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छत्तीसगढ़

परिवहन में लापरवाही से मुसरा केंद्र में धान की खरीदी हो रही प्रभावित

डोंगरगढ़ । मुसरा धान सोसाइटी केंद्र मे स्थान की कमी व समय पर परिवहन ना होने की स्थिति मे जाम लगने के कारण किसानों से धान खरीदी मे परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है और इसका खामियाजा सोसाइटी प्रबंधक को भोगना पड़ रहा है.
आपको बता दे कि मुसरा धान खरीदी मे 2 दिसम्बर को जाम की स्थिति मे किसानों का धान नहीं लिया गया था जिसके कारण डीआर ने सोसाइटी अध्यक्ष को प्रबंधक को हटा दूसरे कर्मचारी को नियुक्त करने के आदेश दिए थे. मुसरा दर्जनों गाँव के किसान अपना धान बेचते हैं, जिसके कारण मुसरा धान केंद्र हमेशा सुर्खियों मे बना रहता है.
बताया जाता है कि 2 दिसम्बर के दिन केंद्र मे जगह की कमी व परिवहन की लापरवाही के कारण किसानों को धान बेचने से वंचित होना पड़ा जिसकी शिकायत उच्च अधिकारियों के पास पहुँची जिसके बाद डीआर ने बिना कारण जाने ही प्रबन्ध समिति को दूरभाष के माध्यम से सोसाइटी प्रबंधक गणेश वर्मा को हटा दूसरे कर्मचारी को चार्ज देनें का दबाव बनाया जा रहा है.
बताया जाता है कि प्रति वर्ष परिवहन की समस्या से समिति प्रबंधक को गुजरना पड़ता है जिसके कारण खरीदी केंद्र मे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और ऐसी स्थिति मे एकाध दिन खरीदी रुक जाती है व नाराज किसान इसकी शिकायत उच्च अधिकारी के पास कर देते है. मुसरा धान खरीदी केंद्र मे लगभग 2500 हेक्टिर क्षेत्रफल मे लगभग 90 हजार क्विटल की खरीदी की जाती है जिसमें मुसराकला, खुर्द, कातलवाही, कोलिहापुरी, भानपुरी, गाडाभंवर, आलीवारा, आरवीरा, पारागांव, माड़ीतराई, पारागांव, जामरी, लमानिनभांठा के लगभग 2100 किसान अपना धान बेचते है. धान के रखरखाव की व्यवस्था बनाई गई है वो क्षेत्र के हिसाब से कम है. एक ओर स्कूल का खेल मैदान है तो दूसरी ओर ग्राम पंचायत की जमीन है जिस पर खरीदी की वैकल्पिक व्यवस्था बना कर धान का रख रखाव किया जा सकता है जिससे परिवहन ना होने की स्थिति मे जाम नहीं लगेगा और किसानों को नाराज नहीं होना पड़ेगा. वही दूसरी ओर केंद्र मे बफर लिमिट 12 हजार क्विंटल है जो कि क्षेत्र के हिसाब से बहुत ज्यादा है। अखबार मे नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर समिति के लोगों ने बताया कि इन सभी परिस्थितियों के बारे मे लगातार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाता है परंतु इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया जबकि परिवहन की जवाबदेही डीएमओ की होती हैं. अधिकारी शिकायत की स्थिति मे छोटे कर्मचारियो पर ठीकरा फोड़ अपनी जवाबदारी से हाथ खींच लेते है. अगर समिति प्रबंधक को हटाया जाता है तो हम सभी एक साथ इस्तीफा दे देंगे।

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