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छत्तीसगढ़

मंदिर के पास शराब की दुकान, ग्रामीणों के विरोध के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं

कसडोल । बलौदाबाजार -भाटापारा जिला के कसडोल विकासखंड से 55 किलोमीटर की दूरी पर भटगांव नगर जो कि यहां की जमींदारी शासनकाल के इतिहास की गाथा को समेटे हुए है।
भटगांव नगर जहां की जमींदारी शासनकाल में यहां के जमींदार द्वारा नगर में लोगों की निस्तारी के लिए बड़े -बड़े तालाब खुदवाया गया था। तालाब के पारों में बहुत से मंदिरों का भी निर्माण कराया गया है जहां प्रतिदिन नगर के अधिकांश लोग इन मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। इसलिए लोगों की भावना भी जुड़ी हुई है। सुबह-सुबह मंदिर में स्थापित भगवान की पूजा- अर्चना करने आये हुए लोगों को शराबी व्यक्तियों से सामना करना पड़ता है। मंदिरों के आसपास शराबी लोगों द्वारा फैलाएं हुए गंदगी को देखकर आम आदमी की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है।
इसके अलावा तालाब के घाटों (पचरी) में बैठकर शाम ढलते ही देर रात तक शराबियों का जमावड़ा भी देखने को मिलता है। जिसकी शिकायत नगर पंचायत के जिम्मेदार लोगों के पास कई बार किया जा चुका है लेकिन यहां कोई फरियाद सुनने वाला नहीं है। यहां के नगर पंचायत के अधिकारी- कर्मचारी लोग अपने -अपने सिस्टम से काम करते हैं। जिस वजह से यहां के मंदिरों के आसपास मांस -मदिरा का अवैध कारोबार की बिक्री नहीं रुक पा रही है। इससे लोगों का गुस्सा कभी भी भड़क सकता है।
शासन के नियम मुताबिक मंदिर और स्कूल के आसपास 100 मीटर के भीतर (परिधि में) मांस और मदिरा की कोई दुकान संचालित नहीं की जा सकती है। इस नियम का खुला उलंघन यहां के बड़ा तालाब के मंदिरों के आसपास किया जा रहा है फिर भी जिम्मेदार नगर पंचायत के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा इन दुकानदारों के प्रति कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
शिव मंदिर के पास ही अवैध शराब का कारोबार संचालित किया जा रहा है लेकिन नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किसी भी प्रकार की कोई ठोस कार्यवाही नहीं किया जा रहा है, साथ ही मंदिर के पास ही मांस काटने का कारोबार भी धड़ल्ले से किया जा रहा है जिसकी शिकायत नगर पंचायत में अनेकों बार किया गया है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि नगर पंचायत में शिकायत के बाद कोई ठोस कार्यवाही किया जाता है या फिर मूकदर्शक बने तमाशा देखते रहेंगे। नगर के अधिकांश लोगों द्वारा बड़े तालाब को पवित्र क्षेत्र घोषित करने की मांग करने के लिए विचार मंथन किया जा रहा है ताकि भविष्य में तालाब के मंदिरों के आसपास मांस मदिरा की बिक्री पर रोक लग सके। अगर समय रहते इन कारोबारियों पर कार्यवाही नहीं किया जाता है तो जन आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है।

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