नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा की सुनामी से धराशायी हुई कांग्रेस

रायगढ़ । नगर निगम चुनाव में भाजपा के महापौर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान ने 56 हजार वोट प्राप्त कर इतिहास रच दिया। रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र की जनता ने भाजपा के विकास की राजनीति पर मुहर लगाते हुए भाजपा के चायवाले जीवर्धन चौहान के माथे पर महापौर का सेहरा बांध कर नया कीर्तमान रचा है। भाजपा के महापौर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान ने जहां कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी को 34 हजार से अधिक वोटों से पछाड़ा, वहीं नगर निगम के 48 वार्डों में से 33 वार्डो में भाजपा के पार्षद प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कर कांगे्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया। कांग्रेस महापौर प्रत्याशी जानकी काटजू महज 21946 वोट पाकर जमानत बचाने में ही कामयाब रही। इसी तरह कांग्रेस का वार्डों में खराब प्रदर्शन के चलते महज 12 वार्डो में पार्षद जीत पाए। इसे कांग्रेस का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन मना जा रहा है। बहुजन समाज अपने परंपरागत वोट के चलते मात्र एक वार्ड में पार्षद का चुनाव जीतने में सफल रही। जबकि शहर के दो वार्डों में निर्दलीय पार्षद प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। इस बार का नगर निगम चुनाव कई मायने में ऐतिहासिक माना जा रहा है। जहां भाजपा को इस चुनाव में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की तरह शानदार बढ़त मिली। इसे भाजपा की शानदार चुनावी रणनीति और भाजपा के बढ़ते जनाधार का परिणाम बताया जा रहा है। वहीं कांग्रेस में बिखराव और उसके कार्यकर्ताओंं के गिरते मनोबल से पार्टी को मिल रही लगातार अससफलता के नजरिए से देखा जा रहा है।
रायगढ़ नगर निगम का चुनाव इस बार ऐतिहासिक परिणाम देकर भाजपा के बढ़ते कद की कहानी बयां कर रहा है। राजनीति के जानकारों की मानें तो भाजपा ने जनता की भावनाओं के अनुरूप गरीब वर्ग से आने वाले एक चाय वाले को महापौर की टिकिट देकर चुनाव की पहली सीढ़ी में ही बढ़त बना ली थी। महापौर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान के चुनावी मैदान में उतरने के साथ ही फिजा में तेजी से बदलाव साफ नजर आया और मतदान के दिन तक समूचा चुनावी मैदान भाजपा की लहर से सराबोर हो गया।आज मतगणना के दिन पोस्टल बैलेट से आए शुरुआती रुझान ने भाजपा की बढ़त का संकेत दिया और अंतत: परिणाम भाजपा की झोली में आ गई। भाजपा के महापौर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान अंतिम पांचवें राऊंड की मतगणना में कांग्रेस से 34 हजार से अधिक की बढ़त बनाने में सफल हो गए। कांग्रेस प्रत्याशी जानकी काटजू 21946 वोट प्राप्त कर दूसरे नंबर पर आ गई और भाजपा प्रत्याशी जीवर्धन चौहान ने अब तक का रिकार्ड मत 56311 वोट प्राप्त कर नया कीर्तिमान रच दिया। इस चुनाव में कुल 92355 मतदाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जो अब तक की सर्वाधिक मतदान कहा जा सकता है।भाजपा के महापौर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान ने जहां रिकार्ड मतों से जीत हासिल की। वहीं नगरनिगम क्षेत्र के 48 वार्डों में से 33 वार्डो में भाजपा के पार्षद जीत कर आने में सफल हुए। यह भी अब तक का भाजपा के पक्ष में आया सर्वाधिक परिणाम है। इस चुनाव में भाजपा ने जिस तहर का प्रदर्शन कर कांग्रेस का सफाया कर दिया। यह भाजपा को उस दावे को मजबूत करता नजर आया, जिसमें भाजपा आने वाले समय में कांग्रेस मुक्त नगर निगम का दावा कर रही थी। भाजपा के इस ऐतिहासिक चुनावी परिणाम से पार्टी कार्यकर्ताओं सहित आम जनमानस में बेहद उत्साह है, आने वाले दिनों भाजपा को इसका और भी बेहतर लाभ मिलने के पूरे आसार दिख रहे हैं।
कौशलेश, नवधा, प्रभात, दयाराम सहित दिग्गजों को मिली हार
इस बार नगर निगम चुनाव में जहां आमजनता ने कई पुराने चेहरों को नकार दिया, वहीं महापौर प्रत्याशी सहित पार्षद प्रत्याशियों के तौर पर सामने आए नए चेहरों को भरपूर समर्थन दिया। भाजपा के महापौर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान नए चेहरे के तौर पर जहां ज्यादातर लोगों की पहली पसंद बनने में कामयाब हुए। वहीं ज्यादातर वार्डों में पार्षद के नए चेहरों की जीत मिली। परंतु पुराने दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। जिनमें कांगे्रेस के अलावा भजापा के दिग्गज नेता भी है। इस चुनाव में आम जनता ने कांग्रेस से कई बार पार्षद रहे दयाराम धुर्वे, लखेश्वर मिरी, प्रभात साहू, रत्थु जायसवाल, मुरारी भट्ट और रुकमणी ननकी नोनी को आईना दिखा दिया। वहीं भाजपा के धाकड़ नेता पूर्व पार्षद कौशलेश मिश्रा को पहली बार हार का सामना करना पड़ा। बसपा के पूर्व पार्षद रामकृष्ण खटर्जी के अलावा भाजपा की पूर्व पार्षद नवधा मिरी इस बार चुनाव नहीं जीत पाए।
भाजपा के विकास के विजन को समर्थन
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार बनने के साथ भाजपा विकास के विजन को लेकर आगे बढ़ रही है। जिसका उसे लाभ भी मिल रहा है। प्रदेश में विकास कार्यों को लेकर प्रदेश की विष्णुदेव सरकार लगातार काम कर रही है। प्रदेश के सभी जिलों में विकास कार्यों की घोषणा के साथ तेजी से निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। उसी तर्ज पर रायगढ़ जिले में वित्तमंत्री ओपी चौधरी के नेतृत्व विकास के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। इस नगर निगम चुनाव में भाजपा ने सरकार द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया, जिसका सीधा लाभ हुआ। रायगढ़ में होने वाले विकास कार्यांे को लेकर आमजनता में भाजपा सरकार के कामकाज को लेकर एक विश्वास जागा है। जिसका सीधा असर नगर निगम के चुनाव में साफ दिख रहा है। भाजपा को लेकर आम जनता में बढ़ा विश्वास सीधे वोट में तब्दिल हो रहा, इस चुनाव में आम जनता ने भाजपा के विकास के विजन पर मुहर लगा कर जता दिया है कि अब सिर्फ बातों और बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। खुली आंखों से विकास की तस्वीर दिखना जरूरी है।
ओपी का जलवा बरकरार, कांगे्रस विधायकों की नहीं चली
रायगढ़ जिले में इस बार का नगरीय निकाय चुनाव भाजपा के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया। राजनीति के जानकारों की मानें तो प्रदेश के वित्तमंत्री और रायगढ़ जिले से भाजपा के इकलौते विधायक ओपी चौधरी को लेकर आम जनता बेहद प्रसन्न है। गांव से लेकर शहर में ओपी के विकास माडल और उसके विजन की खूब सराहना हो रही है। भाजपा के विकास की राजनीति का ऐसा जलवा बिखरा हुआ है, कि कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव में जगह-जगह मात खा रही है। रायगढ़ नगर निगम से लेकर पुसौर नगर पंचायत, धरमजयगढ़ नगर पंचायत, लैलूंगा नगर पंचायत, खरसिया नगर पालिका का चुनाव में भाजपा का परचम लहराया। खास बात यह रही कि नगरीय निकाय चुनाव के दौरान हर जगह ओपी चौधरी ने अपने पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में सघन जनसंपर्क कर जहां कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया, वहीं आम जनता के सामने भाजपा की नीतियों के साथ सरकार की योजनाओं को बताकर प्रत्याशियों के लिए आशीर्वाद मांगा और भाजपा के विकास की राजनीति का साथ देने की अपील की थी। दूसरी तरफ कांग्रेस के खरसिया विधायक, लैलूंगा विधायक, धरमजयगढ़ विधायक नगरीय निकाय चुनाव में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसंपर्क में ऐसी तत्परता और सक्रियता नहीं दिखाई, जिसका लाभ कांग्रेस को मिल पाता। किरोड़ीमलनगर पंचायत में मिली सफलता से कांग्रेस खुशफहमी पाल सकती है, लेकिन घरघोड़ा में कांग्रेस को वह भी नसीब होता नहीं दिख रहा।
ओपी ने फंूका एका का मंत्र तिनके की भांति बिखर गई कांग्रेस
रायगढ़। स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की व्यापक दुर्गति हो गई। निगम की कुल सीटों में वह अपने लचर प्रदर्शन के चलते महज एक चौथाई सीटों पर वह सिमट कर रह गई। संगठन में बिखराव तथा परस्पर गुटबाजी के परिणामस्वरूप कांग्रेस सबसे खराब दौर से गुजर रही थी रही। वित्तमंत्री तथा स्थानीय विधायक ओ पी चौधरी द्वारा भाजपा में ‘एकाÓ के फूंके गए मंत्र से उत्पन्न उत्पन्न सुनामी की वजह से हुई। कांग्रेस इस सुनामी में तिनका-तिनका होकर बिखर गई। प्रदेश के अन्य स्थानीय निकाय चुनाव की तरह रायगढ़ में भी भाजपा का प्रदर्शन अत्यंत उम्दा रहा। ओ पी चौधरी के कुशल मार्गदर्शन , टिकट वितरण में अपनाया गया संतुलन तथा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दी गई तरज़ीह का सुपरिणाम भाजपा की शानदार जीत के रूप में सामने आया। अब यह कथ्य कतई अतिशयोक्तिपूर्ण नही होगी कि ओ पी के सबल नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी लंबे अरसे तक अन्य राजनीतिक दलों की शीर्षस्थ बनी रहेगी।
वार्ड नंबर-19 में भाजपा की बड़ी जीत के लिए संकटमोचन बने सुनील लेंध्रा
निगम चुनाव के दौरान वार्ड नंबर 19 की चर्चा सर्वाधिक रही। ना केवल रायगढ़ नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर दोनों दलों की नजरे इस वार्ड के चुनाव परिणाम पर टिकी हुई थी। भाजपा ने कद्दावर नेता पूर्व सभापति सुरेश गोयल को टिकट दिया वही कांग्रेस ने इस वार्ड की बेटी एवं बहु शालू अग्रवाल को टिकट देकर भाजपा के जातीय समीकरण में सेंध लगाने का जबरजस्त प्रयास किया। कांग्रेस इस वार्ड में अग्रवाल प्रत्याशी को जीताकर आगामी विधान सभा के लिए अग्रवाल प्रत्यासी का सफल प्रयोग करना चाहती थी। राजनीति के जानकर इस सीट को अग्रवाल समाज के लिए एक प्रयोगशाला मान रहे थे। कांग्रेस के कद्दावर नेताओं ने इस सीट के लिए ताकत झोंक दी।।प्रचार तंत्र में शालू चर्चा आगे रही और मौखिक प्रचार में शालू की चर्चा ने भाजपा खेमे में हलचल का दी।
प्रचार से लेकर मतदान एवं पेटी खुलने तक दोनों ही दल सुनिश्चित जीत को लेकर बैचेन नजर आए। मतदान में 72 घंटे पूर्व सुनील लेंध्रा ने भाजपा के सुरेश गोयल के पक्ष में मजबूती से प्रचार कर सियासी दलों को यह सोचने पर विवश कर दिया कि व्यक्तिगत संबंधों की जड़े चुनावी समीकरण में मायने रखती है। सुनील लेंध्रा के चुनावी समर में उतरते है कि अग्र समाज ने सुरेश गोयल को हाथों हाथ लिया और भाजपा के लिए बड़ी जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ। सही मायने में सुनील इस सीट में भाजपा के लिए संकट मोचन की भूमिका में नजर आए।