सरकार बदली पर अधिकारियों की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया
राजिम- फिगेश्वर । इन दिनों एक बार फिर रेत खदानों में धड़ल्ले से नियम कानून को ताक में रखकर दिन रात 24 घंटे धड़ल्ले से चैन माउंटिग मशीन से नदी के बीच जाकर रेत का उत्खनन शुरू कर हाईवा गाडिय़ा भरी जा रही है। लगता है कि रेत माफिया काम चलाऊ सरकार की आड़ में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से काफी तेजी से मनमाने स्तर पर रेत खनन कर रहे है। बिड़ोरा-खुड़सा रेत घाट सहित रावण,चौबे बांधा , पिताईबंद,परसदा जोशी,के बीच से तो बिरोड़ा खदान में नदी के बीच सीमेंट पाईप और बेसरम के झाड़ की लकडिय़ों के ऊपर मनमाने ढंग से मुरूम डालकर बनाई गई सड़क से नदी के बीचों बीच हाईवा खड़ीकर चैन मांऊटिंग से खनन कर लोडिंग कर रेत का धड़ल्ले से परिवहन करते देखा गया। मनमाने तरीके से जहां जगह मिल रही है वहां चैन माऊटिंग खड़ी कर रेत का खनन शुरू कर दिया जाता है। दिनभर में हर समय आती-जाती हाईवा भरी जा रही है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि दिन-रात 24 घंटे में मनमाने संख्या में हाईवा लोड हो रही है। गांव वालो ने बताया कि मजदुरों द्वारा गाडिय़ा भरने के नियम के विरूद्ध मात्र चैन माऊटिंग से ही हाईवा लोड की जा रही है। रेत खनन का कोई लाभ गांव के मजदूरों को नहीं मिल रहा है। दिन में कम और रात में अधिक गाडिय़ा लोड की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि मतदान के दिन से अवैध खनन एवं अवैध परिवहन की एकाएक बाढ़ आ गई है। अधिकारियों की शह और षडयंत्र के चलते रेत माफिया धड़ल्ले से रेत खनन के साथ साथ दिन रात परिवहन कर सैकड़ों ट्रीप रेत बेच रहे है। रेत भरी हाईवा को तालपत्री से नहीं ढंकने पर रास्ते में राहगीरां को रेत के कण उडऩे से वे दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे है। यहां धड़ल्ले से परिवहन की जा रही वाहनों में पीटपास भी नहीं रहता है। यह अवैध धंधा विकासखंड के अन्य रेत खदानों में भी चल रहा हो तो कोई आश्चर्य नहीं है। रेत में इस प्रकार की लाखों रूपयों की चोरी समय देख देख कर पूरी योजना बनाकर हो रही है। हड़बड़ी के चलते हाईवा गाडिय़ों में मनमाने ढंग से रेत भरने से उसके वजन से अंचल की सड़के तेजी से टूट रही है। दिन रात हाईवा चलने से रोड में कभी भी दुर्घटना की आशंका भी बलवती है एवं तेज रफ्तार हाईवा से प्रतिदिन पशुओं की मृत्यु भी हो रही है। अंचलवासियों ने नवनिर्वाचित भाजपा विधायक रोहित साहू से अंचल में इस तरह धड़ल्ले से चल रहे अवैध रेत उत्खनन परिवहन पर रोक लगाने, अधिकारियों को निर्देश दिए जाने की मांग की है। ताकि इससे सरकार को होने वाले लाखों रूपयों के राजस्व नुकसान, तेजी से टूट रही सड़कों के साथ साथ निर्बाध गति से हो रहे आवागमन से संभावित दुर्घटना की संभावना को टाला जा सके।
इस संबंध में प्रभारी खनिज अधिकारी फागूलाल नागेश से जानकारी लेने पर उन्होंने कहा कि चैन माऊंटिग से रेत खनन नहीं किया जाना है केवल मजदूरों से ही रेत की लोडिंग कराई जानी है। मैं अभी मैनपुर में हूॅ खनिज निरीक्षक को भेजकर स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजता हूॅ।