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छत्तीसगढ़

सायबर अपराध से बचने के न्यायाधीश ने बताये उपाय

पत्थलगांव । सायबर अपराध के बढते मामलो को देखते हुये व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश उमेश कुमार भागवतकर ने ग्राम इंजको मे कार्यशाला का आयोजन किया।उन्होने ग्रामीणो को सायबर अपराध के साथ-साथ चिटफंड कंपनी के संचालको द्वारा धोखाखडी से रकम दोगुनी करने का झांसा देना,नशा मुक्ति,टोनही प्रताडना एवं अन्य प्रकार के अपराधो की रोकथाम पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी। दिन बुधवार को नजदीकी ग्राम इंजको मे न्यायाधीश उमेश कुमार भागवतकर ने कार्यशाला का आयोजन किया,जिसमे सैकडो की संख्या मे गांव के हर वर्ग से लोग मौजुद थे। उनका कहना था कि आदिवासी बाहुल्य ईलाका होने के कारण क्षेत्र के लोग बहुत जल्द ही बाहरी लोगो के बहकावे मे आ जाते है। बाहर से आये लोग यहा के लोगो के भोलेपन का फायदा उठाकर उन्हे साज बाग का सपना दिखाते है। उसके बाद वे यहा के लोगो को मानव तस्करी का शिकार बनाकर दूसरे प्रदेशो मे लेजाकर उनका शारीरिक एवं मानसिक शोषण करते है,जिससे बचने की सख्त आवश्यकता है। उन्होने इस तरह के मामले सामने आने पर व्यवहार न्यायालय या फिर नजदीकी थाना चौकी मे सूचना देने की बात कही। मोबाईल से बढते सायबर अपराध से बचने के भी उपाय बताये। उनका कहना था कि मोबाईल मे अक्सर लोग ठगबाजो के चंगुल मे फंसकर अपनी मेहनत की कमायी गंवा देते है उन्होने मोबाईल धारक लोगो को अनचाहे कॉल से बचने एवं कभी भी अपने बैंक खाते की जानकारी शेयर ना करने की बात कही। साथ ही उन्होने शराब के सेवन एवं अन्य मादक प्रदार्थो से होने वाले दुष्परिणाम के संबंध मे भी अवगत कराया। उन्होने टोनही प्रताडना एवं बाल विवाह जैसी कुरितियों से बचने के सुझाव दिये। ग्रामीण उनके सुझाव से बेहद उत्साहित नजर आये। अनेक ग्रामीणो ने कार्यशाला के दौरान न्यायाधीश से कानून के संबंध मे और अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाही।

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