शिलान्यास के बाद ग्रामीणों के सपनों का सत्यानाश
देवभोग । किडनी प्रभावित गांव सुपेबेड़ा किसी पहचान की मोहताज नहीं है। गांव में लगातार किडनी पीडि़तों की मौत के बाद यह गांव सुर्खियों में आ गया है। लगातार मौत के बाद शासन-प्रशासन ने हर स्तर पर प्रयास कर गांव वालों को राहत देने की कोशिश तो की, लेकिन शासन-प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी सुपेबेड़ा गांव की ना तस्वीर बदली और न ही तकदीर। गांव में पांच महीने पहले 7 जून 2022 को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दौरा कर गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने भवन निर्माण के लिए शिलान्यास किया था। मंत्री ने अपने दौरे के दौरान दावा किया था कि जल्द ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का काम शुरू हो जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने ग्रामीणों को यह भी भरोसा दिलाया था कि अधूरे पड़ा उपस्वास्थ्य केंद्र का काम भी शुरू कर उसे भी जल्द ही पूरा कर देंगे। वहीं मंत्री के लौटते ही कछुए की गति से चल रहे उपस्वास्थ्य केंद्र के काम को भी गति नहीं मिली। आज लगभग तीन साल बीत गए लेकिन उपस्वास्थ्य केंद्र का काम अभी भी अधूरा पड़ा हुआ है।ग्रामीणों का कहना है कि उपस्वास्थ्य केंद्र का काम कब तक पूरा होगा। इसका जवाब अधिकारियों के पास भी नहीं है।
उपस्वास्थ्य और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एक: एक कर्मचारी के भरोसे – गांव के त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए कर्मचारी ही नहीं है। त्रिलोचन ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राजेश साहू पदस्थ है, जबकि उपस्वास्थ्य केंद्र में आर. एच. ओ प्रमिला मंडावी पदस्थ है। गांव की सरपंच चंद्रकला मसरा के मुताबिक दो ही कर्मचारियों के भरोसे उपस्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जा रहा है। सरपंच के मुताबिक यदि दोनों भवनों का काम पूरा हो जाता तो किडनी पीडि़तों के साथ ही ग्रामीणों को भी बहुत ज्यादा राहत मिल जाती।
विधायक ने घेरा : मामले को लेकर ज़ब हमने विन्द्रानवागढ़ विधायक डमरूधर पुजारी से सम्पर्क किया तो उन्होंने शासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया। विधायक ने कहा कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सुपेबेड़ा आते हैं। और पांच महीने पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का शिलान्यास कर जाते हंै। और पांच महीने बाद भी काम शुरू नहीं होता। तो इससे समझा जा सकता है कि सरकार आमजनों के लिए कितनी गंभीरता से काम कर रही है। विधायक ने कहा कि दोनों भवन क्यों अधूरा है। इसकी जानकारी अब विधानसभा में मांगूगा। उन्होंने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अधिकारी भी सुपेबेड़ा को लेकर गंभीर नहीं हैं।
सुपेबेड़ा को लेकर अधिकारी भी नहीं है गंभीर: गांव के त्रिलोचन सोनवानी ने आरोप लगाया कि गांव में फ्लोराइड के दोनों प्लांट पिछले छह महीने से खऱाब है। मामले की जानकारी पीएचई विभाग को भी दी जा चुकी है। लेकिन विभाग ने आज छह महीने बीतने के बाद भी प्लांट को सुधारने के लिए अब तक उचित कदम नहीं उठाया है। त्रिलोचन के मुताबिक कई बार विभाग को जानकारी दी गई लेकिन आज तक विभाग के लोगों ने उचित कदम उठाना मुनासिब नहीं समझा है। एसडीओ ने कहा सभी प्लांट चालू है। पीएचई एसडीओ अरुण कुमार भार्गव ने कहा गांव में लगाए गए सभी प्लांट चालू हैं। हर महीने हमारे कर्मचारी जाकर प्लांट का देखरेख करता है। एसडीओ ने कहा कि 6 महीने से प्लांट बंद होने का जो आरोप लगाया जा रहा है। वह गलत है। उन्होंने कहा कि बीच में एक फ्लोराइड का प्लांट बंद हुआ था। उसे तुरंत बनाकर शुरू कर दिया गया था। एसडीओ के मुताबिक सुपेबेड़ा में लगाए गए सारे प्लांट चालू हंै, हैंडपम्प चालू है, सारे वाटर सप्लाई चालू है।
विधायक को नहीं करनी चाहिए राजनीति: विधायक डमरूधर पुजारी के बयान पर पलटवार करते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कहा कि विधायक को सुपेबेड़ा जैसे गंभीर मामलों में राजनीति नहीं करनी चाहिए, वे भी क्षेत्र के जनप्रतिनिधि है। यदि उन्हें चिंता है तो अधिकारियों से जानकारी लेकर काम को शुरू करवाने की दिशा में पहल करनी चाहिए। उन्हें सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करने का कोई अधिकार नहीं है। हमारी सरकार सुपेबेड़ा के लिए बहुत ज्यादा गंभीर है। शासन वहां के किडनी पीडि़तों के स्वास्थ्य को लेकर भी गंभीरता से काम कर रही है। जहाँ तक भवन का काम शुरू नहीं होने की बात है इसकी जानकारी अधिकारी से लेकर जल्द ही भवन को शुरू करवाने की दिशा में उचित कदम उठाया जायेगा। मामले में गरियाबंद कलक्टर प्रभात मलिक ने कहा कि उपस्वास्थ्य केंद्र भवन के काम में हो रही लेटलतीफी को लेकर ठेकेदार के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन के टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद काम शुरू हो जायेगा।