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छत्तीसगढ़

आहार,जल शुध्द व जीवन शैली में सुधार से नहीं होती बीमारी

भिलाई। संयुक्त राष्ट्र संघ तथा भारत शासन और छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया गया है इसी तारतम्य में सेठ आरसीएस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय एलुमनी समिति दुर्ग द्वारा महाविद्यालय के सभागार में मिलेट विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया ।श्री श्री देसी आहार (मिलेट) लाईफ, कषाय एवं योग सेंटर से विषय विशेषज्ञ सीएमए अशोक शर्मा ने अपने व्याख्यान में बताया कि जब हमारा आहार, पानी प्रदूषित हो व जीवनशैली गलत हो तो दवा किसी काम की नहीं होती वह केवल अल्प समय के लिए बीमारी से राहत दे सकती है लेकिन अगर हम अपना आहार पानी शुद्ध करने व जीवनशैली सुधार ले तो हमें किसी दवा की जरूरत नहीं होती उन्होंने मिलेट के रूप में उपलब्ध मोटा अनाज कोदो, कुटकी, सान्वा, कांगनी, छोटी कांगनी, जवारा, बाजरा, मक्का, चना, रागी को कैसे, कब व कितना लेना है इसकी जानकारी व कुटी हुई मसाले व कच्ची घानी का तेल उपयोग करने की बातें कहीं; जिससे हमारा आहार में शुद्धता आ जाएगी। इसी प्रकार जल को तांबे के बर्तन में 8 घंटे रखकर उसे स्टील के पात्र में डालकर उसका उपयोग करें तो आपको शुद्ध जल मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि जीवन शैली सुधारने हेतु आपको प्रतिदिन सूर्योदय के पश्चात व सूर्यास्त के पूर्व कम से कम एक घंटा सूर्य की लालिमा में नंगे पैर पैदल चलना चाहिए और रोज ध्यान प्राणायाम आसन करना चाहिए जिससे जीवन शैली आपकी सही हो जाएगी। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट श्रीचंद लेखवानी ने अपने उद्बोधन में बताया की मिलेट ने बहु कृषि को गति प्रदान किया है और इसका 60000 वर्षों से अधिक का इतिहास है जिसका प्रमाण सिंधु घाटी की सभ्यता में मिलता है इसका 97 प्रतिशत फसल विकासशील राष्ट्रों में होता है और सबसे ज्यादा फसल भारत में होता है तथा सबसे अधिक किसमें भी भारत में ही पाई जाती है। मिलेट का वैज्ञानिक विश्लेषण तो बहुत बाद में हुआ किंतु हमारे पुरखों, योगियों ने इसकी खूबियों को अरसे से जाना है उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 सफल होता है तो उसके बहुत फायदे व मायने हैं इससे किसानों को उपज का उचित मूल्य मिलेगा और स्टार्टअप को बहुत सारे अवसर प्राप्त होंगे, साथ ही होटल उद्योग व टूरिज्म उधोग में इन चीजों की मांग बढ़ेगी और आने वाले समय में फिटनेस एक्सपर्ट, ब्यूटीशियन, डाइटिशियन भी इस उत्पाद को सेवन करने की सलाह देंगे। भारत आने वाले समय में मिलेट के लिए इंटरनेशनल हब बन सकता है जिसकी पूरी संभावना है तो हमारे यहां निर्यात बढ़ जाएगा ऐसी स्थिति में भारत शासन व राज्य शासन को इसकी अधोसंरचना पर कार्य करते हुए निर्यात की विभिन्न पहलुओं पर कार्य करने की जरूरत है तथा स्टार्टअप करने वालों और किसानों को इंसेंटिव प्रदान करने की जरूरत है। आयोजक एलुमनी समिति के अध्यक्ष डॉ0 हरीश कुमार कश्यप ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में ‘स्वस्थ जीवन शैली व शुद्ध आहार व पानी’ एक बहुत बड़ी चुनौती है इस चुनौती को महाविद्यालय के युवा प्राध्यापक व छात्र-छात्राएं अवसर के रूप में बदलकर एक अच्छी और स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं। कार्यक्रम में उपस्थित महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रमोद तिवारी ने कहा कि मिलेट पर या युवा शक्ति को प्रेरित करने के लिए एलुमनी के द्वारा जो भी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है उसमें महाविद्यालय का पूर्ण सहयोग रहेगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ उमेश वैद्य धन्यवाद ज्ञापन डॉ निधि तिवारी ने किया।इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ किरण तिवारी, राजनीति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद यादव, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ दुर्गा शुक्ला, पुस्तकालय विज्ञान डॉ भावना वर्मा, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ पूजा मल्होत्रा, विभागाध्यक्ष कंप्यूटर एस एस ठाकुर, एनसीसी अधिकारी ले. निलेश तिवारी, प्रो. अरुण पांडे, मनोज कुशवाह , डॉ आयशा अहमद, प्राची देवांगन, पवनदीप कौर , राकेश दिवाकर, संजय लाल, एलुमिनी सदस्य तुलसी सोनी, रूपेश दुबे, खिलेश्वर सिंह के साथ 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने अपने सहभागिता दी। कार्यक्रम में उपस्थित प्राध्यापकों, एलुमिनि सदस्यों व छात्र-छात्राओं ने इस संबंध में अनेक प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासा को
संतुष्ट किया।

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