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छत्तीसगढ़

चंगोरी स्कूल में भोलाराम की कहानी बच्चों को सुनाई

पाटन । शासकीय प्राथमिक शाला-चंगोरी, संकुल केंद्र -बठेना, विकास खंड-पाटन, जिला-दुर्ग में बैगलेस डे पर शनिवार को भोला राम सिन्हा की कहानी,बड़े दाई, जो आकाशवाणी रायपुर से बच्चों का प्रसिध्द कार्यक्रम बालवाटिका में प्रसारण हुआ था, जिसको बालसभा में सभी बच्चों को विरेन्द्र कुमार साहू प्रधान पाठक द्वारा साउंड सिस्टम लगाकर सुनाई गई। सभी बच्चे इस कहानी को सुनकर गदगद हो गये, इस कहानी में बड़े दाई ने मालती को सीख देती है कि अपने घर में जो भी खाने के लिए मिले उसी में संतुष्ट रहना चाहिए। दूसरे घर के खीर -तसमई से अपने घर की रुखी-सुखी रोटी मूल्यवान होती है। आगे और सीख देती है। आवत ही हरषै नहीं, नैनन नहीं सनेह, तुलसी तहां न जाइये कंचन बरसै मेह। नवाचारी शिक्षक विरेन्द्र कुमार साहू ने बच्चों को कहानीकार सिन्हा के बारे में बाताया कि उनकी कहानी छेरछेरा को समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ शासन व अंतरराष्ट्रीय संस्था रूम दू रीड इंडिया,द्वारा चौदह भाषाओं में अनुवाद कराया गया है।इस कहानी को निकट भविष्य में छत्तीसगढ़ के सभी प्राथमिक शालाओं में भेजी जाएगी। प्रधानपाठक प्रत्येक शनिवार को प्रेरणा गीत,सरस्वती वंदना, नई नई कहानी के द्वारा शिक्षा देना, बच्चों को कहानी लिखने के लिए प्रेरित करना, चित्रकारी, गीत कविता एवं मिट्टी के द्वारा खिलौने बनाने मूर्ति बनाना आदि सिखाया जाता है। विरेन्द्र कुमार साहू स्वयं कवि है इस नाते साहित्य में गहरी रुचि रखते है। इसी का परिणाम है कि वह शनिवार को भोलाराम सिन्हा की कहानी बच्चों को सुनाई। इस अवसर पर शाला के शिक्षक प्रधान पाठक विरेन्द्र कुमार साहू, योगेश्वरी वर्मा सहायक शिक्षक दीपिका बंदे, ने बच्चों के साथ कहानी सुनी तथा कहानी में आए शब्द पठेरा, पिढ़ा, ढेकी, सुपा, निसेनी, कोठी, पेज के साथ -साथ इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है इस पर बच्चों से चर्चा की।

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