छत्तीसगढ़

कंटेनर से 60 बछड़ों को छुड़ाया

कसडोल । शिवरीनारायण से शनिवार की रात 11 बजे के लगभग आ रही कंटेनर को मवेशी होने की सूचना पर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पीछा किया जिससे अनियंत्रित कंटेनर के चालक ने बजरंगियों की स्कॉर्पियो वाहन पर घातक हमला कर दिया। इधर बजरंगियों की सूचना पर गिरौधपुरी पुलिस भी कंटेनर को रोकने लगी रही लेकिन अनियंत्रित कंटेनर चालक ने तेज रफ्तार से भारी कंटेनर को महाराजी के रास्ते नवागांव नाका के साईड बैरियर को तोड़ते हुए घुस गई। जिसके बाद आगे कोठारी के पास कंटेनर , कीचड़ युक्त सड़क में जा फंसा।
जिसके बाद सोनाखान पुलिस चौकी प्रभारी और उनके स्टाफ द्वारा कोठारी के समीप खराब सड़क में मवेशी भरकर खड़ी एक कंटेनर को जब्त किया गया है। इधर जांच के बाद ट्रक में लगभग 60 बछड़े लदे थे जो लापरवाही पूर्वक कंटेनर चलाने पर दो बछड़ा की दबकर मौत हो गई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा एवं अति0 पुलिस अधीक्षक एवं उप पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के निर्देशन में तथा थाना प्रभारी लखेश केंवट थाना प्रभारी कसडोल व चौकी प्रभारी राजेन्द्र पाटिल सोनाखान के मार्गदर्शन में अवैध पशु परिवहन करने वालों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर धरपकड़ कर कार्यवाही करने के प्राप्त निर्देश दिये गए है। उक्त निर्देशों के परिपालन पर 19 अगस्त को चौकी सोनाखान पुलिस के द्वारा त्वरित कार्यवाही किया गया, जहा कंटेनर क्रमांक सीजी 04 एन के 6091 को पकड़ा गया है। आरोपी चालक और खलासी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये। कंटेनर को चेक करने पर उसके अंदर 60 बछड़े भरा हुआ मिला, जिसमें से 02 बछड़ा मृत पाया गया। कार्यवाही मे चौकी प्रभारी सउनि राजेन्द्र पाटिल सोनाखान, प्रधान आरक्षक महेंद्र जोगी, आरक्षक धीरेंद्र मधुकर, भुवनेश्वर कोसले, कृष्णा जांगड़े, प्रिबेंकर रात्रे, कमल सिंह कंवर, संजय केवट, हरिशंकर पैकरा की सराहनीय भूमिका रही।
हरियाणा की ट्रक नंबर रायपुर का: अवैध रूप से मवेशियों को ले जा रही कंटेनर के चेसिस नंबर से पुलिस को पता चला कि उक्त कंटेनर छत्तीसगढ़ की नहीं बल्कि हरियाणा की है जिसका असली नंबर एच आर 55 क्यू 0627 है जिसका मालिक गुडग़ांव निवासी अलका इलाहाबाद है। बहरहाल फर्जी नंबर प्लेट लगाकर मवेशियों की तस्करी करने वाले कंटेनर के चालक और खलासी कंटेनर के फंसते ही फरार हो चुके है। वहीं पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कंटेनर में फर्जी नंबर क्यों लिखा गया है कंटेनर में भरे मवेशियों को कहां के कत्ल खाने में ले जाया जा रहा था इन सभी विषयों की जांच हो रही है।
वन विभाग का काम भगवान भरोसे
अवैध कार्य रोकने शासन प्रतिमाह करोड़ों रुपए खर्च करती है इसके लिए बाकायदा सभी जांच चौकियों में, चौकीदारों की नियुक्ति भी की गई है परंतु वेतन लेकर काम नहीं करने के आदि वनकर्मी रात 10 बजे से ही जांच नाका खोलकर, अपने घरों में सोए रहते हैं। लिहाजा मवेशियों से भरी उक्त कंटेनर लगातार दो नाकों का बैरियर तोड़कर आगे निकल चुकी थी। बेरियर टूटने की जानकारी भी वन विभाग को नहीं लगी वरना मवेशियों से लदी कंटेनर, पहले ही वन जांच चौकी के बेरियर में ही पकड़ी जा सकती थी।

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