विश्वेश्वरैया के विचारों से अच्छे कार्य करने की प्रेरणा मिलती है इंजीनियर्स को
कवर्धा । 15 सितंबर को इंजीनियर सर एम विश्वेश्वरैया की जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है जिन्हें इंजीनियरिंग का जनक भी कहा जाता है यह उत्सव देश के विकास में योगदान देने वाले सभी सिविल इंजीनियरों को सम्मान प्रदान करता है देश की सेवा ही विश्वेश्वरैया की तपस्या थी 1955 में उनकी अभूतपूर्व एवं जनहितकारी उपलब्धियां के लिए देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया । इंजिनियर यानी “अभियंता” समाज के बुनियादी ढांचे की रीढ़ हैं। सड़कें, पुल और गगनचुंबी इमारतें बनाने से लेकर जीवनरक्षक चिकित्सा उपकरणों के डिजाइन और अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर विकसित करने तक, “अभियंता” लगभग हर उस तकनीकी प्रगति के पीछे हैं, जिसका लाभ सभी आज उठा रहे है । कार्यपालन अभियंता लावण्य पुष्प परगनिहा , कार्यपालन अभियंता दिलीप सिंह राजपूत , कार्यपालन अभियंता एस के ठाकुर , कार्यपालन अभियंता बी एन भोयर , कार्यपालन अभियंता एम एल कुर्रे , एसडीओ गोपाल प्रसाद ठाकुर , एसडीओ विशाल नेताम , एसडीओ सचिन शर्मा , एसडीओ सुखनंदन राम , सहायक अभियंता संतोष गुप्ता , सहायक अभियंता सोमकांत गुप्ता , सेवानिवृत एसडीओ प्रेम ठाकरे , सहायक अभियंता मनोज सोनी , सहायक अभियंता आर एन निकुंज , सहायक अभियंता अरविंद निर्मलकर , सहायक अभियंता सौरभ देशमुख , उप अभियंता नरेंद्र राव गणवीर , उप अभियंता जे रितेश नायडू , उप अभियंता सुधीर श्रीवास्तव , उप अभियंता दुर्गा राय , उप अभियंता अलका डडसेना , उप अभियंता व्ही के अखंड , उप अभियंता बी आर सिन्हा , उप अभियंता आर एल छतरे , उप अभियंता सागर यादव , उप अभियंता ईश्वरी प्रसाद श्याम , उप अभियंता टोमन कुंजाम , उप अभियंता अश्विनी ठाकुर , , उप अभियंता भाग्यश्री ने विचार व्यक्त करते हुए कहा की एम विश्वेश्वरैया के विचारो से अच्छे से गुणवत्ता युक्त और ईमानदारी से इंजीनियर्स निर्माण करने की प्रेरणा मिलती है । फादर ऑफ़ इंजीनियरिंग के नाम से विश्व विख्यात है कई इंजीनियर्स ने यह भी बताया । विश्व में महान निर्माण कार्यों के लिए विख्यात थे इसलिए अभियंता दिवस के रूप में मनाया जाता है ।