मुख्य शिकारी ने उगले राज, 13 लाख रुपये में सीआरपीएफ अफसर ने किया था खाल का सौदा
बीजापुर । जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ की हत्या के मामले में पकड़े गए मुख्य शिकारी ने पूछताछ में कई राज उगले है। जिस बाघ की खाल पकड़ी गई है। उसे सीआरपीएफ के अफसर ने 13 लाख रुपये में सौदा किया था। खाल की डिलीवरी से पहले उसने बतौर एडवांस 7.50 लाख दे दिए थे। खाल की डिलीवरी होने से पहले ही इस मामले का खुलासा हो गया। सोमवार को आईटीआर की टीम ने कोंडामौसम गांव पहुंचकर वहां जमीन में गाढ़ कर रखी गई बाघ की हड्डियां और जिस फंदा में फंस कर बाघ की मौत हुई उस फांदे को बरामद कर लिया हैं।
बाघ का खाल खरीदने के मामले में सीआरपीएफ अफसर का नाम सामने आने बाद हड़कंप मच गया हैं। इससे पहले इस मामले में दो पुलिस वालों का नाम भी सामने आ चुका हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि बाघ की हत्या के बाद इसकी खाल को खरीदने का सौदा बीजापुर में तैनात एक सीआरपीएफ अफसर ने किया था। बाघ के खाल का सौदा 13 लाख रुपये में तय हुआ था। इसके लिए अफसर ने बाघ का शिकार करने वालो को साढ़े 7 लाख रुपये दो अलग अलग पाट में दे दिए थे। लेकिन खाल की डिलवरी होने से पहले ही इस मामले का खुलासा हो गया। इस मामले में जिस अफसर का नाम आ रहा है वो अभी दिल्ली में है। ऐसे में वन विभाग की ओर से सीआरपीएफ को पूरी जानकारी दे दी गई है और अफसर को बीजापुर बुलाने कहा गया है। इस मामले में एक और नया खुलासा भी हुआ है। सोमावार को पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि बाघ भोपालपटनम के कोंडामौसम गांव के नदी किनारे लगे फांदा में फंसा था। यह गाव टाइगर रिजर्व एरिया में छग व महाराष्ट्र बार्डर पर पड़ता है। फंदे को मुख्य शिकारी तुलसीराम दुब्बा ने जंगली जानवरों को पकडऩे लगाया था। इस फंदे में बाघ की गर्दन फंसने से उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद तुलसीराम के साथ देपला, काण्डला, भट्टिगुडा व कोंडामौसम के गणेश, रमेश सुबैय्या से श्रवण झाड़ी व टिंगे ने खाल की डील की और सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने तुलसीराम को खाल खरीदने 7.50 लाख रुपये एडवांस दे दिए। श्रवण, सीआरपीएफ अफसर व सीताराम, समैया, महेंद्र व संतोष अभी भी पकड़ से बाहर है। सूत्रों के मुताबिक इनके पकड़े जाने के बाद कुछ और खुलासे हो सकते हैं। इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक गणवीर धम्मशील ने बताया कि सीआरपीएफ के आला अधिकारियों से संपर्क कर फरार जवान की विस्तृत जानकारी मंगाई गई है।
बाघ की हड्डियां बरामद, जांच के लिए जबलपुर भेज रहे
इधर सोमवार को मुख्य शिकारी तुलसीराम के निशादेही पर आईटीआर की टीम कोंडामौसम गांव पहुची। टीम के गाव पहुचते ही गांव के लोग नदी के पार भाग गए। इसके बाद तुलसी की निशानदेही पर यहां जमीन में गढ़ा कर रखे बाघ के चारों पैरो की हड्डी , सिर की हड्डी व जिस फांदा में फंस कर बाघ की मौत हुई वह फांदा बरामद कर लिया गया हैं। विभाग बरामद की गई हड्डियों को फॉरेंसिक टेस्ट के लिए जबलपुर स्थित लैब भेजने की तैयारी कर रही हैं।