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छत्तीसगढ़

मंडी की शासकीय भूमि में रुपये निवेश करने वालों की कम नहीं हो रही मुसीबत

पत्थलगांव । शहर के मध्य मेें ंंअरबो रूपये की शासकीय नजूल जमीन में रूपये लगाकर आलिशान भवन बनाने वाले निवेशको की मुसिबत थमने का नाम नही ले रही है। कुटरचना कर 9 डिस्मील से लगभग 12 एकड 27 डिस्मील जमीन अपने नाम कराने वाले धोखेबाज लोगो के खिलाफ अब कृषको ने भी न्यायालय मे याचिका दायर कर दी है। इससे पूर्व यहा के पार्षद अजय बंसल ने याचिका दायर कर मंडी की नजूल जमीन को धोखेबाज लोगो के चंगुल से निकालकर शासन के पक्ष मे करने की अपिल करी थी। पार्षद अजय बंसल ने अपनी दरख्वाश न्यायालय के साथ-साथ ब्लाक एवं जिला के राजस्व अधिकारी एवं सुबे के राज्यपाल तक पहुंचायी थी। बाद मे यह मामला ठंडे बस्ते मे समा गया,जिसके बाद मंडी की नजूल भूमि पर रूपये लगाने वाले निवेशक दिन मे खुली आंखो से सपने देखने शुरू कर दिये,परंतु उनकी खुशी ज्यादा दिनो तक टिक नही पायी। मिली जानकारी के अनुसार अरबो रूपये की जमीन आठ दशक पूर्व जिन किसानो ने गांव की बसाहट के लिए सरकार को दान मे दी थी,अब वे कृषक भी कुटरचना के खिलाफ होकर न्यायालय मे याचिका दायर कर इंसाफ की गुहार लगा रहे है। दरअसल शहर के मध्य स्थित नजूल भूमि खसरा नं-43/2 को गांव की बसाहट के लिए शहर के कुछ कृषको ने शासन को दान मे दी थी,शासन को दान मे जमीन मिलने के बाद शहर के निवासीयों को नजूल भूमि के तहत पट्टे बाटे जा रहे थे,इस दौरान शासन ने 1956 के दशक मे धरमजयगढ निवासी घीसूराम बनवारी लाल को 9 डिस्मील जमीन का आवासीय पटटा उपलब्ध कराया था,परंतु घीसूराम बनवारी लाल की नियत 9 डिस्मील का आवासीय पटटा लेकर पूरी नही हुयी। उनकी नजर किसानो द्वारा गांव की बसाहट के लिए दी गयी कई एकड भूमि पर टिकी हुयी थी,उनकी काली नजर को उस दौरान के तत्कालिक जिला कलेक्टर ने अपनी स्वीकृति दे डाली और देखते ही देखते घीसूराम बनवारी लाल ने कुटरचना से 9 डिस्मील के आवासीय पटटे को 12 एकड 27 डिस्मील मे तब्दील कर दिया।।
वर्ष 2000 मे शिकायत वर्ष 2016 मे जांच-:शहर के मध्य स्थित अरबो रूपये की नजूल भूमि मे फर्जीवाडा करने की पहली शिकायत वर्ष 2000 के दौरान नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष स्व.दुलार साय द्वारा दर्ज करायी गयी थी,उन्होने फर्जीवाडा के समस्त दस्तावेजो को सलंग्न कर यहा के थाने मे शिकायत दर्ज की गयी। शासकीय कार्यो मे होने वाली लेटलतीफी के कारण 2000 के दौरान दर्ज हुआ मामला की जांच 2016 मे शुरू हुयी राजस्व अधिकारीयों ने जांच के बाद मंडी की नजूल भूमि को कुटरचना से अपने नाम करने की रिपोर्ट पेश की गयी। तत्कालिक अधिकारीयों की रिपोर्ट के बाद पत्थलगांव थाना मे अपराध क्र.184/2016 भा.द.वि की धारा 420,467,468,471, एवं 120 बी के तहत अपराध भी पंजीबद्ध हुआ,परंतु उसके बाद भी किसानो द्वारा दी गयी जमीन की बिक्री होते रही।
पटटे की शर्तो का उल्लंघन-:चार दशक पूर्व जिला एवं ब्लाक मे बैठे राजस्व अधिकारीयों ने कुटरचना से शासकीय जमीन को अपनी बनाने वाले धोखेबाज लोगो का खुलकर साथ दिया। घीसूराम बनवारीलाल ने फर्जीवाडे के तहत मिली 7 एकड 65 डिस्मील जमीन रायगढ के एक व्यापारी को आठ रजिस्ट्री के माध्यम से बेच दी। राजस्व अधिकारीयों ने शासन द्वारा जारी पटटा की शर्तो के उल्लंघन की ओर से भी अपना ध्यान हटा दिया। मिली जानकारी के अनुसार घीसूराम बनवारी लाल को मिला 9 डिस्मील का पटटा पूर्णत: आवासीय था,किसानो द्वारा दी गयी बीस एकड से भी अधिक भूमि गांव की बसाहट के लिए आवास के नाम पर दान मे दी गयी थी,जिसका व्यवसायिक हस्तानंतरण नामुमकिन था,परंतुं कुटरचना एवं मिलीभगत के कारण किसानो की बेशकीमती जमीन अब व्यवसायिक परियोजनार्थ हेतु उपयोग होकर हजारो रूपये फिट मे बेची जा रही है।।
-उक्त नजूल भूमि के संबंध मे राजस्व न्यायालय के तहत नामांतरण या अन्य कोई संबंध मे मामला लंबित नही है।
आर.एस.लाल-अनुविभागीय अधिकारी राजस्व-पत्थलगांव

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