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छत्तीसगढ़

गिरधर को भोग लगाकर वितरण किया अन्नकुट का प्रसाद

पत्थलगांव । गोवर्धन पर्वत को हाथ की उंगली पर उठाकर गोकुलवासियों की इंद्र के प्रकोप से रक्षा करने वाले भगवान गिरधन का भोग लगाकर सत्यनारायण मंदिर मे हजारो लोगो के बीच अन्नकुट का प्रसाद वितरण किया गया। यह पर्व हर वर्ष दीपावली के दूसरे दिन बडे ही धूमधाम से मनाया जाता था,इस बार दीपावली के दूसरे दिन अमावस्या रहने के कारण गोवर्धन पूजा का आयोजन दिन मंगलवार को किया गया। यहा के सबसे प्राचीन सत्यनारायण मंदिर मे सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराये जा रहे थे,भगवान गिरधर का भोग लगाकर भंडारा लगाया गया। सत्यनारायण मंदिर की तरह ही दुर्गा मंदिर,शारदा मंदिर एवं किलकिलेश्वर धाम मे अन्नकुट के प्रसाद का वितरण किया गया,जहा शहरवासियों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र से भी भारी संख्या मे श्रद्धालु आये हुये थे। यहा के सबसे प्राचीन सत्यनारायण मंदिर मे पिछले पांच दशक से दीपावली के बाद अन्नकुट के प्रसाद का आयोजन किया जाता है,इस बार यह आयोजन दीपावली के तीसरे दिन संपन्न हुआ। मंदिर समिती के अध्यक्ष अनिल मित्तल,श्रवण अग्रवाल,मदनलाल अग्रवाल,अरूण अग्रवाल,नत्थु शर्मा,संजय लोहिया,मुन्ना शर्मा,चमरू अग्रवाल,आलोक गर्ग,राजा शर्मा,रमेश जायसवाल के अलावा अन्य लोगो ने काफी तैयारियां कर रखी थी। अन्नकुट का प्रसाद बनने से लेकर वितरण करने तक सभी समाज के लोग अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। समिती के अध्यक्ष अनिल मित्तल ने बताया कि 50 साल से भी अधिक समय से सत्यनारायण मंदिर मे अन्नकुट का भंडारा लगाया जाता है,जिसमे आस-पास की ग्राम पंचायतो के अलावा गांव के सभी धर्म से जुडे लोग अन्नकुट का प्रसाद ग्रहण करने एक कतार मे खडे होते है,उन्होने बताया कि अन्नकुट का प्रसाद के दौरान बनाया जाने वाला पंचमेला का व्यंजन लोगो को काफी रास आता है,जिसकी तारीफ आस-पास के लोग करते दिखायी देते है।
गाय के गोबर से गोवर्धन-:सत्यनारायण मंदिर के पूजारी पं.श्यामु महाराज ने बताया कि अन्नकुट का महत्व परिवार के सभी सदस्यों को एक रसोई से बना विभिन्न प्रकार का भोजन ग्रहण कर एकता प्रदर्शित करने का अवसर है। उनका कहना था कि गोवर्धन पूजा का महत्व वरूण इंद्र एवं अग्नि की पूजा को लेकर है। उन्होने बताया कि इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति तैयार कर उसकी पूजा की जाती है। गोवर्धन पर्वत का तात्पर्य भगवान श्री कृष्ण की भक्ति एवं अराधना से जुडा है,उनका कहना था कि गोवर्धन पूजा के दिन आदिकाल से अन्नकुट का प्रसाद एवं गायो की पूजा करने का महत्व चले आ रहा है।।

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