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छत्तीसगढ़

गुरुकृपा शून्य से शिखर तक ले जाता है : सिन्हा

छुरा । युगों युगों से भारत में गुरु शिष्य परम्परा का समृद्ध इतिहास रहा है। गुरु को ब्रम्हा, विष्णु, महेश की संज्ञा दी जाती है। शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा जाता है। भारत के पहले उपराष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति और भारतरत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर प्रति वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन शिष्य अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर नगर के प्रतिष्ठित विद्यालय नेशन्स प्राईड पब्लिक स्कूल छुरा में बाल सदन, पालक समिति एवं शाला प्रबंधन समिति द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। समारोह में सेवानिवृत्त व्याख्याता, स्वावलंबन के पर्याय आदर्श शिक्षक के.आर. सिन्हा का सम्मान किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां भारती, मां सरस्वती एवं डॉ. राधाकृष्णन के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन अर्चन से हुआ। बच्चों ने शिक्षकों का तिलक वंदन एवं उपहार भेंट कर सम्मानित किया। समारोह में बच्चों द्वारा विभिन्न खेल पेपर डांस, कुर्सी दौड़, मेढक दौड़ आदि का आयोजन किया गया। शिक्षाविद के.आर. सिन्हा ने कहा कि गुरुजनों के बताएं मार्ग पर चलने से ही हमारी जिंदगी को सही दिशा मिलती है। शिक्षक केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं वरन् जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं, शून्य से शिखर तक पहुंचाते हैं। शिक्षकों के मेहनत, समर्पण और शिक्षण की कला हमें सिखाती है कि कैसे अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाएं एवं समाज में विशिष्ट पहचान बनाएं। समारोह को शाला संचालक ललित साहू, प्राचार्य संतोष निषाद और अन्य शिक्षकों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में शिक्षक अशोक कुमार साहू, कृष्णेश कुमार यादव, तरुण कुमार, माहेश्वर नायक, अर्चना साहू, मंजुलता साहू, शारदा सिन्हा, चितरंजनी निषाद, किरण निषाद, जया यादव प्रियंका साहू, देवबती निषाद, हसी साहू, सावित्री ध्रुव का बच्चों एवं पालक समिति के सदस्यों द्वारा सम्मान किया गया।

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