स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति के महानायक थे
राजिम । शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिजली में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवा दिवस कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य व शिक्षकों के द्वारा मां सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद की छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित व श्रीफल फोड़कर किया गया।तत्पश्चात उपस्थित शिक्षकों का स्वागत गुलाल से किया गया। इस अवसर पर कक्षा नवमीं की छात्रा हसीना निषाद के द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। युवा दिवस के अवसर छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए संस्था के प्राचार्य पूरन लाल साहू ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति के महानायक थे। उठो,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाए इस मंत्र को देने वाले स्वामी विवेकानंद को यूथ आइकन ऑफ इंडिया भी कहा जाता है।स्वामी विवेकानंद ने दीन दुखियों की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया। उन्होंने 11 सितम्बर 1893 को अमेरिका के शिकागो के धर्म संसद में अपने भाषण के जरिए दुनिया को जो संदेश दिया था वो आज भी प्रासंगिक है।वही उनके इस भाषण से पूरी दुनिया मे भारत का मान-सम्मान बढ़ा। 1 मई 1897 में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। व्याख्याता सत्या मिश्रा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय युवाओं में अध्यात्म की अलख जगाने वाली स्वामी विवेकानंद महान विचारकों में से एक है। उन्होंने रामकृष्ण मिशन के जरिए भारतीय संस्कृति के मूल्यों को दुनियाभर के लोगों के बीच पहुंचाने में अहम योगदान दिया। युवाओं को उनके प्रेरक विचार एवं आदर्श को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन मुस्कान निषाद एवं भारती दास ने किया।कार्यक्रम के अंत में 11वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं द्वारा विद्यालय को भगवान गणेश की प्रतिमा प्रदान किया गया।
इस मौके पर संस्था के प्राचार्य पूरन लाल साहू, व्याख्याता दिनेश कुमार साहू, विनय कुमार साहू, नरेंद्र कुमार वर्मा, नकुल गीतांजलि नेताम, संतोषी गिलहरें, सत्या मिश्रा, नकुल राम साहू,रुद्र प्रताप साहू, अविनाश साहू, भृत्य आकाश सूर्यवंशी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।*