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छत्तीसगढ़

भगवान गणेश की मूर्ति गढ़ने के काम में लगे मूर्तिकार

दंतेवाड़ा । गणेश चतुर्थी के आने में अभी महिने भर का वक्त है लेकिन इसकी तैयारी अभी से शुरू हो गई है। भगवान गणेश की मूर्ति बनाने का कार्य जिला मुख्यालय में कई स्थानों पर चल रहा है। मूर्तिकार प्रथम पूज्य भगवान गणेश की छोटी बड़ी साईज की मूर्तियां गढ़ने में लगे हुए हैं। गणेश चतुर्थी का त्यौहार भगवान गण्ेाश के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था। यह त्यौहार गणेश चतुर्थी से प्रारंभ होकर अनंत चतुदर्शी को समाप्त होता है। भगवान गणेश हिन्दुओं के ईष्ट देवता है और यह प्रथम पूज्य हैं। किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा होती है। चतुर्थी पर जगह जगह गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर पूरे 11 दिनों तक धुम धड़ाके के साथ गणेश जन्मोत्सव मनाया जाता है। गणेशोत्सव आने में तो अभी समय है लेकिन गणेशजी की मूर्ति गढ़ने का काम कई जगहों पर चल रहा है इन्हीं में से एक जगह है आंवराभाटा। सुरभि कालोनी स्थित दक्षिण मुखी हनुमानजी की मंदिर के पास एक निर्माणाधीन भवन के हॉल में सैकड़ों की संख्या में गणेश जी की प्रतिमाएं बनाने का काम जोर शोर से चल रहा है। मलकानगिरी से आकर गणेश जी की मूर्ति बनाने वाले कलाकार जयंत मंडल ने बताया कि वे हर साल मांईजी की नगरी में गणेश की प्रतिमा बनाने आते हैं। इस बार भी वे 3 फीट से लेकर साढ़े 5 फीट तक की प्रतिमांए बना रहे हैं। मूर्तिकार श्री मंडल ने बताया कि मूर्ति बनाने के काम में बहुत मेहनत होता है पूरी लगन व तन्मयता के साथ दिन रात मिटटी से प्रतिमा तैयार की जाती है। घंटों घंटो रोज काम करते हैं तब कहीं जाकर मूर्तियां तैयार हो पाती है। उन्होने कहा कि यह उनका पुश्तैनी व्यवसाय है। गणेश के बाद वे आर्डर पर मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी बनाने के काम में भी जुटेंगे। उन्होने बताया कि अभी 50 फीसदी काम ही हुआ है मूर्ति बनाने के बाद उसे सुखने के लिए छोड़ा जाएगा फिर चतुर्थी के 10 दिन पहले मूर्तियों में रंग पेंट कर उसे अंतिम रूप देकर बाजार में ले जाकर बिक्री की जाएगी।

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