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छत्तीसगढ़

बालवाड़ी के मामले में दोबारा सख्त हुये विधायक रामपुकार

पत्थलगांव । ब्लाक के 103 शासकीय स्कूलो मे बनायी गयी बालवाडी का विवाद अब तक थम नही पाया है। दोषियों पर कार्यवाही ना होता देख स्थानीय विधायक एवं छत्तीसगढ शासन के सबसे वरिष्ठ प्रोटेम स्पीकर रामपुकार सिंह मामले को लेकर दोबारा सख्त हो गये है। उनका कहना है कि प्रशासन का रवैया समझ से परे है। बालवाडी के मामले मे दोषियों पर कार्यवाही ना कर जांच अधिकारीयों द्वारा सच्चाई बताने वाले लोगो को ही टारगेट बनाया जा रहा है,जिससे यह पूरा मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। उन्होने इस मामले मे कडी नाराजगी जाहिर करते हुये सीधे तौर पर सी.एम. के संज्ञान मे पूरे मामले को लाने की बात कही। उनका कहना था कि ब्लाक से लेकर जिला तक के अधिकारीयों को शिकायत मिलने के बाद भी अब तक इस मामले मे किसी प्रकार की कार्यवाही ना होना संदेहो को जन्म दे रहा है। दरअसल यह पूरा मामला लगभग डेढ माह से सुखिर्यां बटोर रहा है,यहा के बी.आर.सी.सी कार्यालय मे बैठे अधिकारी हमेंशा से ही शासन की योजनाओ मे कालिक पोतने का काम करते है। पिछले दिनो अनुदान राशि आने पर बी.आर.सी.सी के अधिकारीयों को ठेकेदार की भूमिका मे देखा गया था,ऐसा ही वाक्या इस बार भी देखने को मिला,जब छत्तीसगढ की संवेदनशील भूपेश सरकार ने जिले के आठ ब्लाको मे बच्चो की प्रारंभिक शिक्षा को मजबुत बनाने बालवाडी बनाने का फैसला लिया। इस फैसले के तहत पत्थलगांव ब्लाक के 103 स्कूलो मे बालवाडी का काम कराने के लिए प्रधानपाठको के खाते मे पंद्रह से साढे सतरह हजार रूपये तक की रकम भेजी गयी। इस रकम से बच्चो के लिए सुंदर एवं व्यवस्थित बालवाडी का निर्माण करना था,यह बात बी.आर.सी.सी के अधिकारी को रास नही आयी। वह कुर्सी छोडकर ठेकेदार बन बैठे,उनके द्वारा प्रधानपाठको पर दबाव बनाकर उनके खाते मे आयी रकम अपने चहेते पेंटरो के खाते मे डलवा दी गयी। पेंटर उस राशि से स्कूलो मे घटिया निर्माण कार्य कर के बाकी की रकम बतौर कमीशन बी.आर.सी.सी कार्यालय पहुंचाने लगे।
प्रधानपाठको ने की शिकायत-:बी.आर.सी.सी कार्यालय के अधिकारी ने जब अपने चहेते ठेकेदारो से बतौर कमीशन काम कराना शुरू किया तो घटिया निर्माण कार्य देखकर प्रधानपाठको ने इसकी मौखिक एवं लिखित शिकायत करनी शुरू कर दी। प्रधानपाठको की शिकायत ब्लाक के अधिकारीयों से लेकर जिले के अधिकारीयों तक की टेबल मे पहुंच गयी,परंतु इसे आदिवासी अंचल या नौनिहालो का दुर्भाग्य कहा जा सकता है कि आज तक इस अनियमितता मे किसी प्रकार की जांच या कार्यवाही नही हो पायी। बताया जाता है कि इस मामले मे सच्चाई बताने वाले कुछ शिक्षको को ही प्रशासन द्वारा टारगेट बनाया जा रहा है,जिसकी वरिष्ठ विधायक रामपुकार सिंह ने भी कडे शब्दो मे निंदा करी है।।
राज्य स्तर से नोटिस हुआ तामिल-:मिली जानकारी के अनुसार बालवाडी के मामले मे लगातार कलम की सुर्खिया एवं शिकायतो के बाद राज्य स्तर से समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक नरेन्द्र दुग्गा द्वारा भी जिला प्रशासन को नोटिस भेजकर इस मामले की जांच एवं दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कही थी,परंतु शायद प्रबंध संचालक द्वारा जारी नोटिस भी इस मामले मे कोई खासा असर नही दिखा पाया,जिसके कारण अब यह मामला सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के लोगो की आंखो मे भी रडकने लगा है।।

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