शिवालय में भक्तों का उमड़ा सैलाब भोले के जयकारे गूंजते रहे दिन भर
सुकमा । सुकमा जिले में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ श्रद्धालुओं ने मनाया। भगवान शिव के दर्शन करने के लिए सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का कतार देखने को मिला। भक्तजन परिवार के साथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव जी का दर्शन कर परिवार की सुख शांति और समृद्धि की कामना की।
शनिवार को महाशिवरात्रि पर्व को लेकर जिले में श्रद्धालुओं ने बड़ा उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही मंदिरों में शिव भक्त पूजा अर्चना करने के लिए भक्त पहुंचने लगे जो देर शाम तक पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा। वहीं मंदिरों में शिव पुराण सहित भजन कीर्तन शिव भक्त के द्वारा किया गया। सुकमा जिला मुख्यालय स्थित राजवाड़ा शिव मंदिर, बस स्टैंड स्थित काली मंदिर, शहर के महादेव डोंगरी मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिली। इसके अलावा जिले के छिंदगढ़, केरलापाल, तोंगपाल, गादीरास, दोरनापाल, कोन्टा, पुसापल, सहित अन्य जगहों ग्रामीण क्षेत्रों में महाशिवरात्रि पर विशेष पूजा अर्चना किया गया। वही मंदिरों में भक्तों के द्वारा शरबत, खिचड़ी, खीर का प्रसाद वितरण किया गया।
शबरी नदी के बीच स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिए भक्तों का उमड़ा सैलाब
सुकमा जिला मुख्यालय से करीब 8 किमी दूर सभी नदी के बीचों-बीच स्थित शिवलिंग के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। सभी नदी के बीचो-बीच होने से भक्तों श्रद्धालुओं में यहां के प्रति अटूट आस्था है। जिसके कारण से प्रतिवर्ष यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर दर्शन करते हैं। शबरी नदी के बीच में होने कि कारण यह स्थल और भी प्राकृतिक रूप सुंदर नजारों से अपनी और आकर्षित करता है, वही स्थानीय लोगों की माने तो नदी के बीच मे होने के बाद भी यह शिवलिंग बाढ़ के पानी में कभी नहीं डूबता है। वही शिवलिंग के दर्शन करने के लिए शबरी नदी के सात धाराओं को पार कर शिवलिंग के दर्शन करते है। यह पहुचने के लिए मंदिर समिति एवं स्थानीय लोगों के द्वारा लकड़ी के अस्थाई पुल का निर्माण किया जाता है। जिससे भक्तजन आसानी से शिवलिंग का दर्शन कर सकें। हर साल इसी प्रकार से लकड़ी पुल का निर्माण किया जाता है।
राजेश नारा ने बताया कि तेलवर्ती में शबरी नदी के बीच में स्थापित शिवलिंग के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में आसपास सहित पड़ोसी राज्य से भी श्रद्धालु गण पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि यह शबरी नदी के बीच में होने के बाद भी कभी नहीं डूबता है। जिसके कारण यहां श्रद्धालुओं का अटूट आस्था बना हुआ है। नदी के बीचों-बीच होने के कारण प्राकृतिक रूप से सुंदर एवं मनोरम दृश्य देखने को मिलता है, जो अपने आप में एक अद्भुत नजारा होता है। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन यहां दर्शन करने से मन वांछित मनोकामनाएं पूरी होती है।