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छत्तीसगढ़

हिन्दी हमारी संस्कृति की अभिव्यक्ति का माध्यम:अनुसुइया

महासमुंद। पीजी कॉलेज के हिन्दी विभाग द्वारा विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर व्याख्यान पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता डा. अनुसुइया अग्रवाल प्राचार्य थी। अध्यक्षता हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. दुर्गावती भारतीय ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डा. रीता पांडेय, कला संकाय प्रभारी एवं डा. कीर्ति श्रीवास, सहायक प्राध्यापक वाणिज्य उपस्थित थी। व्याख्यान कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।मुख्य वक्ता डा. अनुसुइया अग्रवाल ने कहा-विश्व में हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए 10 जनवरी 1975 से प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय एकता की प्रतीक रही हिन्दी केवल हमारी मातृभाषा ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की अभिव्यक्ति का माध्यम है। जिस साहित्य की जड़े जितनी स्थानीय होंगी, वह उतना ही अन्तरराष्ट्रीय होता है। अध्यक्षीय उद्बोधन करते हुए डा. दुर्गावती भारतीय ने कहा-विश्व में 80 करोड़ लोग हिन्दी समझते हैं। विश्व की प्रभावशाली ताकतें हिन्दी की ताकत को देखकर अब हिन्दी में संदेश दे रहे हैं, चाहे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैंक्रो डोनाल्ड ट्रंप, बेंजामिन नेतन्याहू हो सोशल मीडिया में हिन्दी में संदेश देते हैं। विशिष्ट अतिथि डा. रीता पांडेय ने हिन्दी को स्वर भावो की जननी कहा। डा. कीर्ति श्रीवास ने हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार में हिन्दी सिनेमा, गीत-संगीत के योगदान पर प्रकाश डाला की किस प्रकार भारतीय गानों को विदेश में लोग बहुत पसंद करते है।कार्यक्रम में प्रो. करूणा दुबे, डा. नीलम अग्रवाल, डा. आरके अग्रवाल, प्रो. सी खलखो, डा. ईपी चेलक, मनीराम धीवर, सीमारानी प्रधान, अजय कुमार राजा, राजेश्वरी सोनी, सरस्वती सेठ, प्रदीप कन्हेर, प्रियंका सोनवानी, प्रियंका चक्रधारी, अजय कुमार देवांगन, दिलीप बढ़ाई, मनबोध चौहान, जगदीश सत्यम, दिलीप लहरे, वेद देवांगन, मृणाली चंद्राकर उपस्थित रहे।

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