हजारों की संख्या में आदिवासी विभिन्न वाहनों से गरियाबंद कलेक्ट्रेट घेराव करने पहुंचे
गरियाबंद । जिले के शोभा गौना गौरगांव अमाड़ जांगड़ा क्षेत्र के हजारों किसान ट्रैक्टर व विभिन्न वाहनों में गरियाबंद पहुंच रैली धरना प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्ट्रेट का घेराव करने निकले हैं जिनमें उनकी प्रमुख मांगे हैं।पांचवी अनुसूची पेशा कानून ग्रामसभा कानून को संपूर्ण रूप से अमल किया जावे। जल, जंगल, जमीन, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक, संवैधानिक अधिकारों को अमल में लाई जावे।पायलीखंड, बेहराडीह हीरा खदान पांचवी अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इसमे स्थानीय आदिवासी मूल निवासी का संपूर्ण अधिकार है। इसलिए अर्जेंट हेयरिंग याचिका को खारिज किया जावे।लंबित व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों को त्वरित निराकरण किया जाये। इसके अलावा वन अधिकार पत्र जिस किसान के नाम से है नक्शा खसरा अलग किसान के नाम से निकलता है इसको तुरंत सुधारा जाये।उदंती सीतानदी अभयारण्य क्षेत्र के कोर इलाकों में तेंदूपत्ता एवं अन्य वनोपज संग्रहण कार्य का अधिकार दिया जावे।तेंदूपत्ता तोड़ाई प्रति सैकड़ा ?500 किया जाये साथ ही वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाई जावे।उदंती सीतानदी राजापड़ाव क्षेत्रों सहित तमाम आदिवासी क्षेत्रों में विद्युतीकरण किया जावे।किसानों को 12 महीने कमाने वाली फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दिया जावे और व्यापारी किसानों की फसलों को प्रशासन न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी करें साथ ही किसानों के ऊपर से सरकारी साहूकारों के तमाम कर्जे को माफ किया जावे । सैद्धांतिक जन आंदोलन के ऊपर पुलिस दमन एवं आदिवासी क्षेत्रों में सीआरपीएफ, बीएसएफ पुलिस कैंपों को हटाई जावे। साथ ही भोले-भाले ग्रामीणों के ऊपर झूठे माओवादी केस लगाकर डराना धमकी देना बंद किया जायेसामुदायिक वन संसाधन अधिकार अविलम्ब ग्रामसभा को दिया जाये। अत: महामहिम राष्ट्रपति महोदय से निवेदन है, कि हमारी संवैधानिक हक अधिकार है।