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छत्तीसगढ़

रामोत्सव पर आधारित श्रीराम के जीवन चरित्र एवं वनगमन पथ की जीवंत चलित झांकी आकर्षण का केन्द्र

राजिम । कुंभ कल्प मेला का आयोजन इस वर्ष रामोत्सव की थीम पर मनाया जा रहा है, लिहाजा प्रभु श्री राम की जीवंत झांकी का राजिम कुंभ मेला में पहुंचने वाले समस्त श्रद्धालु आनंद उठा रहे हैं बता दें कि राजिम कुंभ की भव्यता 5 वर्ष बाद पुन: लौटी है। इस बार छत्तीसगढ़ शासन द्वारा यह कुंभ श्रीराम को समर्पित किया गया है, जिसके तारतम्य में मेले की सारी सजावट में राम की झलक स्पष्ट नजर आ रही है। शासन द्वारा रामवनगमन को विशेष रूप में ध्यान में रखते हुए चलित झांकी की प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें वनवास के दौरान श्रीराम द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्नि क्षेत्रों में निवासरत स्थलों का मूर्तियों द्वारा चित्रण किया गया है। जिसमें लोमष ऋषि से भेंट, त्रिवेणी संगम राजिम में बालू से शिवलिंग की सीता द्वारा किए गए पूजा, माता कौशिल्या सहित श्रृंगी ऋषि, शबरी एवं सुग्रीव से भेंट की झांकी लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। इस डोम में आने वाले लोग छत्तीसगढ़ के दण्डकारण्य क्षेत्र में राम द्वारा बिताए गए दिनों की झांकी से रोमांचित हो कर आनंद उठा रहे हैं।
इसी तर्ज पर मुख्यमंच पर आयोध्या में निर्मित श्रीरामलला के मंदिर का प्रतिकात्मक चित्रण किया गया है, जिससे मुख्यमंच पूरी तरह से राममय दिखाई देता है। साथ ही झांकी के प्रदर्शन में लेजर लाईट और साउंड इफेक्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ में श्रीराम के बिताए गए दिनों को दिखाया जा रहा है, जो आने वाले पीढ़ी को राम के चरित्र सहित भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता द्वारा छत्तीसगढ़ के दण्डकारण्य क्षेत्र के बिताए गए दिनों से परिचित करा रहे हैं। इस झांकी को देखने आए। बिलासपुर से मेला घूमने आए युवकों ने झांकी देखने के बाद बताया कि हमें इस झांकी से काफी जानकारी प्राप्त हुई है, जिससे हम अंजान थे। छात्र रोशन साहू ने बताया कि जिन बातों को हमने किताबों में पढ़ा था, उसे सचित्र देखकर हमारा मन रोमांच से भर उठा। शासन की इस पहल की हम सभी भूरी-भूरी प्रशंसा करते हैं।
छत्तीसगढ़ के स्टार राजेश अवस्थी के गीतों पर झूमे दर्शक
रामोत्सव के थीम पर आधारित राजिम कुंभ कल्प मेला में मुख्य मंच पर लोक कलाकारों की प्रस्तुति देखकर दर्शक भी झूमने को मजबूर हो रहे हैं। 24 फरवरी से प्रारंभ हुए गरियाबंद जिले के राजिम की पावन धरती में राजिम कुंभ के दूसरे दिन मुख्यमंच पर छत्तीसगढ़ के फिल्म स्टॉर राजेश अवस्थी की शानदार प्रस्तुति देखकर दर्शक भी नाचने थिरकने लगे। मुख्य मंच पर कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति लोकधारा के संचालक राजेश साहू करडरका कुम्हारी ने गणेश वंदना के साथ शुरूआत की। लोगों के मन में बसे भक्ति गीत राम आयेंगे आयेंगे,, ने सभी दर्शको का दिल जीत लिया। कलाकारों ने नृत्य गायक के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन की जमकर तारीफ की और मोदी की गारंटी का बखान किया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में कुमार पण्डित ने शास्त्रीय गीतों की प्रस्तुति दी। इसके बाद छत्तीसगढ़ी फिल्म के सुपर स्टार राजेश अवस्थी और उनके कलाकारों ने हिंदी भजन के साथ छत्तीसगढ़ी गीतों पर दर्शकों को जमकर नचाया। मंगल भवन अमंगल हारी… मया होगे रे मया होगे न… सहित कई लोकप्रिय गीत प्रस्तुत किए जिसे देख-सुनकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए.. कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति अमर श्रीवास की टीम द्वारा छत्तीसगढ़ की परंपरा को जीवंत दिखाने का बखूबी प्रयास किया। कलाकारो का सम्मान नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, केन्द्रीय समिति के विशिष्ट सदस्य लीलाराम साहू, रमेश चौधरी, छाया राही, पुष्पा गोस्वामी, पूर्णिमा चन्द्राकार ने पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन निरंजन साहू ने किया।
कलामंच की होगी रंगारंग प्रस्तुति
राजिम कुंभ कल्प में विभिन्न स्थानों से आए कलाकार अपनी प्रतिभा को नृत्य गायन एवं संगीत के माध्यम से प्रदर्षित कर रहे हैं। मंच के माध्यम से छत्तीसढ़ की कला एवं संस्कृति दूर-दूर तक फैल रही हैं। साथ ही भारतीय संस्कृति एवं कला को सहेजने और संरक्षित करने के लिए प्रसिद्ध कलाकार मुम्बई, दिल्ली एवं अन्य स्थानों से आकर मंच की शोभा बढ़ा रहे हैं। बुधवार 27 फरवरी को मुख्यमंच पर गोपा सान्याल की टीम और उर्वसी साहू लोक कलामंच की प्रस्तुति होगी। अन्य कार्यक्रमों में भावना टांक रायपुर द्वारा गायन, रोशन कुमार साहू नंदनी द्वारा हमर छत्तीसढ़ लोकमंच की प्रस्तति होगी।इसी तहर श्री कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास बने मंच में रोहित कुर्रे द्वारा मंगल भजन, होमन यदु नवागांव द्वारा राउत नाचा, मुक्षय कुमार छुईया का रामायण, रोशनी नागवंशी बोरिद द्वारा पंडवानी, महेश पटेल राजिम फागमंडली, गिरवर ध्रुव कोसबुड़ा लोककला मंच, श्रवण सार्वा दुलना जसगीत झांकी, उत्तम कुमार हसदा का रामधुनी, कपिल साहू बेलटुकरी द्वारा पंचमुखी मानस परिवार की प्रस्तुति होगी।
राजिम कुंभ मेला में हजारों लोगों को मिल रहा नि:शुल्क भोजन
राजिम कुंभ मेला में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं, मेलार्थी को किसी प्रकार की परेशानिया न हो इसका पूरा ख्याल रखा गया है। राजिम मेला पहुंचने के लिए रायपुर, धमतरी, महासमुंद और गरियाबंद चारों जिलों के विभिन्न क्षेत्रों से बसों की सुविधा रखी गई है। वहीं मेला में आए सभी श्रद्धालुओं के मूलभूत सुविधाएं जैसे भोजन, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था रखी गई है।
मेला में साहू समाज राजिम भक्तिन मंदिर समिति द्वारा मुख्य मंच के पास ही नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है। मेला के पहले दिवस समिति के अध्यक्ष लाला साहू ने अपने स्वर्गीय माता-पिता के स्मृति में भोग भंडार कराया गया। श्री साहू ने बताया कि समिति द्वारा आयोजित इस भोग भंडारे में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भोग ग्रहण कर तृप्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले दिन छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध व्यंजन सलगा बड़ा कड़ही के साथ भोजन कराया गया। वहीं दूसरे दिवस बलराम-भारती साहू के द्वारा भोग भंडारे की व्यवस्था की गई। तीसरे दिन सोमवार को राजिम एसडीएम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धनंजय नेतात एवं परिवार की तरफ से व्यवस्था थी। इस दौरान एसडीएम श्री नेताम सपत्नीक उपस्थित लोगों को भोजन भी परोसा समिति के अध्यक्ष लाला साहू ने बताया कि महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू एवं राजिम विधायक रोहित साहू के मार्गदर्शन में सामाजिक सद्भावना, सामाजिक समरसता की भावना को प्रगाढ़ बनाए रखने के लिए समिति द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सर्व समाज के सहयोग से भोग भंडारा का आयोजन किया गया है। भंडार की व्यवस्था हेतु संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर सर्वसुविधायुक्त पंडाल की व्यवस्था की गई है। भंडारे में सहयोग हेतु प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, जिला साहू संघ धमतरी के अध्यक्ष अवनेंद्र साहू, जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू, प्रदेश साहू संघ के महामंत्री हलदार साहू, दयाराम साहू, उपाध्यक्ष मालक राम साहू, प्रोफेसर घणाराम साहू, कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वरी साहू, उपाध्यक्ष बोधन साहू, नूतन साहू, होरीलाल साहू, महामंत्री रामकुमार साहू, मिजंन लोकनाथ साहू, डॉक्टर दिलीप साहू, गोपाल साहू सहित साहू समाज एवं राजिम भक्तिन मंदिर समिति के सभी सदस्य व सामाजिक लोगों का सहयोग मिल रहा है।
राजिम कुंभ : मेलार्थियों को मिल रही शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी
राजिम कुंभ कल्प मेला में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल लगाया गया है। इन स्टॉलों में विभिन्न विभागों द्वारा शासन की योजनाओं की जानकारी और उसके लाभ के अलावा अन्य जानकारी दी जा रही है। गरियाबंद जिला के खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी और ग्राम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए स्टाल लगाया गया है। यहां पर बोरा, रस्सी और बांस की सहायता से बनाए गए विभिन्न घरेलू उपयोगी वस्तुए प्रदर्शिनी और बिक्री के लिए रखी गयी है। स्टॉल में दूसरी ओर खादी के बने कपड़े जैकेट, रेडिमेड कुर्ता, बंगाली लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
हस्तशिल्प विकास बोर्ड की लगी स्टॉल-हस्तशिल्प विकास बोर्ड गरियाबंद द्वारा बांस के बने सोफा, लैम्प, फाइल रेंक, मंदिर टे, लेटर बॉक्स, स्टूल चेयर, आईना फ्रेम, पेन स्टैण्ड, ब्रस हैण्डल, की हैण्डल के साथ विभिन्न प्रकार के आकर्षित करने बांस की वस्तुएं की स्टॉल लगाई गई है।
राममय हुआ राजिम का कुंभ कल्प
रामोत्सव की थीम पर मनाया जा रहा राजिम कुंभ कल्प मेला राजिम का कुंभ कल्प-2024 इस बार भगवान श्रीराम को समर्पित करते हुए पूरे कुंभ की संरचना भगवान श्रीराम की थीम पर आधारित है। इसलिए कुंभ मेला परिसर में जगह-जगह भगवान श्रीराम और उनके आराध्य भगवान सदाशिव की प्रतिमाएं रंगोली और कट-आउट जगह-जगह नजर आने से पूरा राजिम राममय नजर आ रहा है। यह इत्तेफाक ही है कि यहां पर आने वाले स्थानीय लोक मंच के कलाकार सहित राष्ट्रिय स्तर के कलाकारों की गायिकी में भी राम रस बरसता हुआ नजर आ रहा है।
भगवान श्री राजीव लोचन भगवान जो स्वयं विष्णु के अवरात है, तो प्रभु श्री राम भी विष्णु के अवतार है और यहां पर श्रीराम की थीम पर आयोजित कुंभ में जगह-जगह विराजे राम को देखकर ऐसा लगता है मानो छत्तीसगढ़ की इस पावन धरा में स्थित लोमश ऋषि आश्रम में मानो पुन: राम पधारे हो और संगम के तट पर राम का राम से मिलन हो रहा है। इस अनुपम छटा का साक्षात्कार जब शाम को लेजर लाइट और साउंड के माध्यम से होता है तब उपस्थित जन समुदाय भक्ति के उस रोमांच से भाव विभूत हो जाता है जिसका वर्णन करना जन-साधारण के लिए असंभव है इस रोमांच को सिर्फ महसूस किया जा सकता है उसका वर्णन नहीं।प्रात: कालीन और शाम को अस्ताचलगामी सूर्य की बिदा होती किरणों के साथ जब श्रद्धालु इस संगम में मां चित्रोत्पला गंगा की अपनी श्रद्धा भाव की दीप दान करती है। तब ऐसा लगता है मानो करोड़ो सूर्य इस संगम में उतरकर कुंभ कल्प का पूर्ण लाभ लेने धरा पर उतर आये है और भगवान श्री राजीव लोचन की स्तुति गान कर रहें है। कुंभ में संगम तट पर होने वाली प्रतिदिन महानदी आरती की स्वर लहरी मंत्रोत्चारण के साथ गुंजता शंखनाद और चहुं ओर फैलती श्रद्धा भक्ति की दिव्य सुगंध पूरे कुंभ माहौल को धर्म की सकारात्मकता के साथ उपस्थित जन समुदाय को आशीर्वाद स्वरूप जिस दिव्य अनुभूति को यहां आकर लोग महसूस करते है वह अवर्णननीय है।संगम परिक्षेत्र में बने बड़े-बड़े डोम देश-भर के संत महात्माओं के स्वागत में शबरी की तरह बाट जोहते नजर आते है आने वाले कल में इन्हीं डोमो में देश के संत महात्माओं का डेरा होगा जहां से धर्म की कभी न सुखने वाली अविरल धारा की प्रवाह प्रवाहित होगा जिसके चित्रोत्पला से हुए संगम में हर श्रद्धालु डुबकी लगाने का कोई भी अवसर चूंकना नही चाहेगा।
संत समागम में साधुओं ने लगाए धर्म-ध्वजा
संत समागम में साधुओं द्वारा लगाई गई धर्म-ध्वजा की पताका यहां आने वाली हर भटके हुए राही का मार्ग प्रशस्त करते हुए धर्म का रास्ता दिखाती हुई प्रतीत होती है। पर्व स्नानों पर होने वाले साधु-संतो और नागा-साधुओं का शाही स्नान शाही होकर भी धार्मिक और आस्था का प्रतिमान होता है जो यह संदेश देता है कि जनकल्याण को समर्पित यह साधु-संत कीचड़ मे खिले कमल के समान रहकर समाज और राष्ट्र की सेवा करें।राजिम का कल्प कुंभ की प्राचीन परंपरागत धरोहर का अनुसरण करते हुए आने वाले हर श्रद्धालुओं को यह संदेश देता है कि गृहस्थ जीवन में अपने तमाम संसारिक कर्तव्यां का संसारिक धर्म निभाते हुए आध्यात्म के प्रति समर्पित होकर धार्मिक आचरण के अनुसार आचरण करते हुए स्वयं संस्कारिक होकर दूसरों को भी संस्कारवान बनाएं। यहीं आशीष राजिम की पुण्य धरा आने वाले अपने हर श्रद्धालुओ की झोली भर-भरकर देती है।
राजिम कुंभ में लोकमंच के कलाकारों ने दर्शकों की वाहवाही लूटी
राजिम कुंभ कल्प 2024 में त्रिवेणी संगम स्थित मंच में क्षेत्र के स्थानीय कलाकारों ने अपनी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति दी और दर्शकों की वाहवाही लूटी। इसी तारतम्य में शांति साहू और उनके सहयोगी कलाकारों ने भजन गाकर पूरा माहौल भक्तिमय कर दिया। गायिका ऐश्वर्या साहू द्वारा गाया भजन वीर हनुमाना को श्रोताओ ने काफी पसंद किया। श्रीमति सुनीता साहू, अमर निषाद और श्री संकट मोचन सुंदर कांड जनकल्याण समिति की बालिकाओ ने रामायण पर आधारित भजन गाकर कुंभ कल्प की थीम को साकार किया। शासन द्वारा इस बार का कुंभ श्रीराम को समर्पित है। बरभाठा के शिवा सूरदास के भजनो पर दर्शक दीर्घा में बैठें लोग झूम उठे इस कार्यक्रम में गाये गए भजन गौरी के ललना झूलत हे झूलना जैसे कई भजन लोकमंच के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। जिसे सुनकर दर्शक स्वयं को रोक नहीं पाये और भक्ति की इस अविरल धारा में डुबकी लगाते हुए अपने आप को झूमने से रोक नहीं पाए।

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