अत: उम्मीद है कि इस बारे में विस्तृत जानकारी जल्द जारी होगी।

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