छत्तीसगढ़

घर का बोझ उठाने रेलवे स्टेशन पर कुली बनी रामेश्वरी, पिता का बिल्ला आया काम

भिलाई । दुनिया की आधी आबादी महिलाओं की है और महिलाएं आज हर कार्य क्षेत्र में खुद को साबित भी कर रहीं हैं। चाहे वह कार्य क्षेत्र उनके मन का हो या मजबूरी का, वे हर काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं। ऐसी ही एक महिला हैं दुर्ग जिले की रामेश्वरी। जो अपने काम की वजह से चर्चा में हैं। रामेश्वरी विगत कुछ वर्षों से दुर्ग के रेलवे स्टेशन पर कुली का कार्य कर रही हैं। कुली के कार्य से होने वाली आमदनी से ही वह अपने घर परिवार का भरण पोषण करती हैं। दुर्ग के रेलवे स्टेशन पर रामेश्वरी को यात्रियों का सामान उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाते व ले जाते हुए देखा जा सकता है। प्रतिदिन वह सुबह से लेकर शाम तक अपने इस कार्य को अंजाम देती हैं और इससे होने वाली आमदनी से ही उसका वह उसके परिवार का गुजारा चलता है। रामेश्वरी की माने तो उसके पिता भी स्टेशन पर कुली का कार्य किया करते थे लेकिन एक्सीडेंट हो जाने के बाद उनके पिता के लिए यह कार्य करना संभव नहीं रहा। जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी रामेश्वरी के सर पर आ गई। अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए रामेश्वरी ने पिता के ही बिल्ले पर कुली का काम करना मुनासिब समझा और तब से लेकर आज तक वे इस कार्य को करती आ रही हैं। दुर्ग स्टेशन पर इस वक्त कुल 26 कुली अपनी सेवाएं दे रहे हैं और इन कुलियों का भी पूरा सहयोग रामेश्वरी को रहता है। कुली का कार्य करके वह अपने घर का खर्चा तो चला ही रही है और यह भी साबित कर रहे हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। अपने कार्य से रामेश्वरी आज अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनी हुई है।

Related Articles

Back to top button