बगैर तौले ही की जा रही है गैस सिलेंडर की होम डिलिवरी
दंतेवाड़ा । जिले में एकमात्र इण्डेन गैस एजेंसी संचालक की मनमानी से शहर समेत ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ता बिना तौल के सिलेंडर लेने को मजबूर हैं। नापकर सिलेंडर देने की बात पर एजेंसी के कर्मचारी उपभोक्ताओं पर भड़क जाते हैं बेचारे मजबूर बेबस उपभोक्ता अब क्या करें मजबूरी में उन्हें सिलेंडर बगैर नाप के ही लेना पड़ता है। इस संबंध में खाद्य अधिकारी को भी कई बार मौखिक तौर पर उपभोक्ताओं ने शिकायत की है मगर जनहित से जुड़े मसले पर खाद्य अधिकारी भी उदासीन आंखें मूंदे बैठे हैं जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि गैस एजेंसी संचालक व खाद्य विभाग की मिली भगत से उपभोक्ताओं को ठगा जा रहा है। जबकि नियम के मुताबिक सिलेंडर डिलिवरी करते समय ग्राहकों के सामने तौलकर देना होता है केवल होम डिलिवरी के वक्त ही तौल कर नहीं देना होता बल्कि गैस गोदाम में भी सिलेंडर लेने जाने पर उपभोक्ता के सामने सिलेंडर को तौलकर देना नियम में शामिल है। बहुत बार ऐसी शिकायतें सामने आई है कि बिना तौल सिलेंडरों की माप करने पर गैस कम निकलती है। गैस सिलेंडर बहुत ही जरूरी चीज होती है। बिना सिलेंडर के भोजन पकाना आज बहुत मुश्किल है गरीब से गरीब परिवार के घरों में भी आज सिलेंडर है। उपभोक्ता इस बात से डरते हैं कि एजेंसी संचालक से ज्यादा नियम कायदों की बात करने पर कहीं उसे सिलेंडर से वंचित न होना पड़ जाए इसी डर से आम उपभोक्ता चुप रह कर सहन कर लेता है। वहीं इस अव्यवस्था व लूट को रोकने की जवाबदारी तो जिले के खाद्य विभाग का है। खाद्य अधिकारी कार्तिक कौशिक व उनके मातहत फूड इंस्पेक्टर कभी भी गैस एजेंसी एवं गैस गोदाम पहुंचकर सिलेंडरों की जांच पड़ताल की जहमत नहीं उठाते। नतीजतन गैस संचालकों के हौसले बुलंदी पर होते हैं और वे खुलकर उपभोक्ताओं के साथ लूट करते हैं। शहर के कई जागरूक उपभोक्ताओं ने बताया है कि इण्डेन गैस संचालक की मनमानी अब ज्यादा बढ़ गई है अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो इण्डेन गैस गैस ग्राहक सेवा के टोल फ्री नंबर पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने को वे मजबूर होंगे वहीं साथ ही कलेक्टर से खाद्य अधिकारी की अकर्मण्यता के चलते उपभोक्ताओं को होने वाली नुकसान के बारे में भी शिकायत की जाएगी।