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छत्तीसगढ़

चार साल से प्राईमरी स्कूल के बच्चे टीन की चददर के नीचे कर रहे पढ़ाई

पत्थलगांव/तमता । प्राईमरी स्कूल का भवन जब एकदम से जर्जर हो गया तो तत्कालिक जिला कलेक्टर ने उसे तोडऩे का आदेश दे दिया,परंतु प्रशासनिक कार्यों में रहने वाली शिथिलता बच्चो का भविष्य खराब करने का काम कर रही है। यही कारण है कि चार साल का लंबा समय बीतने के बाद भी बटुराबहार के टोंगरीपारा में स्थित प्राथमिक स्कूल के बच्चे खुले में टीना की चददर के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबुर है। एक ओर शिक्षा विभाग स्कूल आबे पढ़े बर जिंदगी ला गढेबर का स्लोगन दिवारों में लिखवाकर उच्च शिक्षा का प्रचार प्रसार कर रहे है,परंतु क्या बच्चे खुले मे बैठकर टीना की चददर के नीचे इस स्लोगन की सत्यता साबित कर पायेंगे। अब तो टोंगरीपारा के प्राईमरी स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों में भी अच्छा खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। शासन प्रशासन से जब चार साल के बाद भी स्कूल भवन नही बनाया जा सका तो अभिभावक एकत्रित होकर यहा के विधायक रामपुकार सिंह के निवास पहुंच गये,जहा उनका सामना विधायक पुत्री एवं जिला पंचायत सदस्य आरती सिंह से हुआ। उन्होने अभिभावको को स्कूल बनवाने का सांत्वना तो दे दिया,परंतु अभिभावक इस सांत्वने से संतुष्ट नजर नही आये। उन्होने इस बात की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला कलेक्टर के पास करने की बात कही। अभिभावको का कहना था कि जशपुर जिला में यशस्वी जशपुर की शुरूवात होकर शिक्षा के स्तर को उपर उठाया है,यही कारण है कि कुछ दिनो पहले यशस्वी जशपुर के तहत जिला को शिक्षा के क्षेत्र मे प्रथम स्थान मिला,परंतु क्या यह पुरस्कार सिर्फ सुर्खियंा बटोरने के लिए ही है। चार साल का लंबा अर्सा बीतने के बाद भी टोंगरीपारा मे अध्ययनरत दर्जनो बच्चो को बेहतर शिक्षा पाने के लिए स्कूल भवन नही मिल सका।।
ठंड,गर्मी बरसात सब एक समान- टोंगरीपारा में अध्ययनरत बच्चो के अभिभावको ने बताया कि बरसात के मौसम मे पानी मे भिगकर बच्चो को पढाई करनी पड रही है। वही गर्मी के दिनों में तपती धूप में टीने की चददर के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करना कही न कही शिक्षा विभाग की योजनाओ को कालिक पोतने के सामान है। अभिभावको का आरोप था कि चार साल से पहली क्लास से लेकर पांचवी क्लास तक के बच्चे टीने की चददर के नीचे बैठकर ठंड,गर्मी,बरसात का मौसम सहते हुये अपनी पढाई कर रहे है। अनेक बार बच्चे तेज बारिश मे भिगकर बिमार भी पड जाते है,परंतु इस दिशा मे शासन-प्रशासन के अलावा ग्राम पंचायत के सरपंच एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी अब तक ध्यान नही दिया।।
आंगनबाड़ी में बना कार्यालय- बटुराबहार संकुल के टोंगरीपारा स्थित प्राईमरी स्कूल मे तीन शिक्षक बच्चो को शिक्षा प्रदान कर रहे है। स्कूल का भवन गिरने के बाद प्राईमरी स्कूल के बच्चे ही नही वरन् शिक्षक भी अच्छे खासे परेशान है। उनके लिए कागजी कार्यवाही या बैठने की ना होने के कारण वे अब अपना अस्थायी कार्यालय पास के आंगनबाडी भवन मे बनाकर दिन गुजार रहे है,ऐसे हालात छत्तीसगढ की शिक्षा नीति एवं जिले की शिक्षा व्यवस्था पर कलंक लगाने के सामान है।।

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