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छत्तीसगढ़

बीजादुतीर स्वयंसेवकों ने मनाया विश्व हाथ धुलाई दिवस

बीजापुर । कलेक्टर श्री संबित मिश्रा के मार्गदर्शन में बीजादूतीर कार्यक्रम के अंतर्गत बीजादूतीर स्वयंसेवकों ने विकासखंड बीजापुर, भैरमगढ़, भोपालपटनम और उसूर के विभिन्न ग्राम पंचायतों में विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों, आश्रमों और आंगनबाड़ियों में बच्चों को हाथ धोने की सही विधि सिखाने का महत्वपूर्ण कार्य किया।हाथ धुलाई का महत्व स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, और इस दिन स्वयंसेवकों ने विशेष रूप से इस पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने बच्चों को समझाया कि हाथ धोना केवल एक स्वच्छता की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह कई बीमारियों से बचाव का एक प्रभावी उपाय है। कार्यक्रम में शामिल बच्चों और समुदाय के लोगों को बताया गया कि खाना खाने से पहले, शौच के बाद और गंदे चीजों को छूने के बाद हाथ धोना कितना आवश्यक है। स्वयंसेवकों ने बताया कि हाथों की साफ-सफाई न होने से कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आंकड़ों के अनुसार, 80त्न बीमारियों का कारण हाथों की साफ-सफाई का अभाव होता है। इससे बच्चों में कुपोषण, डायरिया और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए, साबुन से हाथ धोना एक साधारण लेकिन प्रभावी तरीका है, जो बीमारियों से बचाने में मदद करता है।कार्यक्रम में बच्चों को हाथ धोने की प्रक्रिया का प्रदर्शन भी किया गया। उन्हें साबुन और पानी का सही उपयोग करते हुए दिखाया गया कि किस प्रकार से हाथों को धोना चाहिए। बच्चों ने इस गतिविधि में सक्रिय भाग लिया और अपने दोस्तों को भी यह प्रक्रिया सिखाने का प्रयास किया। इसके अलावा, स्वयंसेवकों ने ग्रामीण महिलाओं और किशोरियों को भी इस अभियान में शामिल किया। उन्हें स्वच्छता के महत्व और स्वास्थ्य को बनाए रखने के तरीकों के बारे में जागरूक किया गया। महिलाएं और किशोरियां बच्चों की देखभाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, इसलिए उनका इस अभियान में शामिल होना आवश्यक था। इस विशेष अभियान में बीजादूतीर स्वयंसेवकों का विशेष सहयोग रहा । बीजादूतीर जिलें में व्यवहार परिवर्तन पर लगातार प्रयासरत हैं।स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वयंसेवकों ने गांवों में पोस्टर और बैनर भी लगाए, जिसमें हाथ धुलाई के महत्व को दर्शाया गया। इससे ग्रामीण समुदाय में इस संदेश को फैलाने में मदद मिली।समुदाय के सदस्यों ने इस पहल की सराहना की और यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि वे अपने बच्चों को हाथ धोने की आदत डालें। कार्यक्रम के अंत में, स्वयंसेवकों ने सभी से अपील की कि वे अपने जीवन में साफ-सफाई को प्राथमिकता दें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। इस प्रकार, बीजादूतीर स्वयंसेवकों ने विश्व हाथ धुलाई दिवस को सफलतापूर्वक मनाते हुए, स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। यह पहल न केवल बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेगी, बल्कि पूरे समुदाय को एक स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में प्रेरित करेगी। इस विशेष अभियान में बीजादुतीर स्वयंसेवकों का योगदान सराहनीय रहा ।बीजादूतीर स्वयंसेवक जिलें में व्यवहार परिवर्तन पर लगातार प्रयासरत हैं ।

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