घरेलू उत्पाद बेचने के बहाने शहर में प्रवेश करते हैं मुसाफिर
पत्थलगांव। शहर के भितर दूसरे राज्य से आने वाले मुसाफिरो की संख्या काफी बढ गयी है। कुछ दिन के अंतराल मे ही ये स्थानीय नागरिको से जान पहचान बढाकर आसानी से किराये के मकान ले लेते है। किराये के मकान आसानी से मिलने के बाद ये यहा अपना कारोबार भी शुरू कर दे रहे है,सुबह के दौरान पचासो मुसाफिरो को अलग-अलग राज्यो की वाहन मे प्लास्टिक का सामान के अलावा अन्य घरेलू उत्पाद बेचते आसानी से देखा जा सकता है। बस स्टैन्ड के आस-पास उनका सुबह के दौरान जमावाडा लगे रहता है। यू.पी,बिहार,झारखंड,बंगाल जैसे नामचिन राज्यो से ये यहा आकर बसिंदे बन बैठे है,घरेलू उत्पाद बेचने के बहाने ये लोग बडी ही आसानी से अपराधो को अंजाम देकर रातो रात यहा से रफूचक्कर भी हो जाते है। बीते कुछ सालो की घटनाओ मे नजर डाली जाये तो उन्हे अंजाम देने मे बाहर के मुसाफिरो का हाथ होना साबित हुआ था। स्टैट बैंक मे चोरी के अलावा ए.टी.एम उखाडने मे भी बाहर के लोगो का ही हाथ होने की बात सामने आयी थी,परंतु उसके बाद भी पुलिस प्रशासन मुस्तैद नही है। किराये के मकान मे रहने वाले बाहर के लोगो की सूची के अलावा मुसाफिरो की रोजनामचे मे दूर-दूर तक कोई आमदा दर्ज नही होती। पुलिस प्रशासन की जरा सी चुक के कारण शहर मे चोरी से लेकर कुछ अन्य घटनाओ मे इन दिनो ईजाफा हो चुका है। घर के बाहर खडी वाहनो से टूल किट,बैटरी,डीजल पेट्रोल,स्टेपनी,रस्सा तिरपाल की चोरी होना आम बात हो गयी है। थाना मे आवेदको को सही सलाह ना मिल पाने के कारण बहुत से अपराधो की प्राथमिकी तक दर्ज नही हो पाती।।
बैड कैरेक्टर रूल हुआ फ्लाप-:पिछले कुछ समय पहले थाना मे मुसाफिर एवं किरायेदारो को लेकर बैड कैरेक्टर रूल लागू किया था,परंतु अब यह नियम फ्लाप हो चुका है,इस नियम के तहत मकान मालिक किरायेदार को अपने यहा रखने से पहले उसका आधार कार्ड,निवास प्रमाण पत्र्,आवश्यक रूप से लेकर उसे थाना मे जमा कराकर एक पावती अपने पास सुरक्षित रखने का प्रावधान था। नियम बनने के दौरान मकान मालिको को हिदायत दी गयी थी कि वे अपना मकान किराये पर देने के बाद व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखे,यदि उन्हे जरा सी भी संदिग्धता की भनक लगती है तो वे तत्काल उसकी सूचना मौखिक या लिखित रूप मे थाना मे दे सकते है,उसके अलावा किरायेदार का मूल निवास एवं संबंधित थाना से चरित्र पता करना आवश्यक किया गया था।।
चुनाव प्रत्याशी भी देते है संरक्षण-:बाहर से आकर शहर मे बसने वाले लोगो पर कानून की कसावट ना रहने के कारण उन्हे शहर अपराधो को अंजाम देने का पनाहगार नजर आता है। दूसरी ओर मुसाफिरो को चुनाव के दौरान अपना भाग्य आजमाने वाले प्रत्याशी भी सरंक्षण देने का काम करते है,अपने वोट बैंक मे गिनती बढाने के लिए इन मुसाफिरो को प्रत्याशी खोज-खोजकर नगर पंचायत मे नाम दर्ज करवाकर उन्हे सरकारी मेहमान बना देते है,जिसका ये चुनाव के दौरान अपने पक्ष मे वोटिंग कराकर लाभ उठाते है। शहर मे सैकडो ऐसे लोग बसे हुये है,जिनका चुनाव के दौरान राशन कार्ड बनाकर वोटर आई.डी मे नाम जुडवाया गया है।।
–किरायेदारो की सूची तैयार कराकर मुसाफिरो की रोजनामचे मे आमदा एवं उनके समस्त दस्तावेजो की भी सुक्ष्मता से जांच करायी जायेगी।।
हरीश पाटिल-अनुविभागीय अधिकारी पुलिस-थाना-पत्थलगांव