छत्तीसगढ़

बारनवापारा अभ्यारण्य में चीतल की मौत, अमले ने किया मामले दबाने का प्रयास

कसडोल । बलौदाबाजार वनमंडल के अंतर्गत बार नवापारा अभ्यारण्य के रामपुर चारागाह के पास कक्ष क्रमांक 112 में 6 अगस्त 2023 दिन रविवार को एक नर चीतल की मौत का मामला सामने आया है।
कुछ दिनों पूर्व भी रामपुर कक्ष क्रमांक 127 में एक नर काले हिरण की मौत इस अभ्यारण्य में भी हुई थी। बहरहाल इस नर चीतल की मौत के मामले में सूचना लगते ही घटना स्थल पहुंचे फारेस्ट गार्ड मिथिलेश ठाकुर ने स्वयं व सहयोगी राकेश भोई और काम कर रहे 2 अन्य मजदूरों के साथ पर्यटक मार्ग के किनारे मृत हुये इस नर चीतल की लाश को अन्यत्र करीब 200-250 मीटर की दूरी पर जंगल की झाडिय़ों में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिए बगैर छुपा दिया था। जब मामला धीरे-धीरे फैलने लगा तो अपनी इस गैर जिम्मेदाराना हरकत को छुपा न सके और सवालों का जवाब देते हुए मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि यह घटना करीब आज 2:30 बजे की आसपास की है। इस नर चीतल की मृत्यु करीब आठ नौ आवारा कुत्तों के काटने की वजह से हुई है। इसकी सूचना मैं अपने उच्च अधिकारियों को अभी तक नहीं दिया हूँ, जाकर बताने की बात कही। आखिर क्या वजह रही होगी कि मृत नर चीतल की लाश को ढाई घंटे तक फारेस्ट गार्ड ने अपने उच्च अधिकारियों को तत्काल सूचना देना भी मुनासिब नहीं समझा और ऐसी क्या वजह रही होगी कि मृत चीतल की शव को उक्त घटना स्थल से अपने सहयोगियों से साथ घनी झाडिय़ों के बीच जंगल मे छुपा दिया ? यह मामला कई तरह के सवालों को पैदा करता है। ऐसे न जाने कितने मामलेे, जंगल की घोर अंधेरी गुफा में गुम हो जाता होगा ये तो वही बता सकते हैं। बहरहाल मामला प्रकाश में आते ही वन-अमलों की भागम-भाग मृत चीतल को छुपाए स्थान से शुरू हो जाती है। तब तक झाडिय़ों में छुपाए गए चीतल के शव को कुत्ते नोंच कर खाने मँडराते दिखे। वहाँ कोई भी जवाबदार व्यक्ति इस दौरान नजर नहीं आया। इस संबंध में फोन पर वन अधीक्षक बारनवापारा अभ्यारण्य आनंद कुदर्रिया ने कहा कि आज डॉक्टर नहीं आया, कल आने पर पोस्टमार्टम किया जायेगा। फिलहाल मृत चीतल की शव को सुरक्षित रखने के लिए वन – कर्मचारियों को बोला हूँ।

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