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छत्तीसगढ़

भागवत कथा कलयुग के दोषों को करती है दूर

तिल्दा, नेवरा । तिल्दा नेवरा आयोजित एक हजार आठ पोथी का दूसरा दिन भारी उत्साह में सुबह से भक्त पूजा करने अमित चावल उद्योग पहुंच रहे है एक ए साथ अक्टू तक पोथी ब्रंदावन से आए आचार्य सामूहिक मंत्र उच्चारण कर कृष्ण मय अवतावर्ण में आयोजन में समलित्त हो रहे है।
श्रीमद भागवत अष्टोत्तर सहस्त्र श्रीमद् भागवतकथा के प्रथम दिवस सुबह 8 बजे से पोथी सानिध्य लिए सैकड़ों यजमान परिवार कथाचर्यो के साथ भागवत पुराण का मूल पाठ किए उसके बाद मुख्य कथा प्रारंभ हुई जिसमे धाम वृंदावन के प्रख्यात भागवत प्रवक्ता हित ललित वल्लभ नागर्च जी महाराज ने ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बड़ा ही हर्ष का विषय है कि आज आपके नगर में अष्टोत्तर सहस्त्र श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ हुई है, जब हमारे जन्म जन्मांतरों के पुण्य का उदय होता है तब हमें कथा श्रवण करने का अवसर प्राप्त होता है। भागवत कथा कल्पवृक्ष है, श्रीमद् भागवत महापुराण पुराणों में तिलक है, यह कलयुग के दोसों को इस प्रकार दूर करता है जैसे सिंह की गर्जना सुनकर भेडिय़ा भाग जाते हैं इसी प्रकार भागवत कथा कलयुग के दोसों को दूर करती है, श्रीमद् भागवत परमहंसों की संहिता है, यह वैष्णव जनों का धन है, श्रीमद् भागवत मोक्ष प्रदान करने वाली है, धुंधकारी जैसे महा पापी का भी उद्धार हुआ। महाराज जी ने बताया कि भागवत भगवान कृष्ण की शब्दमयी प्रतिमा है। जीव को सदा ही भगवान के चरित्रों का श्रवण सदा ही करना चाहिए। कथा से एक दिन पूर्व भव्य कलश यात्रा तिल्दा नेवरा के पंचायती मंदिर से प्रारंभ की, जो की विभिन्न मार्गो से होते हुए सिनोदा रोड अमित चावल उद्योग कथा स्थल पर पहुंची कलश यात्रा में अपार जनसमूह उपस्थित रहा।
श्रीमद् भागवत कथा परिवार ने श्रोताओं से कथा श्रवण करने की अपील की है, सभी अधिक से अधिक संख्या में पधारे और धर्म लाभ प्राप्त करें कथा के भजन में श्रद्धालु राधे राधे के जयघोष से नृत्य किए और भावविभोर होकर कथा भजन का आनंद प्राप्त किए। जन्मदिन कथा वाचक का मनाया गया। इस अवसर पर कथा कार का जन्म दिवस मनाया गया।

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