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छत्तीसगढ़

शिक्षकों को भारी बारिश में आंदोलन की क्यों पड़ी आवश्यकता

दंतेवाड़ा । छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय शर्मा प्रांतीय उपाध्यक्ष व बस्तर संभाग प्रभारी प्रवीण श्रीवास्तव, प्रांतीय महामंत्री प्रमोद भदौरिया, सूर्यकान्त सिन्हा, कमल किशोर रावत, पुष्पा सिंह जिला अध्यक्ष उदयप्रकाश शुक्ला, शैनी रविन्द्र नोहर साहू ने बताया कि शिक्षकों के सब्र का बांध टूटा है इसलिए भारी बारिश के बीच भारी संख्याबल के साथ शिक्षकों ने आंदोलन का बिगुल राज्य सरकार के उन वादों के खिलाफ फूंका है जो उन्होंने सत्ता में आने पे पूर्व एक सपने के रूप में दिखाया तो जो आज भी पूरे नही हुए कुछ हुए तो आधे अधूरे शिक्षकों की 25 वर्ष की पूर्व सेवा शून्य कर दी गयी जबकि शिक्षा विभाग में निरंतर अपनी सेवा प्रदान कर रहे है शिक्षकों का नाम सरकार बदलने पर बदलते रहा लेकिन लाभ के नाम पर पिछली सेवावो को शून्य किया जाता रहा 2018 में संविलियन के बाद सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति का मामला बड़ी तेजी से उभरा व असंतोष का जन्म हुवा इस दरमियान कई बड़े आंदोलन भी किया गया सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करवाने के लिए व शिक्षा को मजबूत प्रसाशनिक व्यवस्था देने संगठन द्वारा रिक्त सभी प्रधान पाठक,शिक्षक व प्रधान पाठक माध्यमिक की पदों पर वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत पदोन्नति की मांग की गई जिसके चलते सहायक शिक्षक व शिक्षकों की पदोन्नति हुई किंतु 1998 से पदोन्नति की बाट जोह रहे व्याख्यातो को पदोन्नति का लाभ नही प्राप्त हो पाया सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में क्रमोन्नति देने का वादा किया था उसी घोषणा को पूरा करवाने व पदोन्नति से वंचित शिक्षकों को उच्च पद के वेतनमान का लाभ दिलवाने वन टाइम पदोन्नति की तर्ज पर क्रमोन्नति प्रदान करने को लेकर संगठन द्वारा आवाज बून्द किया गया। लेकिन सरकार ने अपने ही वादों के पन्नो को पलटाकर नही देखा जिसके चलते शिक्षकों में लगातार आक्रोश बढ़ता गया। प्रदेश की सरकार ने राजस्थान की तर्ज पर पुरानी पेंशन की मांगों पर विचार करते हुए पुराना पेंशन प्रदान करने की घोषणा की लेकिन उसमे भी शिक्षको का एक बढा वर्ग लाभ से वंचित रह गया उनके 25 वर्ष की पिछली सेवा को शून्य कर दिया जिससे शिक्षकों में असंतोष का जन्म हुवा टीचर्स एसोसिएशन ने बस्तर जिला के जगदलपुर में एक बड़ा आयोजन कर सरकार के समक्ष अपनी मांग को पुरजोर तरीके से उठाया था जिसमे एक कमेटी गठित कर निर्णय लेने की बात सरकार द्वारा कही गयी थी लेकिन आज तक इस विषय पर सरकार के तरफ से कोई निर्णय नही हो पाया सहायक शिक्षकों के लिए भी गठित कमेटी जिसे तीन माह में अपनी रिपोर्ट देनी था आज 1 साल बीत जाने के बाद भी आश्वासन के अलावा कोई परिणाम सरकार ने नही दिया सिर्फ आंदोलन को रोकने कोरे आश्वाशन बस शिक्षकों को मिला शिक्षकों के सभी संगठनों को सरकार से वादों को लेकर बहुत उम्मीद थी इसलिए इस बीच कोई बड़ा व उग्र आंदोलन नही किया गया लेकिन अब शिक्षकों के इंतजार का अंत हो गया इसलिए राज्य के शिक्षकों के पांच प्रमुख संगठन ने एकता के लिए प्रयास किया शिक्षकों के हितों में संगठनवाद से उठकर एक मोर्चा बनाया जिसको छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा का नाम दिया गया इस मोर्चा के बनने से शिक्षकों में एक बड़ी उम्मदी जागी है कि अब उनकी सुनवाई होगी उनकी मांगें पूरी होगी टीचर्स एसोसिएशन एकजुटता के लिए विगत एक साल से प्रयासरत था इसलिए पूर्व में ही मोर्चा बनाया गया था पेंशन को लेकर व समान नेतृत्व सामूहिक बैनर की बात कही गयी थी जिसमे सभी एल. बी. संवर्ग के संघों को जोडऩे का प्रयास था समय व वक्त की मांग थी कि वर्तमान में सभी संगठन एक मंच पर आये है व 18 जुलाई के एक दिवसीय आंदोलन से रायपुर की धरा फिर आवाज दो के नारों से गूंजेगी ब्लॉक अध्यक्ष खोमेंद्र देवांगन, रमा कर्मा,शंकर चौधरी,खेमलाल सिन्हा ने बताया कि 31 जुलाई से मोर्चा का अनिश्चितकालीन हड़ताल चालू हो जाएगा हम एसोसिएशन से जुड़े सभी शिक्षकों पदाधिकारियों से अपील करते है कि इस आंदोलन को नेतृत्व प्रदान करते इसमें अपनी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे व आंदोलन को परिणाम तक ले जाने में मोर्चा का अपने संगठन को सहयोग प्रदान करे।

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