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छत्तीसगढ़

कृष्ण-कृष्ण जपने से मिट जाती है मन की तृष्णा:आचार्य कृष्णकांत

राजिम । शहर के शंकरनगर में श्री हरिहर सेवा ट्रस्ट के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पांचवें दिन पंडित आचार्य कृष्णकांत महाराज वृंदावन ने कृष्ण बाल लीला की कथा सुनाएं। उन्होंने कहा कि गर्ग ऋषि ने बड़े पुत्र का नाम बलराम रखा तथा छोटे भाई जिनका जन्म भाद्र मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को हुआ था। कृष्ण वर्णन धारण किया इसलिए इनका नाम कृष्ण रखा गया। यह वह नाम है जिनके जपने से ही कष्ट की निवृत्ति हो जाती है। कृष्ण नाम रखने से मन की तृष्णा मिट जाती है। नामकरण संस्कार पर उन्होंने कई जानकारी दिए। कहा कि अपने बच्चों का नाम भगवान के नाम पर ही रखें इससे जन्म लिए हुए बच्चे के व्यक्तित्व के ऊपर प्रभाव पड़ता है। कई उदाहरण देखे गए हैं जैसा नाम तथा काम की कहावत चरितार्थ हुई है। इसलिए नामकरण संस्कार बड़ी सावधानी के साथ सोच समझ कर होना चाहिए। बालक का नाम देवताओं के नाम के ऊपर तथा बालिका का नाम देवियों के नाम के ऊपर ज्यादा रखने का प्रयास करें। इसे देवी देवताओं के नाम लेने का भी पुण्य आपके भाग्य में सम्मिलित हो जाएगा। कलयुग में ईश्वर नाम रटन का महत्व बताया गया है। उन्होंने बाल लीला का वर्णन करते हुए कहा कि कृष्ण के पांव में घुंघरू बांधे हुए थे जब वह चले तो घुंघरू की छुन-छुन आवाज पुरवासी को मंत्र मुक्त कर देते थे। एक दिन कृष्णा को बिठाकर मां यशोदा स्नान करने चली गई। इधर कृष्णा मिट्टी को उठाकर खा रहे थे एक सखी के द्वारा आवाज देने पर तुरंत आई और उनके मुंह से मिट्टी निकालने के लिए मुंह खोलने के लिए कहा लेकिन यशोदा ने वह दृश्य देख लिया जिसे बड़े-बड़े ऋषि मुनि ज्ञानी भी देख नहीं पाए हैं। असंख्य सूर्य, चंद्र, धरती, पेड़, पौधे, आकाश, पानी, अग्नि इत्यादि को देखकर मैया विस्मित हो जाती है तब माता को डरा हुआ जानकर उनके मस्तिष्क से वह दृश्य आउट कर देते हैं। एक बार ठाकुर जी को भोग लगाने के लिए माता यशोदा ने खीर पकाई लेकिन उन्हें जाकर बालक कान्हा खा लिया। यह दृष्टांत अत्यंत रोचक ढंग से बताया जिसे सुनकर श्रद्धालु गण भाव विभोर हो गए। मौके पर कृष्ण बाल लीला का आयोजन किया गया और मटका फोड़ा गया। मटका में मौजूद दही को खाकर भक्तगण भाव विभोर हो गए। प्रसाद गोवर्धन पर्वत की कथा भी सुनाई गई जिसे सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रोता का अनुपस्थित थे इस मौके पर प्रमुख रूप से वरिष्ठ नागरिक सेवक श्रीवास, सेवानिवृत्त प्रधानपाठक टी आर धनकर, कवि एवं साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर मंडल, लोक कलाकार पिंटू महिलवार, राजीव युवा मितान क्लब के अध्यक्ष शेरा जांगड़े, जीवन दिवाकर, ट्रस्ट के अध्यक्ष मिथिलेश श्रीवास, संरक्षक अजय साहू, तोषन देवांगन, राजीव साहू, इशू साहू, पिंटू भोई, दीप्ति मिश्रा, मनीष श्रीवास, आकाश गुप्ता, राहुल ठाकुर, भोला साहू, संजय पाल, उज्जवल साहू, मोनिका, नेहा, विकास कुलदीप, नवीन, तुषार, हर्षद जोशी, आदर्श गोस्वामी इत्यादि है।

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