छत्तीसगढ़

आरक्षण विधेयक पर ऊहापोह बरकरार

रायपुर। राज्य में आरक्षण विधेयक को लेकर अब सियासत गर्म होती जा रही है। राज्यपाल ने इस विधेयक पर एक सप्ताह पश्चात भी हस्ताक्षर नहीं किए हैं। राज्य के अनुसूचित जाति और सवर्ण समाज के लोग भी इस विधेयक के विरूद्ध लामबंद हो रहे हैं। भविष्य में मुख्यमंत्री निवास का घेराव सहित अन्य आन्दोलन करने की रणनीति बनाई जा रही है।
राजभवन और मुख्यमंत्री सचिवालय आरक्षण विधेयक को लेकर आमने-सामने है। विधानसभा द्वारा विधेयक पारित कर दिया गया है। संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राज्यपाल को अब इस पर हस्ताक्षर करना है। लेकिन आज एक सप्ताह हो गया है, राज्यपाल ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। राज्यपाल ने रोस्टर लागू करने सहित अन्य विषयों पर बिंदुवार जानकारी ली है। शासन ने मनीष कुंजाम को रोस्टर समिति का प्रमुख बनाया है। मुख्यमंत्री एवं कैबिनेट मंत्री राजभवन के संपर्क में हैं। राज्यपाल अपने विधिक सलाहकार से रायशुमारी कर रहीं हैं।
आरक्षण विधेयक को लेकर अब सतनामी समाज के लोगों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। समाज के लोगों की बैठक चल रही है। वर्तमान विधेयक में 12 प्रतिशत आरक्षण सतनामी समाज को दिया गया है। इसे बढ़ाकर 16 प्रतिशत किए जाने की मांग की जा रही है। सतनामी समाज की बैठक में तय किया गया है कि शीघ्र ही मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा तथा सड़क की लड़ाई लड़ी जाएगी। इधर सवर्ण समाज ने भी 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। समाज के लोगों ने भी अब प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। राज्यपाल को ज्ञापन सौंप दिया है। राजभवन के अनुसार अभी तक राज्यपाल ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। 2 दिसम्बर को यह विधेयक पारित कर दिया गया है। इसके पश्चात इसे तत्काल राजभवन भेजा दिया गया। आरक्षण विधेयक को लेकर अब अधिवक्ता भी लामबंद हो गए हैं। वे इसे कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए आदेश का इंतजार किया जा रहा है।

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