प्रधानमंत्री आवास की राशि जारी होने से ग्रामीणों के चेहरे में आई मुस्कुराहट
कवर्धा । लोगो के जीवन में आवास एक बुनियादी आवश्यकताओं में से एक है।किसी गरीब को आवास सुविधा उपलब्ध मिल जाने से उनके परिवार की आर्थिक सुरक्षा के साथ सामाजिक प्रतिष्ठा में भी वृद्वि होती है। वर्तमान परिस्थिति में सामाजिक प्रतिष्ठा और सुरक्षा पहले से अधिक व्यापक हो चला है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से जीवन-यापन करने वाले आवास हीन परिवारों को शत प्रतिशत आर्थिक सहायता देकर आवास सुविधा उपलब्ध कराना प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का मुख्य उद्देश्य है। ग्रामीण क्षेत्रों के आवासहीन गरीब परिवारों की पहली प्राथमिकता इस योजना के माध्यम से लाभान्वि होकर अपने सपनो के महल को पाने की होती है।जनपद पंचायत -कवर्धा के ग्राम पंचायत धमकी में निवास करने वाली जगैया बाई कौशिक ने भी अपने जीवन मे पक्के मकान का सपना पूरा कर लिया।सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में जगैया बाई कौशिक का नाम पात्रता सूची मे 01 कमरे कच्ची छत एवं कच्ची दीवाल वाले आवास में शामिल था। आर्थिक स्थिति को देखकर ग्राम सभा ने इनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण हेतु सर्वसहमति से प्रस्ताव पारित कर लाभांवित करने का फैसला किया गया। जगैया बाई कौशिक के आवास की स्वीकृति प्रदान कर दी गई एवं प्रथम किश्त की राशि के 52 हजार रूपये आवास स्वीकृति के तत्काल पश्चात उनके खाते में दी गई। लिंटल स्तर के पश्चात द्वितीय किश्त की राशि 52 हजार रूपये उपलब्ध कराया गया। शेष 26 हजार रूपये जब आवास पूर्ण हो गया जब उन्हे अंतिम किश्त के रूप मे दिया गया जिससे जगैया बाई कौशिक का अपना आवास पूर्ण कराने में काफी सुविधा हुई। सरकार से घर बनाने के लिये पैसे मिल गये और घर का काम करने से इनको 95 दिनों का रोजगार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मिला। आवास के साथ-साथ जगैया बाई को पेशन योजना के तहत 350 रूपये पेंशन,प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अंतर्गत मात्र 200 रूपये में भरा हुआ सिलेंडर एवं गैस चूल्हा मिल गया। गैस चूल्हा मिल जाने से अब चूल्हें की हानिकारक धुंए से मुक्ति मिल गई । समय बेसमय खाना पकाने का साधन घर में है। मुख्यमंत्री खाद्यान योजना के तहत राशन सामाग्री,स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत शौचालय आदि अन्य शासकीय सुविधाओं से लाभान्वित किया गया है। इस प्रकार शासन कि इस महत्वपूर्ण योजना से समाज के अतिंम छोर पर खड़े जौगया बाई के जीवन को एक नई दिशा दी है। जिन्होनें कभी अपने पक्के आवास का ख्वाब देखना भी छोड़ दिया था, शासन कि इस योजना ने उन लोगों के ख्वाबों को जमीनी स्तर पर परिलक्षित कर दिखाया है। जगैया बाई कौशिक शासन को धन्यवाद देते हुये कहती है कि बिहाव ह पास के गांव में होय रहिस कुछ साल बाद मोर पति मोला छोड़ दिहीस मैं वापिस अपन मईके आके झोपड़ी म रहत रहेंव कबहू सोचे नई रहैंव के मोरो जिन्दगी म अब कोई खुशी आ सकही मोर कोई लोग लईका नहीं है अईसे म मैं अपन सरकार ल धन्यवाद करथ हंव जेन ह मोर जईसे अकेला महिला के अतका मदद करईस के आज मैं ह अपन पक्का के आवास म सुख और सुरक्षित जियत खात हंव।