अग्नि सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियों में अभियंता वर्ग की बड़ी भूमिका : चौबे
भिलाई । द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया द्वारा शनिवार को वर्तमान परिदृश्य में अग्नि सुरक्षा विषय पर इंजिनियर्स भवन सिविक सेंटर में तकनीकी व्याख्यान का आयोजन किया गया था। मुख्य अतिथि अरूण देव गौतम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, नगर सेना, अग्नि शमन, एस डी आर एफ तथा गृह सचिव छत्तीसगढ शासन थे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में तापस दासगुप्ता, कार्यकारी कार्यपालक निदेशक भिलाई इस्पात संयंत्र थे। विषय विशेषज्ञ के रूप में अरविंद रस्तोगी, एफ एस ए आई रायपुर तथा अमित कुमार सी ई ओ फायर शील्ड कोलकाता उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पुनीत चौबे, चेयरमैन, द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स भिलाई शाखा ने की। आरम्भ में स्वागत भाषण देते हुए इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स की भिलाई शाखा के अध्यक्ष पुनीत चौबे ने कहा की आज के परिदृश्य में अग्नि सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है और इससे जुड़ी सभी गतिविधियों में अभियंता वर्ग की बहुत बड़ी भूमिका है। चौबे ने कहा की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की परिकल्पना और डिजाइन को बेहतर करने, कार्य निष्पादन की दक्षता बढ़ाने, अग्नि सुरक्षा से जुड़ी नवीनतम तकनीक की जानकारी एवम उन्हें नई परियोजना में समावेश किया जा सके इस हेतु सभी हित धारकों का ध्यान आकृष्ट करने हेतु आयोजन किया गया है। मुख्य अतिथि अरूण देव गौतम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने अपने उद्बोधन के आरंभ में कहा की ऋग्वेद के पहले श्लोक की शुरुआत अग्नि से होती है। उन्होंने कहा कि अग्नि से जीवन का आरंभ है और अंत भी है। गौतम ने कहा कि पूरी जीवन व्यवस्था और मनुष्य के शरीर की सारी प्रक्रिया अग्नि के संतुलन पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि अग्नि से सृजन भी है तो विनाश भी है, अत: जीवन व्यवस्था के सुचारू संचालन में अग्नि का प्रबंधन एक बहुत ही अहम विषय है। श्री गौतम ने मधयप्रदेश उज्जैन के महाकाल मंदिर में घटित अग्नि दुर्घटना का उल्लेख करते हुए कहा की भगवान शिव जी के लिए निरंतर जलाभिषेक होता रहता है ऐसे स्थान पर जहां जल सदैव रहता है में अग्नि दुर्घटना का होना एवम पुजारी की मृत्यु हो जाना एक दुखद एवम अग्नि प्रबंधन व्यवस्था के लिए गहन सोच का विषय है। अरूण देव गौतम ने कहा कि आग से जुड़ी छोटी से छोटी घटना के लिए बहुत अधिक सतर्क और जागरूक रहना अत्यंत आवश्यक है। कोरबा शहर की एक घटना का उल्लेख कर उन्होंने कहा की एक बिजली के स्वीच बोर्ड से आग की शुरुआत हुई, लोग उसका वीडियो बनाते रहे और धीरे धीरे आग ने विकराल रूप ले लिया जिससे एक कपड़ा दुकान में कार्यरत कुछ लोगों की मृत्यु हो गई एवम उस स्थान के आसपास संपत्ति को भी काफी नुकसान हुआ। गौतम ने अग्नि सुरक्षा में जागरूकता एवं पहले से सतर्क होने का उदाहरण देते हुए बताया कि हम अपने घर में बिजली विभाग से एक निश्चित लोड स्वीकृत करवाते हैं और बाद में उस लोड क्षमता से बहुत अधिक क्षमता के विद्युत उपकरण लगा लेते हैं जिससे अग्नि दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि यह एक छोटी सी ध्यान योग्य सावधानी है जिस पर उचित कदम उठा लिए जाएं तो बड़ी अग्नि दुर्घटना होगी ही नही। श्री गौतम ने कहा कि आग लगने का कारण तकनीकी खामी हो सकती है किंतु उस पर उचित नियंत्रण और समाधान मनुष्य पर ही निर्भर करता है। गौतम ने इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़ी सुरक्षा सावधानियों पर भी जागरूक होने की बात कही। उन्होंने उपस्थित प्रबुद्धजनों और अभियंता वर्ग से आवाहन किया कि अग्नि सुरक्षा में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है इसलिए वह इस व्याख्यान से प्राप्त जानकारी को जन जन तक पहुंचाए और अग्नि सुरक्षा में बेहतर से बेहतर तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दें। श्री अरूण देव गौतम ने भिलाई इस्पात संयंत्र के अग्नि शमन विभाग के पास उपलब्ध अधोसंरचना और प्रशिक्षित मानव संसाधन की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ शासन को अग्नि विपदा और अग्नि से संबंधित प्रशिक्षण में बी एस पी से सहयोग प्राप्त होता रहता है। उन्होंने कुछ दिनों पूर्व रायपुर के विद्युत ट्रांसफार्मर यार्ड में घटित अग्नि दुर्घटना में भिलाई इस्पात संयंत्र से प्राप्त सहयोग का भी उल्लेख किया। विशिष्ट अतिथि, भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यकारी कार्यपालक निदेशक तापस दासगुप्ता ने विषय पर विचार रखते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अग्नि सुरक्षा के बारे में ज्ञान होना और इस बारे में जागरूक होना बहुत आवश्यक है। दासगुप्ता ने कहा कि अग्नि सुरक्षा में चूक होना जीवन और मृत्यु के बीच एक बहुत महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र के सभी कार्मिकों और संविदा कर्मियों, ठेका मजदूरों को नियमित रूप से अग्नि सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है। उन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र में अग्नि सुरक्षा हेतु लगाए गए फायर डिटेक्शन तथा अलार्म सिस्टम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। दासगुप्ता ने बताया की अग्नि सुरक्षा बी एस पी की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस हेतु हम नवीनतम फायर उपकरण तथा तकनीक का उपयोग करने पर बल देते हैं। उन्होंने कहा की अग्नि दुर्घटना से बचाव हेतु नियमित अंतराल पर संवेदनशील स्थानों में मॉक ड्रिल भी किए जाते हैं। श्री दासगुप्ता ने अग्नि सुरक्षा हेतु अच्छी हाउस कीपिंग पर जोर दिया। श्री दासगुप्ता ने कुछ समय पूर्व रायपुर के सी एस पी डी सी एल के ट्रांसफार्मर यार्ड और भिलाई औद्योगिक क्षेत्र की पेंट फैक्ट्री में हुई अग्नि दुर्घटना के बारे में बताया और कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र के फायर विभाग ने अपनी तकनीकी क्षमता और उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से आग को नियंत्रित करने में महती भूमिका निभाई। दासगुप्ता ने उपस्थित सभी से आवाहन किया कि अग्नि दुर्घटना से बचाव पर जितना ध्यान हम उद्योग में रखते है उतना ही आवश्यक है कि हम अपने घरों में भी अग्नि से सुरक्षा हेतु सतर्क रहें। अतिथि वक्ता अरविंद रस्तोगी, फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन एफ एस ए आई ने वर्तमान परिदृश्य में अग्नि सुरक्षा से जुड़े तथ्यों और घटनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। रस्तोगी ने भारत में हुई विशाल अग्नि दुर्घटनाओं की सिलसिलेवार जानकारी दी। उन्होंने सभी दुर्घटनाओं के कारणों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया और उनसे प्राप्त सीख को श्रोताओं से साझा किया। रस्तोगी ने इन सभी घटनाओं के परिणाम स्वरूप अग्नि सुरक्षा के बारे केंद्र एवम राज्य शासन द्वारा लिए गए कदम की भी जानकारी दी। मेसर्स फायर शील्ड कोलकाता के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमित कुमार गुप्ता ने अपने प्रस्तुतिकरण में आग लगने के कारक घटकों की जानकारी और उनसे बचाव के सुरक्षा उपायों के बारे में बताया।
इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक प्रवीण राय भल्ला, एन डी आर एफ के डिप्टी कमांडेंट पवन कुमार जोशी, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग दुर्ग के संयुक्त संचालक सूर्यभान सिंह, नगर निगम भिलाई के जोन कमिश्नर अमिताभ शर्मा, नगर सेना एवम एस डी आर एफ के जिला सेनानी नागेंद्र सिंह, भिलाई इस्पात संयंत्र के उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी संजय धवस, संस्था के पूर्व अध्यक्ष पी के तिवारी, बी पी यादव, शिखर तिवारी, कार्यकारणी सदस्य अजय साहू, वी के श्रीवास्तव, संजीव सोनी, निशांत यादव, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स भिलाई शाखा के सदस्यगण, भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारी, बी आई टी दुर्ग एवम शैक्षणिक संस्थानों के संकाय सदस्य, हाईटेक हॉस्पिटल के प्रतिनिधि उपस्थित थे। संचालन अस्मिता मुखर्जी तथा आभार प्रदर्शन बसंत साहू ने दिया।