गरियाबन्द में नक्सलियों के साथ मुठभेड़, आठ लाख का इनामी नक्सली योगेश उर्फ साकेत ढेर

गरियाबंद । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के जुगाड़ थाना क्षेत्र के मोतीपानी गांव के पास जंगल में बीती रात सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में एक हार्डकोर नक्सली मारा गया। मारे गए नक्सली की पहचान योगेश उर्फ साकेत उर्फ आयतु कोरसा के रूप में हुई है, जो बस्तर डिवीजनल कमेटी (डीबीसीएम) का सदस्य था और जिस पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह नक्सली बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र का निवासी था और कई बड़े नक्सली हमलों में वांछित था। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबल मौके से भागे अन्य नक्सलियों का पीछा कर रहे हैं, और क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
खुफिया जानकारी पर शुरू हुआ ऑपरेशन
पुलिस को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर गरियाबंद पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम ने जुगाड़ और शोभा थाना क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। सूचना थी कि नक्सलियों की एक टुकड़ी इस इलाके में सक्रिय है और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रही है। जैसे ही सुरक्षाबल मोतीपानी गांव के जंगल में पहुंचे, नक्सलियों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला और एक नक्सली को मार गिराया, जबकि अन्य नक्सली घने जंगल का फायदा उठाकर भाग निकले।
मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद
मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने घटनास्थल की तलाशी ली, जिसमें एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर), 12 बोर की गोलियां, मैगजीन, बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (जीबीएल), कई वॉकी-टॉकी, गोलियां, नक्सली साहित्य, दवाइयां, और दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई। इसके अलावा, कुछ विस्फोटक सामग्री भी जब्त की गई, जो नक्सलियों की किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है।
नक्सली योगेश की भूमिका और अपराध
गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक निखिल अशोक रखेचा ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि मारा गया नक्सली योगेश उर्फ साकेत उर्फ आयतु कोरसा नक्सल संगठन में बडे स्तर का नेता था और बस्तर डिवीजनल कमेटी का महत्वपूर्ण सदस्य था। वह बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र का निवासी था और कई बड़े नक्सली हमलों, हत्याओं, और विस्फोटों में शामिल रहा है। उस पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने 8 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। पुलिस अधीक्षक ने इसे सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी रणनीतिक जीत करार दिया।
सर्च ऑपरेशन और सुरक्षा व्यवस्था
मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबल अन्य नक्सलियों की तलाश में जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात कर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस को आशंका है कि भागे हुए नक्सली पास के इलाकों में छिपे हो सकते हैं। पुलिस अधीक्षक निखिल रखेचा ने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान कुछ और महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है, जिससे नक्सली नेटवर्क को और कमजोर करने में मदद मिलेगी।
नक्सलवाद के खिलाफ तेज होती कार्रवाई
यह मुठभेड़ उस समय हुई है, जब छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान तेजी से चल रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य के तहत बस्तर संभाग में डीआरजी, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, और बस्तर फाइटर्स की टीमें लगातार ऑपरेशन चला रही हैं। इस साल अब तक बस्तर संभाग में 128 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं, और कई इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। जिसमें गरियाबंद के भी तीन से अधिक नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है
पुलिस अधीक्षक का बयान
पुलिस अधीक्षक निखिल अशोक रखेचा ने अपने बयान में कहा, “यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। योगेश उर्फ साकेत जैसे हार्डकोर नक्सली का मारा जाना नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका है। हमारा सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा है, और हम नक्सलियों को किसी भी कीमत पर बख्शगे नहीं । क्षेत्र में शांति स्थापित करना हमारा प्रथम लक्ष्य है।
नक्सलियों की रणनीति को झटका
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, योगेश उर्फ साकेत नुआपाड़ा डिविजन कमेटी को फिर से संगठित करने की कोशिश में था, जो जनवरी 2025 में गरियाबंद में 16 नक्सलियों के मारे जाने के बाद कमजोर पड़ गई थी। वही बीती रात की इस घटना ने नक्सलियों की कमर ही तोड़ दी है साकेत उर्फ योगेश की के मौत से नक्सलियों की रणनीति को बड़ा झटका लगा है।
स्थानीय लोगों में राहत
इस मुठभेड़ के बाद स्थानीय लोगों में राहत की सांस है, क्योंकि योगेश जैसे नक्सली ग्रामीणों में दहशत पैदा करने और जबरन वसूली करने के लिए कुख्यात थे। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की उम्मीद बढ़ी है।
आगामी रणनीति
पुलिस और सुरक्षाबल अब इस मुठभेड़ से मिले सुरागों के आधार पर नक्सली नेटवर्क को और कमजोर करने की योजना बना रहे हैं। खुफिया तंत्र को और मजबूत किया जा रहा है ताकि नक्सलियों की गतिविधियों पर पहले से नजर रखी जा सके।यह मुठभेड़ न केवल गरियाबंद बल्कि पूरे बस्तर संभाग में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। सुरक्षाबलों की इस सफलता से नक्सली संगठन की कमर टूटने की उम्मीद की जा रही है।