विकल्प नहीं भरने वाले शिक्षको ने पेंशन की मांग शासन तक पहुंचाई
दंतेवाड़ा । पूर्व सेवा गणना शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने कहा है कि एनपीएस/ओपीएस चयन हेतु 24 मार्च अंतिम तिथि था, किन्तु हजारो शिक्षको ने इस तिथि तक विकल्प नही भरा, वही शिक्षक पुरानी पेंशन, पूर्ण पेंशन के असली सिपाही है, शासन, प्रशासन व शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षको पर जबरदस्ती दबाव डालकर भी विकल्प भरवाया है, यह पूर्णत: गलत है, किसी भी शिक्षक के भविष्य से खिलवाड़ का अधिकार किसी भी अधिकारी को नही है, ओपीएस/एनपीएस चयन का अधिकार खुद शिक्षक को है। दरअसल शिक्षको की नियुक्ति 1998 से निरन्तर हुई है, 1 अप्रैल 2012 से नई पेंशन की कटौती शुरू की गई है, 1 जुलाई 2018 से संविलियन किया गया है, 1 अप्रैल 2022 से नई पेंशन की कटौती बंद है और पुरानी पेंशन हेतु जीपीएफ की कटौती प्रारम्भ की गई है, इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नही है, जो अपरिवर्तनीय विकल्प पत्र का नमूना वित्त विभाग ने जारी किया है, वही भ्रामक है, शासकीय सेवक के लिए जारी किया गया है, जिसमे एल बी संवर्ग के शिक्षक को संविलियन तिथि से शासकीय सेवक माना जा रहा है, जबकि नई पेंशन योजना में उनका पैसा 2012 से जमा है और इसी राशि को रिटायर होने पर शासन को जमा करने विकल्प पत्र में लिखा है, जो पूर्णत: गलत है।