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छत्तीसगढ़

मधुमक्खियों के जानलेवा हमले से वनविभाग अंजान

पत्थलगांव । शहर के मुख्य मार्ग मे बनी कुछ आलीशान ईमारतो की छत पर बने मधुमक्खियों के छत्ते को लेकर वनविभाग गंभीर नही है,जिले मे मधुमक्खियों के हमले से हर दिन कोई न कोई बडी घटना घटित हो रही है,परंतु उसके बाद भी वनविभाग शहर के रिहायसी ईलाको मे बने मधुमक्खियों के जानेलवा ठिकाने की ओर कोई कार्यवाही नही कर रही। यहा के रायगढ रोड मे एक बडी ईमारत के उपर बने एक दर्जन से भी अधिक मधुमक्खियों के जानलेवा ठिकाने का अचानक टूट जाने के कारण कुछ दिन पहले ही शहर मे घटना हो चुकी है। वनविभाग अब शायद उससे भी बडी घटना होने का इंतजार कर रहा है,इस ईमारत के पास ही शासन-प्रशासन के नुमाईंदो का शहर आगमन के पश्चात रूकने के लिए विश्राम गृह मौजुद है। वनविभाग मधुमक्खियों के जानलेवा छत्तो से बेखबर होकर विश्राम गृह के उपर आने वाली विपदा से भी अंजान बने हुये है। वनविभाग जनता की तकलीफ के अलावा शासन प्रशासन के नुमाईंदो पर आने वाली विपदा से भी अनभिज्ञ है,विश्राम गृह के पास ही एक विशालकाय वृक्ष मे भी सौ से अधिक मधुमक्खियो ने छत्ते बना रखे है,शोरगुल से मधुमक्खियां विचलित होकर अपने घर से बाहर निकलती है तो विश्राम गृह के अलावा सिंचाई विभाग,पशुधन विभाग,लोक निर्माण विभाग एवं इसके दायरे मे आने वाली अनेक रिहायसी कॉलोनीयों मे रहने वाले लोग मधुमक्खियों की चपेट मे आ सकते है। मधुमक्खियों से होने वाले ऐसे हमलो की ओर वनविभाग जरा भी ध्यान नही दे रहा है। आने वाले कुछ दिनो मे ही धार्मिक रामनवमी के अलावा राजनीतिज्ञ गलियारो मे उठा पटक का समय नजदीक आ रहा है। ऐसे मे शोरगुल या फटाखो से मधुमक्खियां विचलित होकर अपने ठिकानो से बाहर आती है तो शहर मे हजारो लोग उनकी डंक के शिकार हो सकते है।।
डॉक्टर ने दी बचने की सलाह-:एक ही व्यक्ति को अनेक मधुमक्खियों द्वारा काट लिए जाने वाले पर पीडित की मौत भी हो सकती है,ऐसे मामले जिले मे अनेक बार घटित हो चुके है। ब्लाक चिकित्सा अधिकारी डॉ जेम्स मिंज ने बताया कि एक मधुमक्खी के काटने से एंटीबॉयोटिक दवाओ के अलावा पेनकिलर से ईलाज किया जा सकता है,परंतु एक ही व्यक्ति को अनेक मधुमक्खियों द्वारा काट लिए जाने पर उसका डंक बेहद घातक हो जाता है,ऐसी स्थिती मे यदि समय पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र मे पीडित को पहुंचा दिया जाता है तो उसकी जान बचायी जा सकती है। उन्होने लोगो से मधुमक्खियों के छत्तो वाली जगह पर शोर गुल के दौरान या फिर तेज हवा के समय जाने से मना किया है।।
–एक्सपर्ट बुलाकर मधुमक्खियों द्वारा बनाये गये छत्तो की जगह को चिन्हाकिंत कराने का काम जल्द ही शुरू किया जायेगा।
कृपासिंधु पैंकरा-रेंजर-वनविभाग-पत्थलगांव

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