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छत्तीसगढ़

नगर पालिका के 72 प्लेसमेेंट कर्मचारी हड़ताल पर

दंतेवाड़ा । प्लेसमेंट प्रथा के खिलाफ व नियमितिकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर के नगरीय निकायों के करीब 10 हजार कर्मचारी हड़ताल पर हैं जिससे शहरों में साफ सफाई, नल, जल, बिजली समेत तमाम प्रकार की मूलभूत सुविधाओं पर संकट छा गया है। दंतेवाड़ा नगर पालिका के अधिकांश कर्मचारी हड़ताल का समर्थन करने राजधानी रायपुर कूच कर गए हैं जिसके चलते बीती रात नगर की तमाम स्ट्रीट लाइर्टें बंद रही। सबसे बड़ी समस्या लोगों के घरों में जल आपर्ति नहीं होने से हो रही है। नगरवासी इस बात से खासे नाराज हैं कि नगर प्रशासन ने ऐसे वक्त के लिए वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं किया है? टैक्स देने वाली जनता को आखिर उनके हाल पर क्यों छोड़ दिया गया है? प्रशासन व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि क्यों जनता की सुध नहीं ले रहे? ये ज्वलंत प्रश्र आज नगर क्षेत्र की जनता उन तमाम जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन में बैठे आला अफसरान से कर रही है।
गौरतलब है कि वर्ष 2023 चुनावी वर्ष है। जैसे जैसे चुनाव का महिना व समय नजदीक आ रहा है अलग अलग संघ संगठन, अपनी अपनी मांगों को लेकर हडताल पर जाने की चेतावनी सरकार को दे रहे हैं। इसी कड़ी में नगरीय निकायों में कार्यरत प्रदेश भर के प्लेसमेंट कर्मचारी नियमितिकरण एवं प्लेसमेंट प्रथा को खत्म करने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। मंगलवार को राजधानी रायपुर में एक दिवसीय महाधरना प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें दंतेवाड़ा नगर पालिका के भी करीब 72 प्लेसमेंट कर्मचारी हड़ताल का समर्थन करने रायपुर गए हुए हैं। प्लेसमेंट कर्मचारियों के एकाएक हड़ताल पर चले जाने से अचानक नगर की साफ सफाई, स्ट्रीट लाईटें, जल आपूर्ति पूरी तरह से ठप पड़ गई है। बीती रात नगर के मुख्य मार्ग समेत वार्डो के स्ट्रीट लाईट बंद रही जिससे नगर में पूरी तरह अंधेरा छा गया था। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो व्लैक आउट हो गया है। सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने से नगर की नाली एवं सड़कों की सफाई भी नहीं हो पा रही है जिससे नगर में चहुंओर गंदगी पसर गया है। कल शाम से घरों में नगर पालिका की जल आपूर्ति भी पूरी तरह बंद पड़ी है जिससे लोग पानी की समस्या से भी खासे जूझ रहे हैं। सार्वजनिक नलों की टोटी भी सूखी पड़ी है। हालांकि पालिका के स्थाई कर्मचारी एवं अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि उनकी तरफ से हर संभव कोशिश की जा रही है कि नगर में सफाई एवं जल आपर्ति की व्यवस्था में कोई बांधा नहीं आने दिया जाएगा लेकिन फिलहाल तो वार्डवासियों को परेशानियों का सामना ही करना पड़ रहा है। सवाल यह कि जब पहले से नगर प्रशासन को यह मालुम था कि प्लेसमेंट कर्मचारियों की हड़ताल होने वाली है और उनके हड़ताल पर जाने से बिजली, सफाई एवं पानी की समस्या खड़ी हो सकती है तो ऐसे में पूर्व से ही इसकी तैयारी क्यों नहीं किया गया था? वार्डवासियों को अंधेरे में क्यों रखा गया? पानी जैसी अति आवश्यक आपर्ति को बंद क्यों होने दिया गया? वार्डवासियों की सुध न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लिया न प्रशासन ने कोई राहत दी जिससे लोगों में घोर नाराजगी व्याप्त है चुनावी वर्ष होने से कहीं ना कहीं इसका असर आगामी चुनाव में भी पड़ सकता है।

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