मेला कुछ दिन बाद,रेत हाईवा से खराब चौबेबांधा सड़क अभी तक नहीं बनी
राजिम । सांई मंदिर अटल चौक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 सी से धमतरी जिला को जोडऩे वाली राजिम परसवानी चौबेबांधा मार्ग में अभी तक डामर नहीं बिछाया गया है। जबकि मेला को मात्र 3 दिन शेष रह गया है। 24 फरवरी से देश के प्रसिद्ध कुंभ कल्प मेला का आयोजन शुरू हो जायेगा। 15 दिनों तक मेले में लगातार लाखों लोग पहुंचेंगे। शहर के अंदरूनी मार्गो में भीड़ होने के कारण परिवहन विभाग के द्वारा राजधानी पहुंच मार्ग को डायवर्ट करते हुए हर वर्ष चौबेबांधा मार्ग से होकर धमतरी एवं रायपुर पहुंचाया जाता है। इस दौरान वाहनों की रेलमपेल लगी रहती है। मेला देखने के लिए लोग नए कपड़े पहनकर आते हैं। यहां सड़क की ऐसी स्थिति है कि एक बार चलने में ही पूरे कपड़े धुल धूसरित हो जाते हैं। धमतरी जिले से रेत हाईवा सैकड़ों की संख्या में सुबह से लेकर दोपहर, शाम, रात्रि अर्थात 24 घंटे चल रही है। इस पर लगाम लगाने के लिए गरियाबंद जिला प्रशासन के उदासीनता छिपी नहीं है। नतीजा राहगीरों को रोज धूल स्नान करना पड़ रहा है। इस सड़क मार्ग से चंद किलोमीटर की दूरी पर विधायक निवास, एसडीम और तहसील कार्यालय है। इसे बंद करने के लिए स्थानीय लोग कई बार प्रयास कर चुके हैं परंतु बंद नहीं हो पाया है। सड़क किनारे बसे हुए लोगों ने तो एसडीएम तथा थानेदार को भी ज्ञापन दे चुके हैं। अभी भी धड़ल्ले रेत परिवहन नवीन मेला मैदान चौबेबांधा मार्ग से होकर चल रही है। मजे की बात यह है कि रविवार को शाम 4:00 बजे जिला कलेक्टर आ रहे हैं ऐसा जानकर चौबेबांधा पुल के उस पार स्थानीय प्रशासन ने सारे गाडिय़ों को रुकवा दिया था। उसके बाद देर सारी गाडिय़ां की लाइन लग गई थी। इस मार्ग से होकर जिन्होंने भी अपने गंतव्य स्थल गए हैं उन्होंने प्रशासन को खूब कोसा है।
स्कूली विद्यार्थी भयभीत
धमतरी जिला तथा गरियाबंद जिले के तकरीबन पांच दर्जन गांवों के छात्र-छात्राएं शहर की स्कूल कॉलेज में विद्या अध्ययन करने के लिए आते हैं। उन्हें आने-जाने में बड़ी तकलीफ हो रही है। छात्र नीता, हर्षिता, मोहिनी, सावित्री, रितु, नवीन, मोहन, राम, खिलेंद्र ने बताया कि कपड़े गंदे पहन कर जाते हैं तो क्लास टीचर के डांटने का डर बना रहता है। बड़ी सावधानी से साइकिल चलाते हुए स्कूल पहुंचते हैं। लोडिंग रेत हाईवा से बहुत भयभीत है। इन छात्रों ने हाथ जोड़कर कहा कि किसी भी तरह से ऐसे वाहनों को बंद कर दीजिए। हमें परेशानी हो रही है और सड़क को भी बनवा दीजिए। छात्रों की रूदन आवाज सुनने वाला कोई नहीं है।
सड़क में अभी भी गड्ढे
2 किलोमीटर दूरी तक के सड़क मार्ग में गड्ढे को पाट कर गिट्टी और मुरूम डाला गया है। बावजूद इसके अभी भी कई गड्ढे में मुरूम भी नहीं डाल पाए हैं। दानी तालाब के पास तो गड्ढे मौजूद है। जहां पर मुरम डाला गया है चार पहिया वाहन चलने से धूल का गुबार उठ जाता है। यही स्थिति रही तो मेले तक राहगीर कई तरह की बीमारी से ग्रसित हो जाएंगे। बीते 3 फरवरी के बैठक में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया था कि कुंभ मेला पहुंच मार्ग को सुव्यस्थित बनाया जाए ताकि लोगों को आने-जाने में कोई तकलीफ ना हो। धमतरी, गरियाबंद जिला के शीर्षस्थ अधिकारियों ने मंत्री को आस्वस्त भी किया था परंतु इस सड़क मार्ग का बुरा हाल लोगों को प्रतिदिन दिक्कत में डाल रही है।
चौबेबांधा पुल की अभी तक साफ सफाई नहीं
सोमवार को दोपहर 1:00 तक राजिम परसवानी चौबेबांधा पुल की साफ सफाई तक नहीं हो पाई थी। पुल के दोनों किनारे रेत का ढेर बन गया है। पुल खुरदुरा है। बताया जाता है कि धमतरी जिला पीडब्ल्यूडी विभाग के देखरेख में है। पुल के जॉइंट में कहीं पर उभार आ गया है जो स्पीड ब्रेकर का काम कर रही है। कहीं पर गड्ढे जैसा आकृति बन गया है। यहां इन्हें सुधारे जाने की अत्यंत आवश्यकता है। ध्यान नहीं देने के कारण परेशानियां आंख खोल कर खड़ी हुई है। कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी है पर कोई सुधार कार्य नहीं हुई है।