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छत्तीसगढ़

शवदाह शेड की जगह बदलने से शक्तिपीठ के दर्शनार्थियों को असुविधा

दंतेवाड़ा । शक्तिपीठ दंतेश्वरी मंदिर के सामने डंकनी नदी किनारे स्थित मुक्तिधाम में शवदाह शेड की जगह बदलने से नई समस्या खड़ी हो गई है। पहले यह शेड पीपल व वट पेड़ के नीचे बनाया गया था, जिसे सौंदर्यीकरण के नाम पर हाल ही में जिला निर्माण समिति ने शेड की जगह बदलवा दी। अब इसे मंदिर की तरफ वाले हिस्से में बनवा दिया गया है, जिससे मंदिर व शेड के बीच की दूरी तो घट ही गई है, बीच मे खुली जगह होने से दाह संस्कार के दौरान तेज हवा से धुंआ मंदिर की तरफ या डंकनी नदी की तरफ नए पुल पर आने लगा है। इससे दर्शनार्थी असहज महसूस करने लगे हैं। हाल ही में टेंपल कमेटी की बैठक में शेड की नई जगह को लेकर आपत्ति जताई गई थी। साथ ही मुक्ति धाम को दूसरी जगह शिफ्ट करने का सुझाव भी दिया गया। शासकीय ब्वॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल (वर्तमान नाम स्वामी आत्मानंद हिंदी मीडियम स्कूल) के पीछे डंकनी नदी किनारे शिफ्ट करने का सुझाव कुछ सदस्यों ने दिया था। बैठक की अध्यक्षता कर रहे टेंपल कमेटी सचिव व एसडीएम जयंत नाहटा ने इस पर विचार की बात कही थी। वर्तमान में मुक्तिधाम के बड़े हिस्से का सौंदर्यीकरण कर इसमें गार्डन, दर्शनार्थियों के लिए पार्किंग व काम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन शवों के अंतिम संस्कार के बीच लोग कैसे यहां पर विश्राम कर पाएंगे, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। मंदिर से जुड़े पुराने जानकारों के मुताबिक वर्तमान में जिस जगह को मुक्तिधाम बनाया गया है, वहां पूर्व में रानी बगीचा हुआ करता था। रियासत काल में बस्तर महाराजा पूरे लाव-लश्कर के साथ आकर इस जगह पर रूककर स्नान आदि करते थे। इसके बाद ही मंदिर में दर्शन करते थे। इस जगह पर कुछ दशक पहले शवों का अंतिम संस्कार होने लगा, तो इसे मुक्तिधाम में बदलते देर नहीं लगी।

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