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छत्तीसगढ़

चौक का नाम संत कवि पवन दीवान पर करने सौंपा मांग पत्र

राजिम । स्थानीय प्रयाग साहित्य समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यगण शुक्रवार को अपराह्न् 2:30 बजे नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि जितेंद्र सोनकर को संत कवि पवन दीवान के नाम पर शहर के किसी चौक का नामकरण करने तथा उनकी आदमकद मूर्ति स्थापित करने की मांग पत्र सौंपा। ज्ञातव्य हो कि गत दिनों प्रयाग साहित्य समिति द्वारा पवन दीवान के साहित्यिक योगदान पर साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था जिसमें उपस्थित वक्ताओं, अतिथि एवं कवि, साहित्यकारों ने जोर शोर से संत कवि पवन दीवान के नाम पर चौंक का नामकरण करने की आवश्यकता महसूस करते हुए जोर शोर से अपनी बात रखी। इस पर एक वरिष्ठ साहित्यकार ने उनकी आदमकद प्रतिमा भी स्थापित करने की बात कही। इस दिशा में शीघ्र कार्यवाही करने के लिए प्रयाग साहित्य समिति के अध्यक्ष टीकमचंद सेन, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार सोनकर मंडल, संरक्षक विष्णु जांगड़े, सलाहकार गोकुल सेन,सचिव जितेंद्र सुकुमार साहिर ने मांग पत्र तैयार कर नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर के नाम से प्रपत्र सौपकर शीघ्र इस दिशा में कार्रवाई करने का निवेदन किया। इस मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि जितेंद्र राजू सोनकर, वार्ड पार्षद ओमप्रकाश आडिल को प्रदान किया। वहां उपस्थित कवि एवं साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर मंडल ने बताया कि संत कवि पवन दीवान ने साहित्य क्षेत्र में क्षेत्र का नाम पूरे देश भर में पहुंचा दिया उनकी हर एक रचनाएं वर्तमान में भी बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग प्रस्तुत करते हैं उन्होंने भगवान राजीवलोचन पर शानदार पंक्ति लिखी है जो इस प्रकार है-कण-कण आतुर हो जाता है लेने से पावन तेरा नाम, अखिल लोक के शांति प्रदायक राजीवलोचन तुम्हें प्रणाम। इत्यादि अनेक पंक्तियां गली कूचे में गूंजते रहते हैं उन्होंने बताया कि पवन दीवान साहित्य क्षेत्र के अलावा धार्मिक, राजनीतिक, समाज सेवा, सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अनेक कार्य किए हैं जो स्मरणीय है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए खूब मेहनत किया नतीजा सन 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य अलग हो गया और देश का 26 वा राज्य बन गया। राजिम उनकी कर्मभूमि रही है। उनके जीवनकाल में लोग उनके बातों से खास प्रभावित होते थे।
 

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