छत्तीसगढ़

टापर सानिया को एसपी ने उसके पिता से मिलवाया तो वह बहुत खुश हुई

दुर्ग । दुर्ग टॉपर बिटिया सानिया को कल 10वीं बोर्ड में टॉपर बनकर जितनी खुशियां नहीं मिली होगी दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने उसकी जिंदगी में उससे बड़ी खुशियां भर दी। जिस पिता का सानिया तीन साल से मुंह तक नहीं देख पायी थी, आज उस पिता के साथ बिटिया ने काफी वक्त बिताया। और ये संभव हो पाया एसपी अभिषेक पल्लव की पहल पर स्टेट मेरिट लिस्ट में 7 वीं रैंक और दुर्ग जिले की टॉपर सानिया मरकाम के पिता हत्या के एक मामले में जेल में बंद हैं। पिता के जेल जाने के बाद पूरा परिवार अस्त व्यस्त हो गया। गरीबी के हालात, समाज के ताने के बीच सानिया ने मेहनत के बते जो मुकाम बनाया, वो किसी मिसाल से कम नहीं है सात बहनें और दो भाईयों वाले परिवार में पिता का तीन साल से साया ना होना, उस परिवार के हालात को बयां करने के लिए काफी है। बावजूद सानिया ने ना सिर्फ हर हालातों को हराते हुए टॉपर की लिस्ट में अपनी जगह पक्की की, बल्कि अपने जिले में अव्वल भी आयी दुर्ग की इस टॉपर बिटिया से मिलने के लिए कल खुद पुलिस कप्तान अभिषेक पल्लव सानिया के घर पहुंचे थे टॉपर बनने के बाद भी सानिया के चेहरे मुरझाये देख, जब एसपी ने इसकी वजह पूछी, तो सानिया ने बताया कि वो अपने पापा से तीन साल से नहीं मिली है। उसके पापा दुर्ग जेल में बंद हैं एसपी अभिषेक पल्लव ने जब सानिया की बात सुनी, तो उसी वक्त टॉपर बिटिया से वादा किया कि उसके पापा से वो उन्हें जरूर मिलायेंगे। जिसके बाद एसपी अभिषेक पल्लव ने उच्चाधिकारियों से चर्चा की और फिर जेल प्रबंधन से बात कर सानिया को उसके पिता मिलवाया बेटी के टॉप करने की खबर पर बिलख पड़े पिता
तीन साल पहले जब पिता जेल गये गये थे तो सानिया 8वीं में पढ़ती थी। पिता ने कभी नहीं सोचा था कि एक बेटे के चाकू उठाने से वो जेल में बंद हो जायेंगे, और एक बेटी के कलम उठा लेने पर वो इस तरह से परिवार से मिल सकेंगे सानिया की कामयाबी, उसके संघर्ष और उसकी मेहनत की तारीफ जब पिता के सामने ही एसपी अभिषेक पल्लव ने की, तो पिता फूट-फूटकर रो पड़े। पापा को रोते देख टॉपर बिटिया सानिया, उसकी बहन, मां सभी रो पड़े। दुर्ग एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने पिता के सामने कहा कि 9 बच्चों के इतने बड़े परिवार के बीच मुश्किल हालात में भी सानिया ने टॉप किया है, तो ये किसी मिसाल से कम नहीं है। इसी बेटी की बदौलत ही आप पूरे परिवार से मिल पाये हैं। ऐसे बेटी पर हर किसी को गर्व होना चाहिये। एसपी की बात सुनकर पिता ने बेटी सानिया का हाथ पकड़ा और फूट-फूटकर रो पड़े। पिता ने रोते-रोते अपनी एक और बेटी को गले लगा लिया
टॉपर बेटी के खुद ही घर पहुंचे थे एसपी अभिषेक पल्लव सानिया मरकाम के टॉपर आने की खबर पर एसपी अभिषेक पल्लव खुद ही सानिया मरकाम के घर पहुंचे थे। सानिया ने पुलिस अधीक्षक से अपने पिता से मिलाने के लिए अपील की थी। सानिया के पिता हत्या के मामले में जेल में निरुद्ध थे । पुलिस अधीक्षक महोदय ने तत्काल जेल प्रशासन से बात कर आज स्वयं जेल परिसर में उपस्थित होकर सानिया को उनके पिता से जेल में भेंट कराया। सानिया ने पुलिस अधीक्षक का आभार व्यक्त किया अत्यंत ही भावुक पल सानिया अपने पिता से तीन साल बाद मुलाक़ात की सानिया को मिले हैं 97.33 फीसदी अंक सानिया को पूरे स्टेट में 7वीं रैंक मिली थी, जबकि दुर्ग जिले की वो टॉपर है। सानिया को कुल 97.33 फीसदी नंबर मिले हैं। गर्वनमेंट आदर्श गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा सानिया ने कुल 600 अंक की परीक्षा में 584 अंक लाये हैं। सानिया को गणित और साइंस में सबसे ज्यादा मार्क्स आये हैं। मैथ्य में तो उसे 100 में से 97 अंक मिले हैं, जबकि साइंस में 95 अंक उसने लाये हैं। ढ्ढ्रस् सृष्टि देशपांडे को अपना आदर्श मानने वाली सानिया कहती है कि पहले वो हृश्वश्वञ्ज क्लीयर करके डॉक्टर और फिर क्कस्ष्ट क्लियर करना चाहती है। सानिया कहती है कि तीन साल उनके और उनके परिवार के लिए काफी कठिन रहे। परिवार काफी अभाव में था। दिक्कतें काफी ज्यादा थी, फिर भी जब-जब समय मिला, उसने पढ़ाई की और फिर आज जब उसे मेरिट लिस्ट में जगह मिली है, तो काफी खुशी है। लेकिन मेरे लिए आज का दिन काफी बढ़ा है। कल की खुशियों से मेरे लिए आज पापा से मिलने की खुशी मायने रखती है सानिया को चाहिये पढ़ाई में मदद सानिया की चाहत पढऩे की है, वो डाक्टर और फिर ढ्ढ्रस् बनना चाहती है, लेकिन परिवार की माली हालत खराब है। पिता के जेल जाने की वजह से परिवार का माहौल अस्त व्यस्त है, ऐसे में वो चाहती है कि कोई मददगार मिले, जो उसे पढ़ाई में मदद दिला सके। पढ़ाई की मदद की गुहार उसने एसपी अभिषेक पल्लव से भी लगायी है क्या बोले एसपी अभिषेक पल्लव सानिया की कामयाबी पर एसपी अभिषेक पल्लव कहते हैं कि सानिया के लिए टॉपर बनने की राह बिल्कुल आसान नहीं रही होगी। ये समाज के लिए एक प्रेरणा है। बच्ची ने पिता के जाने पर कितनी मानसिक प्रताडऩा सही होगी, समाज, परिवार के हालात सब कुछ बच्ची के लिए प्रतिकूल रहे थे, बावजूद सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए बच्ची ने जो किया, उसके लिए उसकी तारीफ की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि कल ही बच्ची ने उनसे अनुरोध किया था कि वो पिता से तीन साल से नहीं मिली है। बच्ची की अपील पर हमने पहल की और आज उसे उसके पिता से मिलवाया गया। पिता भी बेटी को देखकर भावुक थे। एक घटना में वो जेल में बंद है, वो भी जरूर सोच रहे होंगे कि बच्ची की बदौलत ही वो आज अपने परिवार से मिल सके।

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