छत्तीसगढ़

गांव तक पहुंच नहीं पाती एंबुलेंस, दशकों बाद भी सड़क जर्जर

सुकमा । सुकमा जिले के अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीण किस कदर आवश्यक सुविधाओं के लिए मोहताज हैं, इसकी एक बानगी ग्राम पंचायत चिंतलनार के ग्राम मुंडवाल में देखने को मिलता हैं, जहाँ जर्जर मार्ग होने के कारण एम्बुलेंस नहीं पहुँच पाती है। घण्टों एम्बुलेंस का फंसना आम बात हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि थोड़ी भी बारिश हुई तो गाडिय़ों का फंसना आम बात हो गई है, ताजा मामला है। ग्राम मुंडवाल की शिशुवती बुधरी पति कोसा राम की जो कुछ दिनों पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुसपाल में भर्ती हुई थी, जिसे डिलवरी के पश्चात उनके गृह ग्राम मुंडवाल में एंबुलेंस छोडऩे जा रही थी और सड़कों की दयनीय स्थिति के कारण एंबुलेंस रास्ते में ही घण्टों फंसी रही, जिसे उस मार्ग से गुजर रहे राहगीरों की मदद से निकाला गया। ग्रामीणों ने अपना रोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह आए दिन की घटना है इस दिशा में तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए
विदित हो किसी तरह उक्त खराब सड़क से निकल कर एम्बुलेंस ने पेशेंट को उसके घर छोड़ दिया, परन्तु वापसी के दौरान पुन: उसी स्थान पर घण्टों एम्बुलेंस फंसी रही, फिर किसी तरह मदद मिलने पर एम्बुलेंस को वहाँ से निकाला जा सका.
विकास का पहिया शहरों में ही थम गया है: दीपिका
इधर भाजपा मीडिया पैनलिस्ट मेम्बर छत्तीसगढ़ अधिवक्ता दीपिका शोरी को इस बात की जानकारी मिलने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार के विकास का पहिया शहरों में ही थम गया हैं गाँव के लोगों का इनको कोई ख्याल नहीं है। आप कांग्रेस सरकार की किसी भी योजना को ले लें यह सिर्फ शहरों और सड़क के किनारे बसे हुए कस्बों तक ही सीमित हैं। इन सभी स्थानों पर किए गए स्तरहीन कार्यों को दिखाकर भोले भाले ग्रामीणों को छलने का कार्य कर रहे हैं, जब राष्ट्रीय राजमार्ग 30 की यह हालत है तो आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि अंदर के हालात क्या होंगे।

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