भाजपा राहुल गांधी से इतनी डरती क्यों है:बन्छोर
गरियाबंद । दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आज आम आदमी की आवाज उठाना, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है। देंश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष 4 बार के सांसद राहुल गांधी जब संसद के अंदर बात करते है तो उनको बोलने नहीं दिया जाता, उनका माइक बंद कर दिया जाता है, सत्तारूढ़ दल के सांसद बहुमत के अतिवादी चरित्र का प्रदर्शन करते हुये संसद की कार्यवाही नहीं चलने देते हैं। केंद्रीय मंत्री अपने पद की गरिमा को तार-तार करते हुये अनर्गल बयाबाजी करते है और जब इन सबसे भी राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की आवाज को नहीं दबा पाते तो एक और ‘डिय़ंत्र रचा जाता है।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता को समाप्त करने का यह हम पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा आपके समक्ष रखते है आप खुद विचार करिये, देखिये इस देश के लोकतंत्र को किस प्रकार नष्ट किया जा रहा है।साथियों राहुल गांधी के ऊपर यह सारी कार्यवाही क्यों की गयी ? इसका एक मात्र कारण है राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री की दुखती रत पर हाथ रख दिया। उन्होंने मोदी के निकट सहयोगी अडानी के घोटालेबाजी और अडानी-मोदी के गठबंधन पर आवाज उठाया। उन्होंने दो सवाल पूछे थे।क्या अडानी की सल कंपनियों में ?20,000 करोड़ या 3 बिलियन डॉलर हैं ? अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है। यह पैसा कहां से आया ? किसका काला धन है ? ये किसकी शेल कंपनियां हैं ? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही हैं। कोई क्यों नहीं जानता? यह किसका पैसा है ? इसमें एक चीनी नागरिक शामिल है। कोई यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है कि यह चीनी नागरिक कौन है ? प्रधानमंत्री मोदी जी का अडानी से क्या रिश्ता है ? उन्होंने श्री अडानी के विमान में आराम करते हुए पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई। उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे में, हवाई अड्डों के बारे में, श्रीलंका में दिए गए बयानों के बारे में, बांग्लादेश में दिए गए बयानों के बारे में, ऑस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक (भारत के) के चेयरमैन के साथ बैठे नरेंद्र मोदी और अडानी की तस्वीरें, जिन्होंने कथित तौर पर 1 बिलियन का ऋण स्वीकृत किया था, के बारे में दस्तावेज दिए। यह सबूत के साथ सवालों का दूसरा सेट था। मोदी सरकार ने सवाल का जवाब तो नहीं दिया उल्टे। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खडग़े के भाषण से अडानी घोटाले के महत्त्वपूर्ण अंश और श्री राहुल गांधी के भाषण (लगभग पूरी तरह से) को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। क्यों संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में, भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा संसद को बाधित कर रही थी और इसे काम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है। जबकि संयुक्त विपक्ष इस पर छ्वक्कष्ट (संयुक्त संसदीय समिति) चाहता है। राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया। लोक सभा अध्यक्ष को।राहुल गांधी ने दो लिखित अनुरोध किये कि उनको संसद में जवाब देने दें। बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद 3 हास्यास्पद आरोपों से साबित होती हैसबसे पहले, उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने विदेशी ताकतों से लंदन में भारत की मदद करने के लिए कहा। ये एक सफेद झूठ है । अगर कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखें, तो उन्होंने कहा कि ये “भारत का अंदरूनी मामला है, हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम है।भाजपा अब झूठा हौवा खड़ा कर रही है कि राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था! ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा ! जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा में 4000 किलोमीटर पैदल चल सकता है, वो कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है।सूरत, गुजरात में एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर- भाजपा ने श्री गांधी को लोकसभा में उनकी सदस्यता को रद्द करने के लिए बिजली की गति से काम किया, भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था! भाजपा राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है